10वीं-12वीं MP बोर्ड का बदला पैटर्न : पहले आधे घंटे में हल करने होंगे 30 प्रश्न, 10 प्रश्न 3 अंक के, 10 प्रश्न 4 अंकों के होंगे

 

10वीं-12वीं MP बोर्ड का बदला पैटर्न : पहले आधे घंटे में हल करने होंगे 30 प्रश्न, 10 प्रश्न 3 अंक के, 10 प्रश्न 4 अंकों के होंगे

हाई स्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षा में प्रत्येक पेपर में कुल 50 प्रश्न रहेंगे और कुल पूर्णांक 100 रहेगा। तीन और चार अंकों के प्रश्न उत्तर पुस्तिका में हल करना होंगे। ओएमआर शीट में काले गोले लगाकर पहले आधे घंटे में हल 30 प्रश्न करने होंगे। इसके बाद छात्रों को 20 सवाल के उत्तर कॉपी में लिखने होंगे। इसके लिए बचे हुए ढाई घंटे का समय दिया जाएगा। 10 प्रश्न 3 अंक के, 10 प्रश्न 4 अंकों के होंगे। गणित विषय का पेपर आखिरी में होगा। यह जानकारी माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने दी।

प्रश्न बैंक में से ही आएंगे प्रश्न, भोपाल में जांची जाएगी ओएमआर शीट

कोरोना काल के कारण बोर्ड ने इस बार 30 फीसदी कोर्स में कटौती की है। ऐसे में केवल 70 फीसदी पाठ्यक्रम से ही सवाल पूछे जाने हैं। इसलिए इस बार 30 सवालों को ओएमआर शीट पर टिक लगाकर छात्रों को हल करने होंगे। यह ओएमआर शीट की जांच भोपाल में होगी। इस बार कापियां भी पिछले सालों की तरह अन्य जिलों को नहीं भेजी जाएंगी। सभी विषयों के लिए प्रश्न बैंक फरवरी में माशिमं द्वारा वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। प्रश्न बैंक में प्रत्येक विषय के लिए 500 से ज्यादा प्रश्न रहेंगे। इस बार इसी बैंक से परीक्षा में सवाल पूछे जाएंगे। इसके अलावा एक भी सवाल इससे बाहर का नहीं होगा। यदि परीक्षार्थी इस प्रश्न बैंक को ठीक से पढ़ लेगा तो उसे परीक्षा में काफी सहूलियत होगी। बता दें कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 30 अप्रैल से शुरू होकर मई के तीसरे सप्ताह तक चलेंगी। बोर्ड द्वारा जल्द ही परीक्षा का टाइम टेबल घोषित कर दिया जाएगा।

एयरपोर्ट रोड स्थित नरसिंह वाटिका में आयोजित एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए जुलानिया ने कहा कि शिक्षा और सरकार का काम निजी स्कूल संचालक कर रहे हैं। प्रदेश के बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में अगर मॉडल स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो निजी स्कूलों का रिजल्ट सरकारी से बेहतर रहा है। प्रदेशभर के छात्रों की संख्या में से एक तिहाई छात्र निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। इसके चलते अब आगामी दिनों में निजी स्कूलों के शिक्षकों की भागीदारी पेपर सेटिंग व नीति में भी बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। मान्यता व अन्य मामलों में कागजी कामों को कम कर रहे हैं। अब छात्रों की पढ़ाई का मीडियम और विषय परिवर्तन के लिए भी निजी स्कूलों की बोर्ड पर निर्भरता समाप्त होगी।

माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने एयरपोर्ट रोड स्थित नरसिंह वाटिका में आयोजित एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे पहली बार पता चला कि निजी स्कूलों के 26 करोड़ रुपए के करीब मंडल में जमा हैं। इन्हें एडजस्ट कराया जाएगा या फिर वापस करवाने के प्रयास करेंगे। कार्यक्रम में एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग की पढ़ाई को लेकर नीतियां खराब हैं और उनमें कई खामियां हैं। इसके कारण छात्र निजी स्कूलों में एडमिशन लेते हैं। आरटीई इसका एक अच्छा उदाहरण है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के वेतन पर सरकार मोटी रकम खर्च करती है, लेकिन परीक्षा हुई तो वे फेल हो गए।

सहोदया ग्रुप के मोहित यादव ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षक का नाम फ्रंटलाइनर में कहीं देखने को नहीं मिला, जबकि 24 मार्च को लॉकडाउन लगा और उसके कुछ दिन बाद से ही शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई कराना शुरू कर दी थी। संजीवनी भावसार ने कहा कि निजी स्कूलों को गुणवत्ता वाले शिक्षकों को रखना चाहिए। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल सोनी भी विशेष रुप से मौजूद थे।

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