REWA : 36 शीशी नशीली कफ सिरप के साथ युवक गिरफ्तार, बयान में कबूला वाहन चोरी

 

REWA : 36 शीशी नशीली कफ सिरप के साथ युवक गिरफ्तार, बयान में कबूला वाहन चोरी

रीवा। नशीली कफ सिरप बेचने की शिकायत पर जिले की अमहिया पुलिस द्वारा अनुराग कुमार गौतम उर्फ राहुल पुत्र सुरेश कुमार गौतम उम्र 22 वर्ष निवासी जुड़ मनिया अमरपाटन जिला सतना को गिरफ्तार किया गया। जिसके पास से 36 शीशी नशीली कफ सिरप बरामद की गई। पुलिस अभी नशीली कफ सिरप को लेकर अनुराग से पूछताछ ही कर रही थी कि इसी बीच जिस बाइक से वह नशीली कफ सिरप लेकर जा रहा था वह चोरी की थी जिसके बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो एक के बाद एक 1 दर्जन से अधिक बाइक चोरी की गुत्थी सुलझ गई इसके बाद पुलिस ने टीम बनाकर अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर एक दर्जन बाइक बरामद कर ली है वहीं पुलिस का मानना है कि आगे आने वाले समय में और बाइक चोरी का खुलासा हो सकता है। जिसे लेकर पुलिस ने अनुराग को न्यायालय में पेश किया और 2 दिन की पुलिस रिमांड भी ली है।

4 थाना क्षेत्र में वारदात

पुलिस को दिए गए बयान में अनुराग ने बताया कि वह शहर के सिविल लाइन कोतवाली रायपुर कर्चुलियान, अमहिया थाना क्षेत्र में बाइक चोरी को अंजाम देता था। जिसके बाद वह बाइक को लेकर अमरपाटन चला जाता था वही उसे छुपाने का काम करता था।

5 हार में बाइक का सौदा

बयान में अनुराग ने पुलिस को बताया कि वह एक बाइक 5 हार रुपये में मिस्त्री को बेच देता था । जहां बाइक रिपेयरिंग का काम करने वाले मिस्त्री बाइक का पार्ट निकाल कर दूसरे बाइक में फिट कर देते थे इस पूरे धंधे में दोनों को फायदा हो जाया करता था वह पकड़ में भी नहीं आ रहा था हाल में ही उसने 15 दिन के अंदर कुल 12 स्थान पर बाइक चोरी की घटना को अंजाम दिया है हालांकि इस बीच वह बाइक को बेच नहीं पाया था इस कारण उसने बाइक को छुपाकर रख दिया था।

मास्टर की का इस्तेमाल

पूछताछ के दौरान अनुराग ने पुलिस को बताया कि वह बाइक चोरी करने के लिए मास्टर की का इस्तेमाल किया करता था इसके लिए उसने अलग-अलग कंपनियों की बाइक के लिए अलग-अलग मास्टर की बनवा रखी थी एक बार में ही मास्टर की न केवल बाइक का लॉक खोल देती थी बल्कि स्टार्ट होने में भी समस्या नहीं होती थी।

यहाँ हुई चूक

पुलिस ने बताया कि जब नशीली कब सिर्फ को लेकर आजा से पूछताछ की जा रही थी उस समय अचानक अनुराग के पास से जप्त की गई बाइक पर पुलिस की नजर पड़ गई बाइक में सामने दूसरा नंबर दर्ज था जबकि पीछे साइड 1 अंक का बदलाव देखा गया जिसके बाद कड़ाई से अजय से पूछताछ की गई और एक दर्जन से ज्यादा वाहन चोरी की गुत्थी सुलझ गई।

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