REWA : पहली बार पड़ी ठंड के चलते ज्यादातर लोग अलर्ट : गलन भरी ठंड से ठिठुरने लगे लोग, रात में अलाव का ले रहे सहारा

 

REWA : पहली बार पड़ी ठंड के चलते ज्यादातर लोग अलर्ट : गलन भरी ठंड से ठिठुरने लगे लोग, रात में अलाव का ले रहे सहारा

रीवा । चालू वर्ष में पहला ऐसा मौका रहा जब रविवार की रात ठिठुरन भरी ठंड से गुजरी तो वहीं सोमवार को दिन धूप रही। पहली बार पड़ी ठंड के चलते ज्यादातर लोग अलर्ट रहे और गर्म कपड़ों के साथ दिन में धूप से शरीर को सेंकते हुए नजर आए। ज्ञात हो कि चालू वर्ष में अभी तक ठंड का ज्यादा असर नहीं रहा है। दिन में जहां चटक धूप के चलते लोग गर्म कपड़ों का उपयोग नहीं कर रहे है। वहीं रात में भी ठंड का ज्यादा असर अभी नहीं था। बीते 24 घंटे के अंतराल में मौसम में बदलाव आने के बाद ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

उत्तर भारत की सर्द हवाओं का असर

विंध्य क्षेत्र में उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं के चलते ठिठुरनभरी ठंड का असर पड़ने लगा है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो आने वाले समय में ठंड का असर और बढ़ेगा तथा सुबह के समय कोहरे का भी असर देखा जाएगा। दरअसल जम्मू काश्मीर, उत्तरांचल व अन्य क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ-साथ सर्द हवाएं चल रही हैं। सर्द हवाओं का असर उत्तर पूर्वी भारत में भी पहुंच रहा है। यही वजह है कि रीवा सहित विंध्य क्षेत्र में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

अलाव का ले रहे हैं सहारा

ठिठुरन भरी ठंड से बचने के लिए खुले आसमान के नीचे रहने वाले लोग अब अलाव का भी सहारा लेने लगे हैं। शहर के सॉई मंदिर, कोठी कम्पाउण्ड स्थित शिव मंदिर के आसपास रहने वाले लोग तथा बस स्टैण्ड, अस्पताल में रात के समय खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वाले लोगों के लिए ठिठुरन भरी ठंड किसी मुसीबत से कम नहीं होती। यही वजह है कि ठंड से बचने के लिए वे अलाव का सहारा भी लेने लगे हैं। हालांकि नगर निगम प्रशासन द्वारा अभी तक अलाव की व्यवस्था ऐसे स्थानों में नहीं बनाई गई है जिसके चलते खुले आसमान के नीचे रहने वाले स्थानीय लोग कागज, कचरा तथा अपने जुगाड़ से लकड़ी एकत्रित करके अलाव जलाने के साथ ही ठंड से बचने का जुगाड़ कर रहे हैं।

व्यापारियों को बढ़ी उम्मीद

बदले मौसम के बीच ठंड की शुरूआत हो जाने से शहर के ऊलन व्यापारियों में प्रसन्ना्‌ता व्याप्त हो गई है और ग्राहकों की वॉट जो रहे व्यापारियों को अब व्यापार तेज होने की उम्मीद भी जाग गई है। व्यापारियों की माने तो लगभग एक माह का समय ठंड का निकल चुका है। लेकिन ऊलन कपड़ों में अभी तक शून्य प्रतिशत व्यापार रहा है। मौसम के मिजाज से वे स्वयं चिंतित हैं कि इस वर्ष ठंड कमजोर पड़ेगी और उनका व्यापार भी कमजोर होगा। वहीं ठंड का असर आने से उन्हें व्यापार की उम्मीद बढ़ने लगी है।

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