REWA : सरकारी स्कूलों और कॉलेज की जमीनों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

 

      REWA : सरकारी स्कूलों और कॉलेज की जमीनों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

रीवा। सरकारी स्कूल और कालेजों में अतिक्रमण होने को लेकर समय-समय पर चर्चा की जा रही हैं। लेकिन अभी तक जमीनों को खाली कराने के लिए प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिए हैं। ज्ञात हो कि हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सरकारी शिक्षण संस्थानों को लेकर जानकारी ली हैं।

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ज्ञात हो कि अतिक्रमण को लेकर पूर्व में भी अधिकारियों ने चर्चा किए था लेकिन उसमें कोई नतीजा नही निकला तो वही अतिक्रमण को लेकर एक बार फिर विभाग में सक्रियता दिख रही है। जानकारी के मुताबिक जिले में संचालित 25 ऐसी स्कूले हैं जहां स्कूल की जमीन पर अतिक्रमणकारियों को बेजा कब्जा है। बताया जा रहा है कि 35 स्कूलों में कब्जा था और अपसी समझाइस के बाद लगभग 10 स्कूलो की जमीन वापस लेकर निर्माण कार्य भी करवाया गया हैं। तो वही 25 स्कूलों की जमीन को वापस लेने के लिए प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ रही हैं। स्कूलों की जमीन में अतिक्रमण होने के कारण व्यावस्था में समस्या आ रही हैं। एक तरफ शासन प्रशासन बेहतर शिक्षा और स्कूलों में एक अच्छा माहौल बनाने की बात कह रही है तो दूसरी तरफ परिसर में अतिक्रमण हो जाने के कारण शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है।

ये हैं समस्याएं

सरकारी स्कूल की जमीनों में अतिक्रमण हो जाने के कारण स्कूल में बनाए जाने वाले बाउंड्रीवाल का निर्माण नहीं हो पा रहे हैं जिससे स्कूल का परिसर असुरक्षित है और उसमें असामाजिक तत्वों के साथ ही आवारा कुत्तों व मवेशी की धमाचौकड़ी होती हैं। जिससे पठन-पाठन का कार्य प्रभावित होने के साथ ही पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को समस्या होती है। जमीन की कमी के कारण खेल के मैदान नहीं बन पा रहे हैं और स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को उनकी रूचि की हिसाब से खेल का एक बेहतर माहौल नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह स्कूल परिसरों में बनाए जाने वाले प्रस्तावित नवीन भवन रसोई घर और शौचालय का निर्माण कार्य भी नहीं हो पा रहा है। शौचालय न होने की स्थिति में छात्र-छात्राओं को बाहर खुले आसमान के नीचे जाना पड़ता है।

पूर्व में भी भेजा गया था पत्र

सरकारी स्कूल की जमीनों में व्याप्त बेजा कब्जा होने की जानकारी और उसे हटाए जाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कलेक्टर कार्यालय को सभी स्कूलों के जमीन और उसमें व्याप्त अतिक्रमण की पूरी जानकारी तैयार करके भेजी थी। जिला प्रशासन उक्त मामले में शायद गंभीर नहीं, यही वजह है कि व्याप्त अतिक्रमण जस का तस बना हुआ है। शासन-प्रशासन के निर्देश एक बार फिर स्कूल शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए हैं। बेहतर संचालन के लिए अवकाश के दिनों में जो भी समस्याएं हैं उसका निराकरण किया जाए। अब देखना यह है कि सरकारी स्कूल की जमीनों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन किस तरह का कदम उठाता है।


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