MP : भोपाल की झुग्गी में रहने वाली खुशी दाभाड़े तलवारबाजी में करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व

 

MP : भोपाल की झुग्गी में रहने वाली खुशी दाभाड़े तलवारबाजी में करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाणगंगा क्षेत्र की झुग्गी में रहने वाला दाभाड़े परिवार सीमित आय में बमुश्किल गुजर-बसर कर रहा है। परिवार के हर सदस्य की आखों में सपने हैं, लेकिन सभी सपने पूरा करना उनकी पहुंच से बाहर है। दो बेटियों का बेहतर भविष्य माता-पिता की पहली प्राथमिकता है। बेटियां भी उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही हैं। शायर दुष्यंत ने लिखा भी है 'कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।' परिवार की छोटी बेटी ने कड़ी मेहनत और लगन के दम पर तलवारबाजी में वो हुनर दिखाया कि झोपड़ी में 'खुशी' की बारिश होने लगी। 18 वर्षीय खुशी 19 से 23 मार्च तक रूस के कजान में होने जा रहे तलवारबाजी के विश्वकप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।

खुशी के पिता बाबाराव दाभाड़े एक एनजीओ में ओटी अटेंडर के पद पर कार्यरत हैं। मां विद्या दाभाड़े नर्स हैं। दोनों मिलकर बमुश्किल 20 हजार रुपए कमा पाते हैं। खुशी छह साल से मध्य प्रदेश खेल अकादमी में हैं। अकादमी उसकी शिक्षा, आवास, भोजन और प्रशिक्षण का खर्चा उठाती है। दरअसल खुशी के भाई (बड़े पिता के बेटे) प्रवीण दामले भी फेंसिंग के खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने ही खुशी को तलवारबाजी की राह दिखाई। खुशी की लगन देखकर कोच भूपेन्द्र सिंह चौहान ने ईपी इवेंट के लिए बेहतर समझा। इसके बाद गुरु-शिष्य ने जो लक्ष्य साधा तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक साल में ही खुशी मंझी हुई तलवारबाज की तरह प्रदर्शन करने लगी।

परिवार ने हमारी जरूरतों का ध्यान रखा

खुशी ने बताया कि मेरी जरुरतों को पूरा करने में कभी भी माता-पिता पीछे नहीं रहे। कर्ज लेकर या दूसरों से उधार लेकर हमें वो दिया, जो उनके बस में था। इसलिए जब भी कोई पदक जीतती हूं, तो पहला ध्यान माता-पिता का आता है। दो बार की वर्ल्ड चैंपियन तथा ओलंपिक पदक विजेता इटली की रोसिला फ्लेमिंगो मेरी रोल मॉडल हैं।

कभी मिस नहीं करती ट्रेनिंग

फेंसिंग अकादमी भोपाल के मुख्य प्रशिक्षक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि खुशी पूरे समर्पण भाव से प्रशिक्षण हासिल करती है और कभी भी ट्रेनिंग मिस नहीं करती।

एशियाई व ओलिंपिक पदक जीतना है सपना

खुशी दाभाड़े एशियन गेम्स और ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतना चाहती हैं। उन्होंने अभी तक राष्ट्रीय तलवारबाजी प्रतियोगिताओं में दो स्वर्ण, दो रजत और छह कांस्य सहित दस पदक मध्य प्रदेश को दिलाए हैं। वर्ल्ड कप टीम में उनका चयन रैंकिंग के आधार पर हुआ है।

प्रमुख उपलब्धि

- कैडेट नेशनल चैंपियनशिप 2017, 2018 में कांस्य पदक

- नेशनल चैंपियनशिप 2017 नासिक में रजत

- स्कूल नेशनल चैंपियनशिप इंफाल 2019 में रजत

- चौथी वेस्ट जोन नेशनल फेंसिंग चैंपियनशिप नासिक 2019 में स्वर्ण व कांस्य

- 65वीं स्कूल नेशनल चैंपियनशिप चंडीगढ़ 2020 में स्वर्ण

क्या है ईपी की तलवार?

तलवारबाजी में तीन इवेंट होते हैं। इनमें ईपी इवेंट में तलवार की लंबाई 110 सेंटीमीटर तथा वजन 750 ग्राम होता है। सबसे वजनदार तलवार इसी वर्ग में होती है।

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