जुलाई तक खत्म हो जाएगी कोरोना महामारी, जानिए क्या बोले अमेरिकी वायरस एक्सपर्ट एंथोनी फाउची

 

जुलाई तक खत्म हो जाएगी कोरोना महामारी, जानिए क्या बोले अमेरिकी वायरस एक्सपर्ट एंथोनी फाउची

दुनिया के कई देशों में कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन का काम शुरू हो चुका है। भारत में भी सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार की जा रही कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीनेशन का काम तेजी से शुरू होने की उम्मीद है। आज भारत में वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया को लेकर कई जिलों में ड्राईरन भी चल रहा है। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के आने के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा 70 फीसदी और अधिक बढ़ गया है। लेकिन अमेरिका में वायरस विज्ञान के विशेषज्ञ और अमेरिकी सरकार के सलाहकार एंथोनी फाउची का कहना है कि दुनिया से जुलाई तक कोरोना महामारी का अंत हो जाएगा।

फाउची बोले, सही तरीके से करना होगा वैक्सीनेशन का काम

अमेरिका के वायरल डिसीज एक्सपर्ट डॉक्टर एंथोनी फाउची ने कहा कि अगर दुनिया में सभी देश वैक्सीनेशन का काम सही तरीके से पूरा करेंगे तो जुलाई 2021 तक कोरोना वायरस महामारी का सफाया हो सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि 70 फीसदी आबादी तक वैक्सीन की पहुंच हो जाए। अगर वैक्सीन का वितरण सही समय पर और सही तरीके से होगा तो दुनिया को कोरोना महामारी जुलाई तक खत्म होने की कगार पर आ जाएगी।

कोरोना का सबसे अधिक प्रभाव अमेरिका में

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन में कोरोना टास्क फोर्स के खास सदस्य डॉक्टर एंथोनी फाउची ने यह बात कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसन को दिए इंटरव्यू में कहा। फाउची ने कहा कि अमेरिका पर कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव दिखा है। फाउची ने दावा किया कि अप्रैल से जुलाई 2021 तक के महीने सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी खास होंगे। डॉक्टर फाउची ने कहा कि अगर लोग भी वैक्सीनेशन में मदद करते हैं और समय से वैक्सीन लगवाते हैं तो जुलाई तक स्कूल, थिएटर, स्पोर्ट्स क्लब्स और रेस्टोरेंट्स में पहले ही तरह खोले जा सकेंगे।

गौरतलब है कि डॉक्टर फाउची से पहले दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स भी कह चुके हैं कि अगर कोरोना को काबू में करना है तो दुनिया की 70 फीसदी आबादी को वैक्सीन लगानी होगी। हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन की दो डोज के हिसाब से 10 अरब डोज की जरूरत पड़ेगी। यह बहुत बड़ा काम है और दुनियाभर में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां हर साल अलग-अलग बीमारियों की करीब 6 अरब डोज बनाती हैं। ऐसे में वैक्सीन निर्माण में भी काफी समय लग सकता है।

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