MP : उपचुनाव में कई नेताओं क़ो पहुंची चोट तो कई नेताओं का पार्टी में बढ़ा कद : नेताओं के मेहनत की जमकर प्रशंसा

 

MP : उपचुनाव में कई नेताओं क़ो पहुंची चोट तो कई नेताओं का पार्टी में बढ़ा कद : नेताओं के मेहनत की जमकर प्रशंसा

उप चुनाव में कई नेताओं की साख और कद को चोट पहुंचाई तो कई नेताओं का रसूख उनकी पार्टी में बढ़ा भी दिया है। सबसे ज्यादा कांग्रेस नेताओं के कद को उप चुनाव ने बढ़ाया है तो कुछ विधानसभाआंे में भाजपा नेताओं की कार्यशैली व मेहनत की खुलकर प्रशंसा हो रही है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में गेम चेंजर साबित हुई बसपा, कांग्रेस दोनों का किया नुकसान

मुरैना जिले में कांग्रेस की सबसे बड़ी वोटों के हिसाब से तो दिमनी विधानसभा में हुई है लेकिन, राजनीति के ज्योतिषी कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत सुमावली विधानसभा में मान रहे हैं। जहां कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी नहीं था और चुनाव से पहले अजब सिंह कुशवाह को कांग्रेस में लाया गया। गौरतलब है कि अजब सिंह कुशवाह 2018 में सुमावली से ही भाजपा के प्रत्याशी थे और इससे पहले बसपा के टिकट पर भी चुनाव लड़ चुके। संगठन ने सुमावली विधानसभा की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौड़ को दी। बृजेन्द्र सिंह एक महीने पहले से सुमावली में आकर डट गए और अजब सिंह के चुनाव प्रचार से लेकर सभाआें तक की जिम्मेदारी बृजेन्द्र सिंह ने निभाई। बृजेन्द्र सिंह के ही कारण क्षत्रिय समाज का वोट अजब सिंह की ओर मुड़ा क्योंकि उन्होंने हर सभा में

रावत की मेहनत से फतेह हुआ मुरैना

मुरैना विधानसभा सीट को कांग्रेस के खाते में लाने का सबसे बड़ा श्रेय पूर्व मंत्री व मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत को जाता है। जब सिंधिया ने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ी थी तब, मुरैना कांग्रेस के तात्कालीन जिला अध्यक्ष और अब विधायक राकेश मावई ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा ज्वाइन करने के लिए भोपाल रवाना हो गए लेकिन, रामनिवास रावत ने शिवपुरी से राकेश मावई को वापस मुरैना लौटाया और कांग्रेस नहीं छोड़ने दी। राकेश को टिकट मिलने के बाद रामनिवास ने उनके चुनावी प्रचार से लेकर सभाओं तक में भूमिका निभाई।

दिमनी जिताने पर रवि जोशी का बढ़ा रुतवा

मुरैना जिले की सभी पांच विधानसभा सीट (जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह) में से सबसे जीत दिमनी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भिडोसा की हुई है। रविन्द्र भिडोसा ने वोट से कृषि राज्यमंत्री गिर्राज डण्डोितिया को हराया। रविन्द्र सिंह भिडोसा इससे पहले दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके। इस बार उनके चुनाव की कमान खरगोन विधायक रवि जोशी ने संभाली। रवि जोशी, रविन्द्र सिंह के भाषणों की स्क्रिप्ट से लेकर पैदल घूमकर जनसंपर्क करने तक की योजना बनाई। गांव-गांव चौपाल में नुक्कड़ सभा से लेकर बड़ी सभाओं में पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखा।

जौरा में दुर्गालाल की मेहनत के सीएम भी हुए कायल

केवल कांग्रेस नेता ही नहीं बल्कि, उप चुनाव में कुछ भाजपा नेताओं की मेहनत को भी खूब सराहा जा रहा है। पार्टी व संगठन में इन नेताओं का रुतबा बढ़ना लाजिमी है। इनमें सबसे पहला नाम श्योपुर के पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय जो जौरा विधानसभा के प्रभारी थे। जौरा में भाजपा की विजय के लिए दुर्गालाल ने करीब एक महीने पहले डेरा जमा लिया था। अग्रवाल समाज के वोट बैंक को भाजपा की ओर जोड़ने से लेकर चुनावी कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा का खाका दुर्गालाल ने खींचा। दुर्गालाल की मेहनत के कायल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हुए और एक सभा में दुर्गालाल की खूब तारीफ भी की। दुर्गालाल की खास बात यह रही कि वह श्योपुर से अपने भरोसेमंद नेताओं को जौरा लाए और जौरा की टीम के साथ मिलकर काम किया।

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