REWA : विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल संजय गांधी के OPD में बढ़े ढाई गुना मरीज, दवा काउंटर की कतार में महिलाओं को हो रही दिक्कत

 

      REWA : विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल संजय गांधी के OPD में बढ़े ढाई गुना मरीज, दवा काउंटर की कतार में महिलाओं को हो रही दिक्कत

रीवा. संजय गांधी अस्पताल में पिछले माह की अपेक्षा आधे मार्च के बाद मरीजों की संख्या ढाई गुना बढ़ गई है। एसजीएमएच में दो दिन से पर्ची से दवा काउंटर से लेकर ओपीडी खचाखच रहा। सबसे अधिक मरीज मेडिसिन विभाग में बढ़े हैं। सर्जरी और अर्थोपेडिक के साथ ही शिशु एवं बाल्य रोग विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मेडिसिन विभाग में दमा, ब्रेनहेमरेज सहित अन्य विभाग के मरीजों की संख्या बढ़ी है। जबकि बच्चा वार्ड में निमोनिया व दस्त के मरीज बढ़ गए हैं।

हर माह तीस हजार से अधिक पहुंच रहे मरीज

विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल एसजीएमएच की पर्ची काउंटर पर मरीज जद्दो जहद कर रहे हैं। हर माह तीस हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। फरवरी की अपेक्षा मार्च में मरीजों की संख्या बढ़ गई। मार्च के शुरूआत में 500 से 800 तक मरीज ओपीडी में पहुंच रहे थे। बीते दिन सोमवार को एसजीएमएच में दोपहर 12 बजे तक की ओपीडी में 1775 मरीज पहुंचे। जिसमें मेडिसिन विभाग के 441 मरीज ओपीडी में पहुंचे। जबकि सर्जरी विभाग में 300 मरीजों का स्वास्थ्य चेकअप किया गया। जिसमें दस मरीजों को भर्ती कराया गया है।

अर्थोपेडिक में 181 मरीज ओपीडी पहुंचे

इसी तरह अर्थोपेडिक में 181 मरीज ओपीडी पहुंचे। दर्जनों की संख्या में मरीजों को भर्ती कराया गया है। शिशु एवं बाल्य विभाग में 150 मरीज पहुंचे। ज्यादातर बच्चों को दस्त, निमोनिया की शिकायत रही। बाल्य रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके बजाज ने बताया कि मार्च में दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बच्चों में निमोनिया के साथ ही बुखार की संख्या भी कम नहीं है। शेष सामाय सर्दी, जुकाम के भी मरीज आ रहे हैं।

दवा काउंटर पर पांच रखने की जगह नहीं

एसजीएमएच में पर्ची से लेकर दवा काउंटर तक सोमवार और मंगलवार को पैर रखने की जगह नहीं रहती है। सोमवार को ओपीडी में 1700 से अधिक मरीजों ने पर्चा कटवाई। दवा काउंटर पर पांच काउंटर खोले गए हैं। दोपहर तक दवा काउंटर में दवा लेने के लिए जद्दो जहद करना पड़ता है। दवा काउंटर पर कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मचारियों की मनमानी के चलते मरीजों को परेशान होना पड़ता है। महिला सुरक्षा कर्मचारियों के नहीं होने से दवा काउंटर की कतार में महिलाओं को दिक्कत हो रही है .

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