REWA : शहरों में विवाहघरों के संचालन को लेकर नई गाइडलाइन जारी, बिना लाइसेंस वाले मैरिज हॉल होंगे बंद : संचालकों में मचा हड़कंप

 

REWA : शहरों में विवाहघरों के संचालन को लेकर नई गाइडलाइन जारी, बिना लाइसेंस वाले मैरिज हॉल होंगे बंद : संचालकों में मचा हड़कंप

रीवा। लंबे समय से शहरों में विवाहघरों के संचालन को लेकर कोई ठोस नियम प्रभावी नहीं होने की वजह से उठ रही मांग पर अब राज्य सरकार ने गाइडलाइन तय कर दी है। जिससे शहर में अब वहीं विवाहघर संचालित हो सकेंगे जो निर्धारित मानक के अनुरूप व्यवस्थाएं उपलब्ध कराएंगे।

कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन को अमल में लाए जाने का निर्देश सभी नगरीय निकायों को दिया गया है। रीवा में यह प्रक्रिया पहले से चल रही थी, नगर निगम ने शहर के बारातघरों का सर्वे करने के बाद लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

राज्य सरकार ने सभी नगरीय निकायों से कहा है कि गाइडलाइन के अनुसार संचालित होने वाले मैरिज हाल को लाइसेंस जारी करें और यदि जो अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं उन पर कार्रवाई होना चाहिए। नगर निगम के अधिकारियों के पास आए आदेश में कहा गया है कि आगामी छह मार्च के पहले शहर के सभी बारातघरों का लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पूरी करें, इसके बाद बिना लाइसेंस वालों को अवैध घोषित करने की कार्रवाई करते हुए उन्हें गिराने की कार्रवाई करनी होगी।

नई शर्तों में दो बिन्दु ऐसे हैं जिनका पालन शहर में संचालित सभी बारातघर नहीं कर रहे हैं। इसमें 12 मीटर की सड़क सामने हो और 25 प्रतिशत हिस्सा वाहन पार्किंग के लिए निर्धारित किया जाए। यदि शर्तों का पालन कराया गया तो करीब 90 फीसदी से अधिक बारातघर बंद हो सकते हैं। अब राजनीतिक प्रभाव से यह कार्रवाई रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

रीवा में हाईकोर्ट के निर्देश पर पहले से प्रक्रिया

रीवा शहर में बारातघरों के अवैध संचालन को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने नगर निगम को उन शर्तों के अधीन कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है, जो उज्जैन के नगर निगम ने निर्धारित किए हैं। इस पर निगम आयुक्त की ओर से शपथ पत्र भी कोर्ट में देकर कहा गया है कि वह प्रक्रिया को पूरी कराएंगे। लेकिन अभी तक सर्वे करने की प्रक्रिया में ही मामला अटका है। बीते साल तत्कालीन निगम आयुक्त सभाजीत यादव ने करीब दो दर्जन से अधिक प्रमुख बारातघरों में ताला लगवा दिया था। उनका तबादला होने के बाद स्थितियां पहले की तरह फिर से प्रारंभ हो गई हैं।

सार्वजनिक स्थलों पर विवाह के कार्यक्रम प्रतिबंधित

शहर में बारातघरों के लिए गाइडलाइन जारी करने के साथ ही सरकार ने यह भी तय किया है कि सार्वजनिक स्थल या पार्कों में विवाह के जो कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं वह अब नहीं होंगे। जो स्थल जिस उद्देश्य से बनाया गया है उसका वही उपयोग किया जाएगा। सड़कों को वैवाहिक आयोजनों के लिए बाधित करना भी प्रतिबंधित किया गया है।

ऐसे स्थान विवाह स्थल की श्रेणी में शामिल 

शासन द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में विवाह स्थल का मतलब भी स्पष्ट किया गया है। जिसमें कहा गया है कि नगरीय निकाय की सीमा में 50 से अधिक लोग एकत्रित करने की क्षमता वाले स्थान होटल, भूखंड, फार्म, सामुदायिक केन्द्र, भवन, क्लब, बैंक्वेट हाल, धर्मशाला, बारातघर आदि जो विवाह, सगाई, जन्मदिन एवं अन्य सामाजिक समारोह जिसमें उत्सव, प्रदर्शनी, कंवेंशन, गरबा, नव वर्ष आयोजन आदि के लिए उपयोग किए जाते हैं।

लाइसेंस के लिए इन शर्तों का पालन करना होगा

नेशनल बिल्डिंग कोड के तहत भवन क्षमता के अनुसार अग्रिशमन यंत्रों की व्यवस्था।

महिला-पुरुषों के लिए पर्याप्त शौचालय की व्यवस्था।

परिसर में आने और जाने के दो रास्ते अनिवार्य होंगे, एक रास्ते वालों का आवेदन स्वीकार नहीं होगा।

स्थल के पहुंच मार्ग सड़क की चौड़ाई न्यूनतम १२ मीटर अनिवार्य है। सामुदायिक केन्द्रों के लिए यह चौड़ाई ९ मीटर की होगी।

कचरा संधारण एवं गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था।

बिजली, पानी तथा इमरजेंसी लाइट की पर्याप्त व्यवस्था।

वाटर हार्वेस्टिंग की पर्याप्त व्यवस्था।

भोजन बनाने वाले जगह की पर्याप्त व्यवस्था, पार्क, विद्युत कनेक्शन, जनरेटर, आतिशबाजी के स्थान का अलग इंतजाम।

वाहन पार्किंग व्यवस्था कुल क्षेत्रफल के कम से कम 25 प्रतिशत हिस्से में अनिवार्य।

विवाह स्थल पर यातायात को बाधित होने से रोकने के लिए निर्धारित संख्या में सुरक्षा गार्ड।

विवाहघर संचालक को शपथ पत्र में सभी व्यवस्थाओं की जानकारी देनी होगी और सूचना बोर्ड भी बाहर प्रदर्शित किया जाएगा कि व्यवस्थाएं कितनी हैं।

वैवाहिक सीजन प्रारंभ फिर भी लाइसेंस नहीं किए जारी

शहर में एक बार फिर से वैवाहिक सीजन प्रारंभ हो रहा है। इसके पहले ही नगर निगम को सभी बारातघरों का सत्यापन करने के बाद लाइसेंस जारी करना था लेकिन अभी तक महज आधा दर्जन की ही प्रक्रिया पूरी हो सकी है। निगम के अधिकारियों पर आरोप लगते रहे हैं कि वह विवाहघर संचालकों के साथ मिलीभगत करके बिना अनुमति के भी संचालन करा रहे हैं। पूर्व में हुई शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की गई है।

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