MP : दिल्ली से छतरपुर के लिए निकले मजदूरों से भरी बस झांसी हाईवे पर पलटी, 52 सीटर बस में भरे थे 100 यात्री : 2 की मौत, 15 घायल
दबकर दो की मौत
बस पलटने से उसके नीचे दबकर छतरपुर के दो मजदूरों की बस के नीचे दबने से मौत हो गई है। घटना में घायलों को मौके पर ही उपचार कराया गया। कुछ को डबरा तो कुछ को ग्वालियर भेजा गया है। क्रेन की मदद से बस को हटवाकर उसके नीचे से शव निकाले गए हैं। मृतक बुरी तरह दबे हुए हैं। वह कौन थे यह अभी पहचान की जा रही है।
कांच फोड़कर बचाए 20 यात्री
पुलिस स्पॉट पर पहुंचती उससे पहले आसपास के लोग वहां पहुंच गए। गांव के लोगों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। बस की खिड़कियों के कांच फोड़कर अंदर पहुंचे और वहां से बच्चों और महिलाओं को बाहर निकाला है। महिलाओं ने बस से कूदकर अपनी जान बचाई है। इसके बाद पुलिस कप्तान अमित सांघी खुद स्पॉट पर पहुंच गए। पुलिस ने क्रेन की मदद से बस को उठवाकर अन्य घायलों को बाहर निकलवाया।
52 सीटर में बैठे थे एक सैकड़ा यात्री
हादसे की मूल वजह लॉकडाउन से घबराकर मजदूरों का घर लौटना नहीं बल्कि 52 सीटर बस का ओवरलोड होना था। बस में 52 लोगों को बैठाने की सीट थी, लेकिन ज्यादा कमाने के लालच में बस के स्टाफ ने एक सैकड़ा सवारी भर लीं। ऐसा भी पता लगा है कि इन मजदूरों से दोगुना किराया भी लिया गया है। यदि RTO का अमला मंगलवार सुबह चैकिंग कर रहे होते तो यह हादसा होता ही नहीं, लेकिन वह तो सिर्फ हादसे के बाद ही चैकिंग करने निकलते हैं।
लॉकडाउन की दहशत में लौट रहे थे घर
हादसे में घायल रामवती ने बताया कि वह अपने पति के साथ दिल्ली की एक मल्टी में मजदूरी करती है। दो बच्चे भी साथ रहते थे। पिछले साल वह पैदल चलकर अपने घर पहुंचे थे। दीपावली के बाद फिर काम पर पहुंच गए थे। अभी दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा हुई तो लगा कि फिर से न फंस जाएं। इस पर वह वापस अपने घर टीकमगढ़ के लिए लौट रहे थे।
छतरपुर निवासी रामौतार का कहना है कि जिस समय हादसा हुआ वह नींद में था। रात 2 बजे दिल्ली से चले थे। वह दिल्ली सरकार के एक सीवर प्रोजेक्ट पर मजदूरी कर रहा था। वहां ठेकेदार से पता लगा कि फिर लॉकडाउन लग रहा है। इसी डर से परिवार को लेकर रात को ही जो बस मिली उसमें सवार हो गए। हादसे के समय बस रफ्तार में थी।