DRIVERLESS तकनीक कैसे करेगी काम, जानिए - कैसी है देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो..
Dec 28, 2020, 15:53 IST
देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जानी हैं. पहले चरण में ड्राइवरलेस ट्रेन मजेंटा लाइन पर जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच दौड़ेगी.
देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया. देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जानी है. पहले चरण में ड्राइवरलेस ट्रेन मजेंटा लाइन पर जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच दौड़ेगी.
इसके बाद साल 2021 में पिंक लाइन में 57 किलोमीटर तक ड्राइवरलेस मेट्रो चलाने की योजना है, जो मजलिस पार्क से शिव विहार तक की दूरी तय करेगी. ड्राइवरलेस ट्रेन में 2,280 यात्री एक बार में सफर कर सकते हैं. इसमें हर कोच में 380 यात्री सवार हो सकते हैं. दिल्ली मेट्रो ने पहली बार सितंबर 2017 को इसका ट्रायल शुरू किया था.
ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन के फायदे
- मेट्रो की स्पीड बढ़ेगी, सफर का समय घटेगा
- मेट्रो के बीच की दूरी घटेगी तो फ्रीक्वेंसी बढ़ेगी
- मैनुअल गलती की संभावना खत्म होगी
ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन के कारण मैनुअल गलती की संभावना कम हो जाएगी. अभी मजेंटा लाइन पर ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन के तीसरे फेज के तहत ड्राइवरलेस मेट्रो का संचालन होगा. इस ग्रेड पर ड्राइवर का काम खत्म हो जाता है और ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटिक तरीके से चलती है. मगर इमरजेंसी के लिए ड्राइवर ट्रेन में ही मौजूद रहता है. इसे अटेन्डेन्ट कहा जाता है.
- यात्री ट्रेन वाली दिशा में सामने जाकर देख सकेंगे
- ट्रैक पर कोई सामान है तो अचानक लग जाएगा
- प्लेटफॉर्म पर लगे रहेंगे स्क्रीन डोर