ALERT : 24 घंटे के अंदर मौसम बदलेगा अपना मिजाज : मध्यप्रदेश सहित इन सात राज्‍यों में तेज बारिश की संभावना

 
ALERT : 24 घंटे के अंदर मौसम बदलेगा अपना मिजाज : मध्यप्रदेश सहित इन सात राज्‍यों में तेज बारिश की संभावना

दीवाली के बाद से ही देश का मौसम बदलने जा रहा है। मौसम के जानकारों का अनुमान है कि 14 नवंबर के बाद से एक नया सिस्‍टम बन रहा है जो कि अनेक राज्‍यों में बारिश लाएगा। स्‍कायमेट वेदर का ताजा अनुमान है कि देश के 7 राज्‍यों में 70 शहरों में अगले दो दिन तक तेज हवाओं के साथ हल्‍की से तेज बारिश होने की संभावना है। इस बारिश के चलते तापमान भी घटेगा और सर्दी भी बढ़ेगी। इन 7 राज्‍यों में मुख्‍य रूप से दिल्‍ली, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश के कई शहर हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के उत्तरी भागों, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तकरीबन 15 सितंबर के बाद से मौसम शुष्क बना हुआ है। एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के करीब पहुंचने वाला है। इस सिस्टम का प्रभाव कल से दिखेगा। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों से इस साल मॉनसून विदाई से लगभग 1 माह पहले से ही काफी कमजोर हो गया था और बारिश की गतिविधियां सितंबर के पहले पखवाड़े के बाद से ही बहुत कम हो गई थी। जानिये देश में कहां कैसा मौसम रहेगा।

दिल्‍ली में हुई तेज बारिश, लोगों को मिली राहत

वायु प्रदूषण के संकट के बीच दिल्लीवासियों को राहत नसीब हुई। संडे की शाम को दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में रविवार को भारी बारिश हुई। भारी बारिश की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आने की संभावना है। मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में हल्की से भारी बारिश का अनुमान लगाया था। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (च्ॠक़ॠङ) ने कहा था कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिखरी हुई वर्षा के बाद 16 नवंबर तक "बहुत खराब" होने की संभावना है। 16 नवंबर, “च्ॠक़ॠङ ने आज से पहले अपने आधिकारिक प्रसारण में कहा था। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (क़्घ्क्क्) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, क्ष्च्र्ग्र् के पास वायु गुणवत्ता सूचकांक (ॠघ्र्क्ष्) 461 था, जबकि आनंद विहार में यह 460 था। क्ष्क्रक्ष् हवाई अड्डे के पास, ॠघ्र्क्ष् 382 पर था जबकि लोधी रोड पर 322 था।- दिल्ली और एनसीआर के शहरों में भी 15 नवंबर को यानी दीपावली के अगले दिन कुछ स्थानों पर वर्षा देखने को मिल सकती है। कुछ हद तक दिन के तापमान में गिरावट और प्रदूषण से राहत की अपेक्षा की जा सकती है।

14-16 नवंबर को राजस्थान में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनू, अलवर, जयपुर, भरतपुर, करौली, दौसा, धौलपुर में भी हल्की वर्षा होने की संभावना है।

14-16 नवंबर को उत्तर प्रदेश में आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, कासगंज, बुलंदशहर, बदायूं, मेरठ, हापुड़, मुरादाबाद, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बागपत, गाजियाबाद में हल्की वर्षा हो सकती है।

14-16 नवंबर को हरियाणा में भी पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, फतेहाबाद, सिरसा, हिसार, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, चरखी दादरी, झज्जर, फरीदाबाद, पलवल में वर्षा देखने को मिल सकती है।

14-16 नवंबर को पंजाब में पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, बरनाला, संगरूर, पटियाला, बठिंडा, श्रीमुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फरीदकोट, फिरोजपुर में गर्जना के साथ हल्की वर्षा हो सकती है।

14 या 15 नवंबर को एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिमी विश्व के प्रभाव से विकसित होगा, जो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्वी राजस्थान में 15 और 16 नवंबर को वर्षा दे सकता है।

जालंधर, पठानकोट, लुधियाना, करनाल, पंचकूला, चंडीगढ़, आगरा, अलीगढ़, मथुरा, जयपुर समेत उत्तर भारत के शहरों में वर्षा की संभावना

नया पश्चिमी विक्षोभ 13 नवंबर से जम्मू कश्मीर को प्रभावित करेगा। 15 नवंबर को पंजाब, हरियाणा दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी राजस्थान सहित मध्य प्रदेश के उत्तरी जिलों में हो सकती है बारिश। 14 से 16 नवंबर के बीच जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में भारी बर्फबारी के आसार हैं।

अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान और मुज़फ़्फ़राबाद के ऊंचाई वाले हिस्सों में हल्की बारिश और हिमपात शुरू होने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में भी एक-दो स्थानों पर गतिविधियां शुरू हो सकती हैं।

अगले 24 घंटों के दौरान रायलसीमा, आंतरिक तमिलनाडु, केरल और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में हल्की बारिश के बीच कुछ स्थानों पर मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।

अगले 24 घंटों के दौरान आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के साथ-साथ अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं।

पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हवाओं के रुख बदलाव होने से दिल्ली प्रदूषण कुछ हद तक कम हो गया है। वायु गुणवत्ता में सुधार दिखाई दिया।



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