REWA : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़कर शुरू किया था राजनीतिक सफर, 232 वोट से हराकर बने थे विधायक, आज खुद बने विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम

 
REWA : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़कर शुरू किया था राजनीतिक सफर, 232 वोट से हराकर बने थे विधायक, आज खुद बने विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम

17 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष विंध्य से बनेगा। यह संवैधानिक पद रीवा के देवतालाब से विधायक गिरीश गौतम को मिलेगा । इसका फैसला हो चुका है। गौतम का नाम संगठन ने आगे बढ़ाया है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीन दिन पहले गिरीश गौतम को भोपाल बुलाकर मुलाकात की थी। गौतम विधानसभा के 18वें अध्यक्षा होंगे। आज सर्वदलीय बैठक के बाद वे अपना नामांकन भरेंगे। गिरीश गौतम 4 बार के विधायक हैं।

बीजेपी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने शनिवार रात 8 बजे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के संबंध में चर्चा की। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सोमवार 22 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन होना है। हालांकि विधानसभा में विधायकों की संख्या के हिसाब से दोनों पद बीजेपी के खाते में ही जाएंगे। ऐसे में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों निर्विरोध चुने जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

गिरीश गौतम: 2003 में पहली बार बने विधायक

1972 से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। 1977 से लगातार किसानों एवं मजदूरों के लिए संघर्ष किया। 2003 में पहली बार विधायक बने। विधानसभा की लोक लेखा, महिला एवं बाल कल्याण, अजा-जजा तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य रहे। माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं गृह तथा शिक्षा विभाग की सलाहकार समितियों के सदस्य रहे।

2008 में दूसरी बार विधायक बने। इस दौरान प्राक्कलन, विशेषाधिकार, सार्वजनिक उपक्रम समितियों के सभापति रहे।

वर्ष 2013 में तीसरी बार विधायक बने। इस कार्यकाल में वे जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि जबलपुर की प्रबंध सभा के सदस्य, उत्तर-मध्य रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे।

वर्ष 2018 में वे चौथी बार चुनाव जीत कर विधायक बने

विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरू हो रहा है। पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने शनिवार को तैयारियों का जायजा लिया।

विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरू हो रहा है। पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने शनिवार को तैयारियों का जायजा लिया।

बजट सत्र शुरू होने से पहले रविवार को सुबह 11 बजे प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जिसमें यह तय होने की संभावना है कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्विरोध चुने जाएंगे या फिर चुनाव होगा? बैठक में कांग्रेस का रूख साफ हो जाएगा कि वह अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी या नहीं?

इधर, बीजेपी सूत्रों ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष का पद विंध्य के ही खाते में जाएगा। वजह यह है कि शिवराज कैबिनेट में विंध्य से प्रतिनिधित्व नहीं है। क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए विधानसभा अध्यक्ष इसी क्षेत्र से ही बगेगा .

17 साल बाद विंध्य के खाते में

विधानसभा अध्यक्ष का बाद 17 साल बाद एक बार फिर विंध्य के खाते में जाएगा। विंध्य के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 9 साल 352 दिन विधानसभा के अध्यक्ष रहे। उनका दो बार का कार्यकाल दिग्विजय सरकार के दौरान 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक रहा।

कमलनाथ ने तोड़ी परंपरा, नहीं देंगे उपाध्यक्ष का पद : वीडी शर्मा

शिवराज सरकार कांग्रेस को उपाध्यक्ष का पद देने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि कमलनाथ सरकार में भाजपा को यह पद नहीं दिया गया था। विधानसभा में सीटों के गणित के हिसाब से चुनाव होता है तो दोनों पद भाजपा के पाले में ही जाएंगे।

बता दें कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा कह चुके हैं कि मप्र विधानसभा में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव की परंपरा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तोड़ी थी। अब इसका खामियाजा तो कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। शर्मा ने स्पष्ट किया कि उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस को नहीं दिया जाएगा।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक 22 को

बजट सत्र के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक 22 फरवरी को शाम 7 बजे प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर होगी। बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति बनेगी। बजट पर बोलने के लिए कांग्रेस पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. 

पहले दिन साइकिल से विधानसभा जाएंगे विधायक

कांग्रेस विधायक बजट सत्र के पहले दिन 22 फरवरी को विधानसभा साइकिल से जाएंगे। पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि का विरोध करने कांग्रेस विधायक यह तरीका अपनाएंगे। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इसकी जानकारी दो दिन पहले ही मीडिया को दी थी।

बजट सत्र: अध्यादेश के स्थान पर आएंगे ये 11 संशोधन विधेयक

सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक

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राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन विधेयक

मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय द्वितीय संशोधन विधेयक

मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक

डॉ. बीआर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक

पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक

मध्य प्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर संशोधन विधेयक

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मध्य प्रदेश विनियोग संशोधन विधेयक

धार्मिक स्वतंत्रता संशोधन विधेयक

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