क्या स्तनपान एक प्रभावी गर्भनिरोधक है? जी हां, एक्‍सपर्ट कर रही हैं 98% समर्थन

 

क्या स्तनपान एक प्रभावी गर्भनिरोधक है? जी हां, एक्‍सपर्ट कर रही हैं 98% समर्थन

यह प्रकृति का तोहफा है मां और बच्‍चे दोनों के लिए। जब तक मां बच्‍चे को ब्रेस्‍टफीड करवाती है तब तक गर्भधारण की संभावना 98% तक नहीं होती। उनकी बॉन्डिंग के बीच कोई तीसरा न आए, इसलिए मां का शरीर प्राकृतिक तौर पर गर्भ धारण की बजाए वात्‍सल्‍य के संकेत देता है। इसे समझने के लिए आपको हॉर्मोन्‍स को समझना होगा।

स्‍तनपान और गर्भनिरोधक के बीच के संबंध को समझने के लिए आपको मासिक धर्म में हॉर्मोन्स की भूमिका को समझना होगा।

साधारणत: महिलाओं में पिट्यूटरी ग्लैंड से निकलने वाले हॉर्मोन्स अन्य हॉर्मोन संबंधी बदलाव लाते हैं, जिनसे अंडाणु कोशिका युक्त ओवेरियन फॉलिकल का विकास होता है और वह मैच्योर होता है। इन हॉर्मोन्स को हाइपोथैलेमस नियंत्रित करता है।

समझिए पीरियड सायकल को

फॉलिकल से एस्ट्रोजन​ का स्राव होता है और आखिरकार यह फट जाता है जिससे अंडाणु कोशिका निकलती हैं। यह फटा हुआ फॉलिकल एक अस्थाई ग्रंथि के तौर पर काम करती है जिसे कॉर्पसल्यूटियम कहते हैं और यह एस्ट्रोजन के साथ-साथ प्रोजेस्ट्रोन का स्राव भी करते हैं।

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गर्भनिरोध को समझने के लिए आपको माहवारी के चक्र को समझना होगा। चित्र: शटरस्‍टॉक

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन गर्भाशय की लाइनिंग को मोटा करते हैं और इसे निषेचन होने पर अंडाणु कोशिका के इम्प्लांटेशन के लिए तैयार करते हैं। अगर अंडाणु कोशिका का निषेचन नहीं होता है या यह इंप्लांट नहीं होती है, तो गर्भाशय की यह लाइनिंग मासिक धर्म के दौरान बाहर निकल जाती है।

लेकिन जब मां स्तनपान करा रही होती है तो शिशु प्राकृतिक रूप से मां के निप्पल पर दबाव पड़ता है। निप्पल पर पड़ने वाला दबाव मां के शरीर को प्रोलैक्टिन हॉर्मोन का उत्पादन करने का संदेश देता है जो मां में ओव्यूलेशन या अंडोत्सर्ग को रोकता है। इसके साथ ही, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का स्तर कम रहने के कारण गर्भाशय की लाइनिंग पतली रहती है, जिससे मासिक धर्म नहीं होते हैं।

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जब बेबी स्‍तनपान करता है, तो शरीर से अलग तरह के हॉर्मोन का स्राव होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

एलएएम भी है कारगर

प्राकृतिक गर्भनिरोध का एक तरीका लैक्टेशनल अमीनोरिया मैथड (एलएएम) इस पर निर्भर करता है कि जच्चा शुरुआती 6 महीनों में नवजात शिशु को सिर्फ स्तनपान कराएगी और इस दौरान उसे कोई मासिक धर्म या स्पॉटिंग नहीं होती है।

अगर सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो एलएएम गर्भनिरोध का अस्थाई तरीका है। एलएएम के लिए ​सिर्फ और नियमित अंतराल पर 6 माह से कम उम्र के नवजात को स्तनपान कराना आवश्यक होता है (दिन में कम से कम चार घंटे में एक बार और रात में 6-6 घंटे के अंतराल पर)। इस दौरान, शिशु को स्तनपान के अतिरिक्त कोई ठोस पदार्थ या द्रव्य पदार्थ नहीं दिया जाता है।

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