BHOPAL : पटरियों पर दौड़ने लगी 70 फीसद ट्रेनें, इन लोगों को नहीं मिल रही यात्रा करने की अनुमति

 

BHOPAL : पटरियों पर दौड़ने लगी 70 फीसद ट्रेनें, इन लोगों को नहीं मिल रही यात्रा करने की अनुमति

लॉकडाउन के बाद अब देश में 70 फीसद यात्री ट्रेनें फिर से पटरियों पर दौड़ने लगी हैं, लेकिन अब भी इनमें ऐसे लोगों को यात्रा करने की अनुमति नहीं मिल पा रही, जो अपने कामकाज या अन्‍य कारणों की वजह से रोज अप-डाउन करते हैं। इससे इन लोगों की परेशानी बढ़ गई है।गौरतलब है कि ये लोग कोरोना संक्रमण से पहले तक मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) लेकर एक से दूसरे स्टेशनों के बीच ट्रेनों में सफर करते थे। अकेले भोपाल रेल मंडल में ही रोजाना अप-डाउन करने वाले ऐसे 28,132 यात्री थे। प्रदेश के जबलपुर, रतलाम मंडल को मिलाकर यह संख्या एक लाख से अधिक है। ऐसे लोग अब बस, टैक्सी और निजी साधनों पर निर्भर हैं, जिसमें अधिक खर्चा आ रहा है। 50 फीसद अप-डाउनर्स तो आना-जाना बंद कर कामकाज वाले स्थानों पर किराए से कमरा या मकान लेकर रहने लगे हैं। कुछ समूह में वाहन किराए से लेकर आना-जाना कर रहे हैं। इनमें नौकरी-पेशा, छात्र, फुटकर व्यापारी, किसान समेत सभी वर्गों के लोग शामिल हैं।

रेलमंत्री, डीआरएम को किया ट्वीट

विदिशा अप-डाउनर्स एसोसिएशन ने प्रदेश के अप-डाउनर्स को ट्रेनों में यात्रा की अनुमति देने की मांग की है। एसोसिएशन की तरफ से रेलमंत्री पीयूष गोयल और भोपाल रेल मंडल के डीआरएम उदय बोरवणकर को ट्वीट किया गया है।

रेलवे बोर्ड समझे परेशानी

450 रुपये में एक महीने की सुपरफास्ट ट्रेन में एमएसटी बनाकर रोज भोपाल आता-जाता था। 40 मिनट लगते थे। अब बस से जाने के 70 और आने के 70 रुपये दे रहा हूं। दो घंटे लगते हैं। किराने के व्यवसाय में जितनी बचत नहीं हो रही है उससे अधिक खर्च हो रहा है। -हेमराज साहू, विदिशा

एक्सप्रेस ट्रेन की एमएसटी के महीने में 270 रुपये लगते थे। होशंगाबाद से भोपाल आने सवा घंटे लगते थे। बस से आने-जाने के 160 रुपये देने पड़ रहे हैं। समय भी दो घंटे लग रहा है। बहुत नुकसान हो गया है। -दिनेश शर्मा, होशंगाबाद

परिवार भोपाल में रहता है, नौकरी इटारसी में है। एमएसटी सुविधा बंद है, इसलिए परिवार को छोड़कर किराए से होशंगाबाद में रहता हूं। -योगेश भाटी, इटारसी

नौकरी करने वाले चार से छह लोगों ने मिलकर टैक्सी कर ली है। वे विदिशा से भोपाल आना-जाना करते हैं। कुछ लोग भोपाल में ही प्रति माह 6 से आठ हजार रुपये के मकान किराए से लेकर रहते हैं। -कमलेश सेन, विदिशा

अकेले विदिशा और गंजबासौदा क्षेत्र से रोजाना 12 हजार अप-डाउनर भोपाल-बीना के बीच आना-जाना करते थे, लेकिन कोरोना का हवाला देकर सुविधा बंद कर दी है। दोबारा शुरू नहीं की जा रही, जबकि ट्रेन यात्रायात सामान्य हो गया है। रेलवे को किसी भी तरह विकल्प निकालना चाहिए। रेलमंत्री व डीआरएम को अवगत करा चुके हैं। -अरुण अवस्थी, कार्यकारी अध्यक्ष, विदिशा अप-डाउनर्स एसोसिएशन

यह रेलवे बोर्ड स्तर का विषय है, इसलिए जोन व मंडल स्तर से कुछ नहीं किया जा सकता। बोर्ड के सामने एसोसिएशन की बात रखेंगे। -प्रियंका दीक्षित, मुख्य प्रवक्ता, पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर जोन

रेल मंडल - अप-डाउनर्स की संख्या

भोपाल - 28,132

जबलपुर - 18,354

रतलाम - 31,214

झांसी - 7,125

नागपुर - 10,200

कोटा - 8,127

नोट : झांसी, नागपुर और कोटा रेल मंडल मप्र में नहीं हैं, लेकिन इन मंडलों की सीमा प्रदेश से लगती है और एक अनुमान के मुताबिक उक्त मंडलों में दर्ज अप-डाउनर्स में अनेक हमारे प्रदेश के हैं जो एक से दूसरे शहरों के बीच ट्रेनों से सफर करते थे। अप-डाउनर्स की संख्या कोरोना संक्रमण के पूर्व की है।

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