MP : दो महीने में कोरोना ड्यूटी में लगे 726 शिक्षकों की मौत, 2845 संक्रमित : न इलाज में सरकारी मदद और न मुआवजे का प्रावधान

 

MP : दो महीने में कोरोना ड्यूटी में लगे 726 शिक्षकों की मौत, 2845 संक्रमित : न इलाज में सरकारी मदद और न मुआवजे का प्रावधान

भोपाल। प्रदेशभर में कलेक्टरों के निर्देश पर कोविड ड्यूटी में जुटे करीब साढ़े चार हजार शिक्षकों में से बीते दो महीने में 726 की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। जबकि 2845 शिक्षक संक्रमित हैं। लेकिन फिर भी सरकार इन्हें कोरोना वॉरियर नहीं मानती। क्योंकि शिक्षक राज्य सरकार की कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में शामिल नहीं हैं, ऐसे में न तो उन्हें इलाज के लिए सरकारी मदद ही ठीक से मिल पा रही है, न ही परिजनों को नौकरी या मुआवजा मिल पाएगा। ऐसे में शिक्षा विभाग के अफसर भी घबराए हुए हैं, उनका कहना है कि मृत शिक्षकों की संख्या बढ़कर 900 से अधिक हो सकती है, पुलिस, राजस्व या नगरीय निकाय के कर्मचारियों की तरह शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को मदद नहीं मिलने से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए स्कूल टीचर और प्रिंसिपल्स को डोर-टू-डोर सर्वेक्षण, सैंपल कलेक्शन, जांच केंद्र, कंटेनमेंट एरिया के सुपरविजन और चेक पोस्टों में यात्रियों व वाहनों की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। कई जिलों में बड़े अस्पतालों में आरआई-पटवारी के साथ भी इन्हें तैनात किया गया है। भोपाल एम्स में स्टाफ की कमी के चलते छह सहायक शिक्षक (ग्रेड-3) को तैनात किया गया है, जो ओपीडी में बैठकर ड्यूटी दे रहे हैं।

इन जिलों में सर्वाधिक शिक्षक संक्रमित

MP : दो महीने में कोरोना ड्यूटी में लगे 726 शिक्षकों की मौत, 2845 संक्रमित : न इलाज में सरकारी मदद और न मुआवजे का प्रावधान

किस वर्ग के कितने कर्मचारी संक्रमित

MP : दो महीने में कोरोना ड्यूटी में लगे 726 शिक्षकों की मौत, 2845 संक्रमित : न इलाज में सरकारी मदद और न मुआवजे का प्रावधान

मंडी समितियां: मृतकों को मिलेंगे 25 लाख

कोरोना काल में मंडियों में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी और संविदा कर्मियों की संक्रमण से मौत होने पर आश्रितों को 25 लाख रुपए दिए जाएंगे। यह राशि मंडी बोर्ड देगा। यह व्यवस्था एक अप्रैल से 31 जुलाई तक लागू रहेगी। एक दिन पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल की घोषणा के बाद आयुक्त प्रियंका दास ने इसके यह आदेश जारी कर दिए हैं।

मौतें हुई हैं, लेकिन इतनी ज्यादा नहीं

स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी का कहना है कि यह बात सही है कि कोरोना से शिक्षकों की मौतें हुई हैं, लेकिन इतनी ज्यादा संख्या नहीं हो सकती। विभाग ने महामारी में जान गंवाने वालों के लिए एक ट्रैकिंग सिस्टम बनाया है। ताकि निधन के बाद परिवार को तत्काल बाकी का पेमेंट हो सके। मार्च-अप्रैल माह में कोविड ड्यूटी से जुड़े सर्वाधिक 83 शिक्षक छिंदवाड़ा में मरे हैं। इसके बाद उज्जैन में 61 और सिवनी में 47 शिक्षकों की मौत हुई है। कोविड योद्धा कल्याण योजना सिर्फ 31 मई तक ही लागू है। इस योजना में शामिल कोविड वॉरियर का के इलाज के संपूर्ण खर्च सरकार उठाती है। इसके अलावा मौत होने की स्थिति में परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने का प्रावधान है।

पुलिस: 1200 संक्रमित, 24 की मौत, बिजली कंपनी में 150 से ज्यादा की मौत

कोरोना वॉरियर्स में शामिल पुलिस जवान भी संक्रमण की चपेट में हैं। महकमे में जनवरी 2021 से लेकर 28 अप्रैल तक 1200 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए हैं। इनमें से 24 की मौत हो चुकी है। संक्रमित होने वालों में ज्यादातर ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। इसके अलावा बिजली कंपनी के अफसरों के मुताबिक बीते दो महीने में कोरोना संक्रमण से उनके 150 से अधिक कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।

Related Topics

Latest News