MP में कोरोना की वजह से फिर सख्ती, भोपाल-इंदौर में मास्क लगाना अनिवार्य

 

MP में कोरोना की वजह से फिर सख्ती, भोपाल-इंदौर में मास्क लगाना अनिवार्य

कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के बाद मध्य प्रदेश सरकार को पुराना निर्देश फिर याद आ गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भोपाल में कोरोना पर समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि लगातार सतर्कता बरतना जरूरी है। इसके बाद प्रदेश में फिर से मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। देर शाम इसके निर्देश भी जारी हो गए।

मास्क पहनने का निर्देश पुराना ही है, पर अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसे सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा। राज्य में बीते 24 घंटे में कोरोना के 294 केस सामने आए हैं। इनमें 61% मरीज तो इंदौर (104 पॉजिटिव) और भोपाल (76 पॉजिटिव) में ही मिले हैं। इसके बाद सरकार ने फिर सख्ती की बात कही है।

केस घटे तो भूले ये निर्देश, अब फिर याद आए

बंद जगह पर 50 से ज्यादा और खुली मैदान में कार्यक्रम में 200 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते थे।

दुकानें रात 8 बजे तक ही खोले जाने के निर्देश थे।

किसी भी कार्यक्रम के लिए शासन की मंजूरी अनिवार्य थी।

सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य था।

ऑफिस और वर्क प्लेस में 50% की क्षमता से ही कर्मचारियों को बुलाने के निर्देश थे।

सभी को मास्क और सैनेटाइजर अनिवार्य था।

महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिलों से आने वालों की जांच होगी

शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टरों को क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि लापरवाही से कोरोना विकराल हो सकता है। CM ने कहा कि महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिलों से जो लोग प्रदेश में आ रहे हैं, उनका RT-PCR टेस्ट किया जाएगा। यहां शिवरात्रि पर होने वाले मेलों को लेकर भी सतर्कता बरती जाएगी।

प्रदेश में 2104 एक्टिव मरीज

मध्य प्रदेश में अभी 2104 एक्टिव मरीज हैं। इनमें इंदौर में 660 और भोपाल में 495 एक्टिव मरीज हैं। प्रदेश में अब तक 3854 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है। 24 घंटे में केस तो तेजी से आए हैं, पर मौत एक भी नहीं हुई है। राहत की बात यह है कि भिंड, छतरपुर, धार, मंदसौर, निवाड़ी और मुरैना में एक भी कोरोना मरीज नहीं है।

मध्य प्रदेश में लॉकडाउन की चर्चा

महाराष्ट्र के अमरावती में एक हफ्ते का लॉकडाउन और कई जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के बाद मध्य प्रदेश में भी लॉकडाउन लगने की चर्चा शुरू हो गई थी। कुछ पुराने सरकारी निर्देश भी सोशल मीडिया पर जारी किए जा रहे थे। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू की बात को नकार दिया था।

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