MP : मल्टीटैलेंटेड आरोपी का जाल : BSC के छात्र ने क्राइम ब्रांच का पुलिसकर्मी बताकर की 22 हजार की ठगी : फिर ..

 

MP : मल्टीटैलेंटेड आरोपी का जाल : BSC के छात्र ने क्राइम ब्रांच का पुलिसकर्मी बताकर की 22 हजार की ठगी : फिर ..

क्राइम ब्रांच का एसआई बताकर प्राइवेट वार्ड ब्वॉय से 22 हजार की ठगी करने वाले शातिर जालसाज को पुलिस ने डिंडौरी से दबोच लिया। 19 साल का आरोप बीएससी का छात्र है। लेकिन तकनीकी रूप से इतना एक्सपर्ट है कि सॉफ्टवेयर की मदद से वह किसी भी गायब मोबाइल का IMEI नंबर डालकर मौजूदा संचालित सिम नंबर का पता लगा लेता था। गढ़ा पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है।

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18 फरवरी को सर्वेंट क्वार्टर गढ़ा निवासी आकाश मल्लाह (22) ने ठगी का मामला दर्ज कराया था। आकाश को जनवरी में एक गिरा हुआ मोबाइल मिला था। फरवरी में उसने एक सिम लगा कर उसका उपयोग शुरू कर दिया। 17 फरवरी की शाम को उसके मोबाइल पर एक कॉल आया। उधर से बताया गया कि वह गढ़ा थाने से एसआई मरावी बोल रहा है। अभी वह सायबर सेल में है। तुम्हारे पास जो मोबाइल है, उसकी चोरी की रिपोर्ट दर्ज है। तुमको और तुम्हारे परिवार को जेल जाना पड़ेगा।

मोबाइल की कीमत बताई 13 हजार ऐंठ लिए 22 हजार

फिर बोला कि मोबाइल की कीमत 13 हजार दे दो तो जेल जाने से बच जाओगे। आकाश डर गया। उसने दोस्त नीरज से 13 हजार रुपए और खुद नौ हजार रुपए उसके बताए खाते में जमा कर दिया। बावजूद वह चार हजार रुपए और जमा कराने के लिए धमका रहा था। पीड़ित आकाश ने समाजसेवी आशीष ठाकुर से मदद मांगी और थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई। गढ़ा पुलिस ने शनिवार को मामले में 420, 34 भादवि का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया था।

सायबर सेल की मदद से डिंडौरी से दबोचा

सायबर सेल की मदद से गढ़ा पुलिस ने बांकी शहपुरा डिंडौरी निवासी सोमनाथ साहू को गिरफ्तार कर लिया। उसका मोबाइल, दो सिम व एक एटीएम कार्ड जब्त किया है। 19 वर्षीय सोमनाथ साहू बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। वह तकनीकी रूप से काफी एक्सपर्ट है। टीआई गढ़ा राकेश तिवारी के मुताबिक आरोपी को रिमांड पर लेंगे। उसके बैंक खातों और अब तक कितने लोगों को वह ठग चुका है, इसके बावत पूछताछ करनी है।

सोशलमीडिया वेबसाइट से सीखा था मोबाइल नंबर का पता लगाना

सीएसपी गढ़ा तुषार सिंह के मुताबिक आरोपी से पूछताछ में पता चला कि उसने सोशलमीडिया वेबसाइट से ठगी सीखा था। उसके गांव और परिचितों के मोबाइल गुमने या चोरी होने पर वह खुद संपर्क करता था। अमूमन लोग मोबाइल में जियो के सिम का प्रयोग करते हैं। मोबाइल का आईएमईआई नंबर जियो के कस्टमर केयर 199 पर मैसेज करने पर यह पता चल जाता है कि वर्तमान में उसमें कौन सी जियो की सिम प्रयोग हो रही है। ये पता कर वह सामने वाले को पुलिस बनकर धमकाता था। मोबाइल के साथ पैसे भी वसूलता था। वहीं परिचित व गांव के लोगों से भी हजार से दो हजार रुपए मोबाइल खोजने के एवज में ले लेता था। अब तक तीन लोगों से इस तरह की ठगी की बात उसने स्वीकार की है।

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