REWA : पुरवा जलप्रपात को मिलेगी विकास की नयी गति, बहते पानी से तैयार होगी बिजली : 25 मेगावॉट क्षमता से तैयार होगा प्रोजेक्ट

 
REWA : पुरवा जलप्रपात को मिलेगी विकास की नयी गति, बहते पानी से तैयार होगी बिजली : 25 मेगावॉट क्षमता से तैयार होगा प्रोजेक्ट

रीवा। जिले के जलप्रपातों से हर साल बड़ी मात्रा में पानी बहकर चला जाता है और उसका कोई दूसरा उपयोग नहीं हो पाता। इसलिए सरकार ने इसका उपयोग करने के लिए योजना तैयार की है। जिसके तहत पुरवा जलप्रपात में 24.75 मेगावॉट क्षमता का हाइडल पॉवर प्रोजेक्ट लगाया जाएगा। पानी जो प्रपात से नीचे गिरता है, उससे बिजली तैयार की जाएगी। शासन के स्तर से इसकी स्वीकृति हो गई है और अब पॉवर परचेज एग्रीमेंट का कार्य भी अंतिम चरण में है। पुरवा प्रपात में बिजली उत्पादन की इकाई स्थापित करने के लिए भोपाल की मेसर्स मार्शल स्माल हाइड्रो पॉवर लिमिटेड कंपनी को कार्य सौंपा गया है।

प्रोजेक्ट लगाने में कंपनी स्वयं की राशि खर्च करेगी और उससे उत्पादित होने वाली बिजली को खरीदने की जिम्मेदारी सरकार की होगी। कंपनी और सरकार के बीच अनुबंध से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं, कुछ अभी आखिरी दौर में हैं। बताया गया है कि कंपनी को आगामी 30 महीने के भीतर पॉवर प्लांट स्थापित कर बिजली उत्पादन भी प्रारंभ करना होगा। बताया जा रहा है कि आगामी साल के जून महीने तक कंपनी प्रोजेक्ट लगाने का कार्य प्रारंभ कर देगी। यह प्रोजेक्ट के सरकार के स्माल हाइडल पॉवर(एसएचपी) पालिसी के तहत स्थापित किया जा रहा है। जिसमें 25 मेगावॉट क्षमता से कम उत्पादन के प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग में होता है। 

पर्यटन की गतिविधियां नहीं होंगी प्रभावित
बरसात के दिनों में पुरवा फाल में तेज गति से पानी गिरता है। इसका नजारा देखने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। पानी का व्यवसायिक उपयोग करते हुए बिजली उत्पादन तो प्रारंभ किया जाएगा लेकिन उससे पर्यटन की गतिविधियां किसी तरह से प्रभावित नहीं हों इसका भी ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही प्रपात के भीतर तक लोग पहुंच जाते हैं जिससे उनके लिए खतरा उत्पन्न होता है। उस पर कंपनी सुरक्षा घेरा बनाएगी, जिससे पर्यटकों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। 

 
पिपराही में भी लगाया जा रहा प्रोजेक्ट
बाणसागर परियोजना की उत्तर प्रदेश को जाने वाली नहर का पानी पिपराही में नहर से नदी में गिराया जाता है, जहां पर प्रपात के रूप में पानी गिरता है। यहां पर भी शासन की एसएचपी योजना के तहत 38 मेगावॉट क्षमता के हाइडल पॉवर प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। चार इकाइयों में बंटे इस प्रोजेक्ट में 13.5 मेगावॉट के एक प्रोजेक्ट का कार्य पूरा भी हो चुका है लेकिन उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली बाणसागर नहर में लीकेज की समस्या के कारण पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। इस वजह से यहां पर बिजली उत्पादन नहीं हो रहा। साथ ही हैदराबाद की जो कंपनी प्रोजेक्ट लगा रही है, उसने भी पानी नहीं मिलने की वजह से अपने काम की गति को रोक दिया है। वहीं 24 मेगावॉट का एक पावर प्लांट में सिरमौर क्षेत्र में भी नहर पर लगाने की तैयारी है।

एसएचपी योजना के तहत 25 मेगावॉट से कम क्षमता का पॉवर प्लांट कंपनियों को स्वयं के व्यय पर लगाना होता है। इसी के तहत पुरवा फाल में प्रोजेक्ट लगाने की तैयारी है। बिजली का जो उत्पादन होगा उसके लिए कंपनी के साथ पॉवर परचेज एग्रीमेंट की प्रक्रिया चल रही है।

एसएस गौतम, कार्यपालन यंत्री नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा

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