SIDHI : भाजपा सांसद रीति पाठक का नकली लेटर पैड बनाकर सिफारिश : विभाग ने फोनकर सांसद से पूंछा तो SDO की खुल गई पोल

 

SIDHI : भाजपा सांसद रीति पाठक का नकली लेटर पैड बनाकर सिफारिश : विभाग ने फोनकर सांसद से पूंछा तो SDO की खुल गई पोल

सीधी. पद की लालसा इंसान से क्या कुछ नहीं कराती। इसका ताजा उदाहरण सीधी जिले में सामने आया है। सीधी से भाजपा सांसद रीति पाठक ने पूर्व वन मंडल अधिकारी के खिलाफ थाने में FIR दर्ज कराई है। आरोप है कि वन मंडल अधिकारी ने लघु वनोपज संघ का अध्यक्ष बनने के लिए सांसद का पहले तो फर्जी लैटर पैड छपवाया और फिर उसके बाद उसका दुरुपयोग किया। इतना ही नहीं मामला उजागर होने के बाद अधिकारी ने भाजपा सांसद रीति पाठक को रिश्वत देने की भी कोशिश की। आरोपी अफसर वर्तमान में भोपाल में पदस्थ है।

फर्जी लेटर पैड बनाकर प्रमुख सचिव को भेजी सिफारिश

आरोप है कि पूर्व वन मंडल अधिकारी एसपी सिंह गहरवार ने सीधी-रीवा में अपने कार्यकाल के दौरान लघुवन वनोपज संघ का अध्यक्ष बनने के लिए 10 मार्च को सांसद रीति पाठक के फर्जी लैटर पैड से एक फर्जी लैटर तैयार किया। पैड पर क्रमांक 604/सीएमएस/एमपी/011/2021 अंकित किया और फिर उसे प्रमुख सचिव वन विभाग को भेजा जिसमें सांसद की ओर से उसे लघु वनोपज संघ का अध्यक्ष बनाए जाने की अनुशंसा की गई । लेकिन जब प्रमुख सचिव कार्यालय की ओर से सांसद रीति पाठक के पास फोन आया और उनके द्वारा की गई अनुशंसा के बारे में जानकारी दी गई तो वो हैरान रह गईं। उन्होंने प्रमुख सचिव को जानकारी दी कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं भेजा है। जब सांसद रीति पाठक ने पत्र की प्रति मांगी तो पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

सांसद को रिश्वत देने की कोशिश

फर्जीवाड़ा उजागर होने की जानकारी जब वन मंडल अधिकारी एसपी सिंह को लगी तो उसने सांसद रीति पाठक को रिश्वत देने की भी कोशिश की। वो मिठाई का डिब्बा और एक लिफाफे में कुछ रुपए लेकर उनसे मिलने पहुंचा। लेकिन इस दौरान सांसद रीति पाठक संसद सत्र चलने के कारण दिल्ली में थीं। जब वो वापस लौटीं तो अधिकारी फिर से मिठाई और लिफाफा लेकर उनके आवास पहुंचा और वहां डिब्बा और लिफाफा रखकर लौट आया। भाजपा सांसद रीति पाठक ने पैसों से भरा लिफाफा भी पुलिस को सौंपा है।

अधिकारी का विवादों से पुराना नाता

बता दें कि फर्जी लैटर पैड का इस्तेमाल कर लघु वनोपज संघ का अध्यक्ष बनने की सिफारिश करने वाले अफसर एसपी सिंह गहरवार का विवादों से पुराना नाता है। उन पर पूर्व में डीएफओ पर रिवाल्वर तानने का आरोप भी लग चुका है जिसके कारण वो निलंबित हो चुका है। अनियमितताओं के कई मामलों में भी गहरवार के खिलाफ जांच चल रही है।

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