MP : आज फैसला होगा राज और नाथ का, मध्यप्रदेश का कौन होगा सरताज, किसकी होगी सत्ता की कुर्सी

 
MP : आज फैसला होगा राज और नाथ का, मध्यप्रदेश का कौन होगा सरताज, किसकी होगी सत्ता की कुर्सी


प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में वोटों की गिनती जारी है। 28 सीटों के शुरुआती रुझान आ गए हैं। इनमें 18 सीटों पर भाजपा और 9 सीट पर कांग्रेस आगे है, जबकि 1 सीट (मुरैना) पर बसपा आगे है। अब तक आए रुझानों में भाजपा का कमल खिलता दिख रहा है। शिवराज सरकार के 8 मंत्री आगे चल रहे हैं।

वहीं, सुमावली में मंत्री एंदल सिंह कंसाना और मेंहगाव से भाजपा प्रत्याशी और मंत्री ओपीएस भदौरिया पीछे हैं। ग्वालियर की तीनों सीट पर भाजपा आगे है। भोपाल संभाग की दोनों सीट (ब्यावरा और सांची) पर भी भाजपा लीड लिए हुए है। उधर, मालवा की 5 सीटों में से 2 पर सीट पर कांग्रेस बढ़त पर है। राज्य में 3 नवंबर को मतदान हुआ था।

मतगणना के बीच पूर्व सीएम कमलनाथ ने भोपाल में कमला पार्क स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद पीसीसी दफ्तर पहुंचे। वहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक घंटे रुक जाइए, सब क्लियर हो जाएगा।

चुनाव अपडेट्स:

सुरखी सीट से भाजपा प्रत्याशी और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत 3000 वोट से आगे।

सांवेर से भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट 1300 वोट से आगे चल रहे हैं। यहां से कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू प्रत्याशी हैं।

नेपानगर सीट में भाजपा प्रत्याशी सुमित्रा कास्डेकर आगे।

देवास की हाट पिपल्या सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राजवीर सिंह बघेल 1171 वोट से आगे।
सुवासरा से भाजपा प्रत्याशी हरदीप सिंह डंग आगे चल रहे हैं।

ब्यावरा से भाजपा प्रत्याशी नारायण सिंह पंवार एक हजार वोटों से आगे।

बदनावर में मंत्री व भाजपा प्रत्याशी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव 1650 वोट से आगे चल रहे हैं।
सांची से भाजपा प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी आगे चल रहे हैं।

डबरा सीट से भाजपा प्रत्याशी और मंत्री इमरती देवी 500 वोट से आगे।
ग्वालियर से भाजपा प्रत्याशी प्रद्यु्म्न सिंह तोमर आगे।

ग्वालियर पूर्व से भाजपा प्रत्याशी मुन्ना लाल गोयल 500 वोट से आगे।

आगर से कांग्रेस के विपिन वानखेड़े 1500 वोटों से भाजपा के मनोज ऊंटवाल से आगे।
बमोरी से मंत्री और भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह सिसोदिया आगे।

अनूपपुर से भाजपा प्रत्याशी और मंत्री बिसाहूलाल सिंह 1100 वोटों से आगे चल रहे हैं।

अम्बाह में कांग्रेस प्रत्याशी सत्यप्रकाश सखवार भाजपा के कमलेश जाटव से आगे चल रहे हैं।

भांडेर सीट से कांग्रेस के फूल सिंह बरैया आगे चल रहे हैं। यहां से भाजपा की रक्षा राम सिरोनिया प्रत्याशी हैं।

सुमावली में कांग्रेस प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाह भाजपा प्रत्याशी और मंत्री एंदल सिंह कंसाना पीछे हैं।

अशोकनगर की मुंगावली सीट से भाजपा प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह यादव 5383 वोट से आगे।
अशोकनगर सीट से भाजपा के जजपाल सिंह जज्जी 861 वोटों से आगे हैं।

पोहरी सीट में भाजपा प्रत्याशी और मंत्री सुरेश धाकड़ 200 वोट से आगे हैं। शुरुआती रुझान में बसपा प्रत्याशी कैलाश कुशवाह आगे थे।

भिंड की मेंहगाव सीट से कांग्रेस के हेमंत कटारे आगे। भाजपा प्रत्याशी और मंत्री ओपीएस भदौरिया पीछे।

सबसे जल्दी रिजल्ट अनूपपुर जिले से आने की उम्मीद है। यहां 18 राउंड में काउंटिंग होगी। सबसे लेट ग्वालियर के रिजल्ट आएंगे। यहां 32 राउंड काउंटिंग होगी। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला ने बताया कि इस बार सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए प्रत्येक राउंड में 14-14 टेबल होंगी।

प्रदेश में 46619 पोस्टल बैलेट डाले गए हैं। सबसे ज्यादा 3675 मेहगांव में और सबसे कम 491 करैरा में पड़े हैं। अनूपपुर में सबसे कम 18 राउंड हैं, इसलिए यहां नतीजा सबसे पहले, जबकि 32 राउंड वाली ग्वालियर पूर्व सीट का सबसे बाद में आ सकता है।

28 सीटों पर 12 मंत्री और 2 पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
शिवराज सरकार के 12 मंत्रियों और 2 पूर्व मंत्रियों ( तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पद से इस्तीफा दे चुके) की किस्मत का फैसला भी होगा। जानकार मानते हैं कि यदि मंत्री को हार का सामना करना पड़ा, तो भाजपा में उनकी राह आसान नहीं होगी। अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि इससे पहले चौधरी राकेश सिंह और प्रेमचंद गुड्‌डू को राजनीतिक भविष्य बचाने के लिए कांग्रेस में वापसी करनी पड़ी थी।

सीटों की संख्या के मायने
शिवराज सिंह चौहान: भाजपा को 20 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो शिवराज का कद तो बढ़ेगा, लेकिन सत्ता और संगठन में सिंधिया का दखल ज्यादा होने से उन्हें फैसले लेने की पूरी आजादी नहीं होगी। 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो सरकार में फैसले करने में शिवराज पर संगठन का ज्यादा दबाव रहेगा।

ज्योतिरादित्य सिंधिया: भाजपा के खाते में 20 से अधिक सीटें आती हैं, तो सिंधिया की प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर धमाकेदार एंट्री होगी और भाजपा में बड़े नेता के तौर पर उभर सकते हैं। यदि 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो प्रदेश की राजनीति में कम, केंद्र में सक्रियता ज्यादा रहेगी।

कमलनाथ: कांग्रेस यदि सिंधिया के गढ़ को धराशायी कर 20 से ज्यादा सीटें हासिल कर लेती है, तो कमलनाथ का कद कांग्रेस में और बढ़ जाएगा। दूसरा पहलू यह है कि यदि वे सरकार बनाने में कामयाब न हो सके और 10 से 15 सीटें ही मिलीं, तो प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक पद छोड़ने का दबाव बढ़ जाएगा।

दांव पर 'सरकार': जीत का गणित
विधानसभा की कुल सीटें: 230
(दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी के इस्तीफा देने के बाद एक सीट और खाली हो गई है)

अब कुल संख्या: 229
उपचुनाव: 28 सीटें
भाजपा: 107, (बहुमत के लिए 9 सीटें चाहिए)
कांग्रेस: 87 (बहुमत के लिए 28 सीटें चाहिए)

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