ब्रेन सर्जरी के दौरान महिला गुनगुनाती रहीं गीता का श्लोक, डॉक्टर बोले- 9 हजार ऑपरेशनों में ऐसा पहला केस

 
ब्रेन सर्जरी के दौरान महिला गुनगुनाती रहीं गीता का श्लोक, डॉक्टर बोले- 9 हजार ऑपरेशनों में ऐसा पहला केस

नई दिल्ली। आमतौर पर ऑपरेशन करते समय डॉक्टर इंजेक्शन लगाकर मरीज को बेहोश करते है। ताकि मरीज को दर्द का अहसास ना हो। लेकिन हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां पर 36 साल की एक महिला की ओपन ब्रेस सर्जरी की गई। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि सर्जरी के दौरान दया भरत बुधेलिया श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का जाप कर रही थीं। सर्जरी करीब सवा घंटे तक चली और एक घंटे तक डॉक्टर्स उनके मुंह से गीता से श्लोक सुनते रहे। दया की इस श्रद्धा को देख वहा मौजूद डॉक्टर भी हैरान रह गए।

सवा घंटे चली सर्जरी
खबरों के अनुसार, सूरत में रहने वाली दया बुधेलिया के दिमाग में खिंचाव आ गया था। जांच करने में पता चला कि उनके दिमाग में गांठ है। डॉक्टरों के अनुसार, गांठ उस जगह थी, जिससे लकवा का खतरा था। इसके बाद सर्जरी की तैयारी की गई। 23 दिसंबर को न्यूरो सर्जन डॉ. कल्पेश शाह और उनकी टीम ने ऑपरेशन किया। यह सर्जरी गंभीर थी, इसलिए मरीज का होश में रहना जरूरी था। उनकी सर्जरी करीब सवा घंटे तक चली। 

9000 से ज्यादा ओपन सर्जरी में ये पहला केस
डॉ. कल्पेश शाह आश्चर्य जताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में अब तक 9000 से ज्यादा ओपन सर्जरी कीं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ। मरीज को अवेक एनेस्थेसिया दिया गया था। यानी वे जागती रहें। सर्जरी के तीन दिन बाद दयाबेन को डिस्चार्ज कर दिया गया। दयाबेन बताती हैं कि वे बचपन से गीता पढ़ती आ रही थीं, इसलिए उन्हें श्लोक याद थे।

बचपन में मिला था गीता का ज्ञान
वहीं, दयाबेन के पति भरत ने कहा कि ब्रेन ट्यूमर की बात सुनते ही पूरा परिवार घबरा गया था। हमें ईश्वर पर श्रद्धा थी। जब दया सर्जरी के दौरान गीता के श्लोकों का जाप कर रही थीं, तब ऐसा लगा, जैसे कि स्वयं भगवान उनके पास आकर खड़े हो गए थे। दया कहती हैं कि गीता का ज्ञान तो बचपन में ही माता-पिता से मिल गया था। ईश्वर में मेरी पूरी आस्था है। यही संस्कार मैंने अपने बेटों को भी दिए हैं।

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