MP : स्पा सेंटर की तर्ज खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज मे शुरू होगी पंचकर्म की सुविधा : जानिए क्या होता है पंचकर्म

 

MP : स्पा सेंटर की तर्ज खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज मे शुरू होगी पंचकर्म की सुविधा :  जानिए क्या होता है पंचकर्म`

भोपाल । भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा सरकारी आयुर्वेद कॉलेज में पंचकर्म की सुविधा स्पा सेंटर की तर्ज पर शुरू की जाएगी। यहां किसी बड़े होटल के सुपर डीलक्स कक्ष की तरह पंचकर्म ईकाई बनाई जाएगी। कक्ष में टीवी, बैठने लिए कुर्सी, नहाने की सुविधा भी पर्यटकों को रिझाने के लिए मप्र पर्यटन विकास निगम के साथ मिलकर यह सुविधा शुरू की जाएगी। कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने भी मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने के लिए पंचकर्म को स्पा सेंटर की तर्ज पर शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन सरकार गिरने की वजह से अमल नहीं हो पाया।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया कि सारी व्यवस्थाएं होने के बाद पंचकर्म की दरें तय की जाएंगी। कलियासोत डैम के नजदीक कॉलेज होने की वजह से यहां प्राकृतिक सुंदरता भी है, इसलिए पर्यटकों के आने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पंचकर्म कराने के लिए आने वाले टूरिस्टों को तौलिया, साबुन समेत पंचकर्म में लगने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पंचकर्म के दौरान मधुर संगीत भी बजता रहेगा। एक दिसंबर को कॉलेज की स्वशासी समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुकी है। बता दें के अभी भी यहां पंचकर्म की सुविधा है। मरीजों से अलग-अलग पंचकर्म के लिए 20 से 100 रुपए तक फीस ली जाती है।

क्या होता है पंचकर्म में

वमन (उल्टी कराना)- सर्दी, खांसी व कफ के मरीजों के लिए।

विरेचण-शरीर से अपशिष्टों को बाहर निकालने के लिए अलग-अलग क्रियाएं।

बस्ती कर्म (एनीमा)- यह तीन तरह से दी जाती है। पेट के विकार के मरीजों के लिए यह फायदेमंद है।

नस्य कर्म (नाक से औषधियां देना)- नाक से द्रव या पाउडर डाला जाता है। सिर दर्द और मानसिक बीमारियों के लिए फायदेमंद।

रक्तमोक्षण- दूषित रक्त को दूर करने के लिए।

शिरोधारा- तेल या दूध की धार शरीर के किसी हिस्से में गिराई जाती है। लकवा और अस्थि रोग के मरीजों के लिए। सबसे ज्यादा मरीजों में इसी का उपयोग किया जाता है।

स्वेदन- शरीर से पसीना निकालने के लिए मालिश की जाती है।

भाप देना- इलेक्ट्रिक से चलने वाली एक मशीन होती है। इसमें मरीज को डाल दिया जाता है। इसके बाद हल्की भाप दी जाती है, जिससे रोम छिद्र खुल जाएं।

पंचकर्म के प्रति लोगों को रुचि बढ़ी है

खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज बहुत अच्छी जगह पर है। वहां प्राकृतिक सुंदरता भी है। पंचकर्म के प्रति लोगों को रुचि बढ़ी है। कई बीमारियों में इसका बहुत फायदा देखने को भी मिला है। इसी वजह से यहां पर्यटकों के लिए अत्याधुनिक सुविधा वाली पंचकर्म यूनिट बनाने का निर्णय लिया गया है।

राम किशोर कांवरे राज्य मंत्री, आयुष

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