REWA : पूर्व विस अध्यक्ष के गांव अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं मिली तो ठेले पर शव रख ग्रामीण पहुंचे तहसील

 
REWA : पूर्व विस अध्यक्ष के गांव अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं मिली तो ठेले पर शव रख ग्रामीण पहुंचे तहसील

रीवा. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के गांव तिवनी में अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं मिली। गांव के शासकीय जमीन पर परिवार के लोग अंतिम संस्कार करने पहुंचे तो अतिक्रमणकारियों ने विरोध कर दिया। लाचार साकेत परिवार के लोग बस्ती के लोगों की मदद से बुजुर्ग महिला का शव ठेले पर लेकर मनगवां तहसील एसडीएम कार्यालय परिसर पहुंच गए। ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम मय अमले के साथ गांव पहुंचे। एसडीएम की मौजूदगी में गांव के ही विकास तिवारी ने दस डिसमिल भूमि हरिजन परिवार के दाहसंस्कार के लिए दान में दी।

REWA : पूर्व विस अध्यक्ष के गांव अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं मिली तो ठेले पर शव रख ग्रामीण पहुंचे तहसील

मनगवां तहसील के तिवनी गांव के डुग्गी टोला में वर्षीया दुअसिया साकेत पत्नी विशाले साकेत की मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए गांव के सरकारी तालाब पर ले गए। स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया। ग्रामीणों ने तालाब को सार्वजनिक निस्तार के विरोध के बाद परिजन दुअसिया का शव ठेले पर लेकर मनगवां तहसील पहुंच गए। परिसर में शव रखकर कहा कि गांव में सरकारी जमीन पर बड़े लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। भूमिहीन परिवार हूं। अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं है। एसडीएम एके सिंह ने ग्रामीणों को समझाइस दी।

एसडीएम पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे 
एसडीएम पुलिस बल के साथ स्वयं गांव पहुंच गए। इस दौरान गांव के ही विकास तिवारी ने अंतिम संस्कार के लिए दस डिसमिल निजी भूमि दान देने की सहमती दी। एसडीएम ने विकास की ओर से दी गई भूमि पर दान करने की कार्रवाई से पहले ही दुअसिया के शव के अंतिम संस्कार के लिए अनुमति दी। वहां पर भू-स्वमी के सहमती से दाहसंस्कार किया गया। बताया गया कि विकास तिवारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहे श्रीनिवास तिवारी के परिवार के हैं। 

भूमि नहीं मिली तो तहसील में करेंगे दाहसंस्कार
तिवनी गांव के साकेत बस्ती में बुजुर्ग दुअसिया की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए गांव में जमीन नहीं मिली। बताया गया कि दुअसिया का परिवार भूमिहीन है। गांव में सरकारी भूमि पर अतिम्रमण और तालाब के आस-पास दाहसंस्कार नहीं करने दिया गया। परिवार के लोग तहसील में भूमि दिलाने के लिए अड़े रहे। घंटो मशक्कत के बाद भी साकेत परिवार को भमि नहीं मिल रही थी। ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी जमीन गांव में नहीं मिली तो वह तहसील परिवार में ही दाहसंस्कार करेंगे। एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाइस देने के बाद गांव में निजी भूमि पर दाहसंस्कार कराने के लिए स्वयं मौके पर पहुंचे। इसके बाद गांव में मामला शंात हुआ।

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