MP : मर गई इंसानियत : ​​​​​​​रेमडेसिविर की शीशी में ग्लूकोज का पानी भर कर 20-20 हजार में बेचा : गिरफ्तार

 

MP : मर गई  इंसानियत : ​​​​​​​रेमडेसिविर की शीशी में ग्लूकोज का पानी भर कर 20-20 हजार में बेचा : गिरफ्तार

इंदौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर ग्लूकोज का पानी बेचने का मामला सामने आया है। एक ठग ने 20-20 हजार में कोरोना संक्रमित के परिजन को 2 इंजेक्शन बेच दिए। डॉक्टर ने जब उसे देखा तो सील फेविक्विक से चिपकी हुई थी। इस पर शक हुआ और उसकी जांच की तो उसमें ग्लूकोज का पानी मिला

मामला सामने आने के बाद संक्रमित के पिता ने उसी युवक को दोबारा फोन करके और इंजेक्शन की मांग की। उसने फिर से 20 हजार में एक इंजेक्शन देने की बात कही। दो इंजेक्शन का 40 हजार में सौदा तय करके उसे बुलाया गया। जब वह बेचने आया तो उसे पकड़ कर शनिवार को पुलिस के हवाले कर दिया। संक्रमित की पत्नी ने उससे पूछा- हमें गलत इंजेक्शन क्यों दिए, हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था, आज मेरे आदमी को कुछ हो जाता तो उसका जवाबदार कौन होता तो उसने शर्म से सिर झुका लिए।

इंसानियत को शर्मसार करने वाला यह मामला इंदौर शहर के लसुडिया थाना क्षेत्र की है। विशाल नामक युवक 10 दिन से कोरोना संक्रमित हैं और उन्हें ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की सख्त जरूरत है । विशाल के पिता गणेश राव ने बताया कि वे नंदानगर में इंजेक्शन के लिए भटक रहे थे तभी उज्जवल पुत्र दीपक पटेल निवासी शिमला पार्क कॉलोनी उनके संपर्क में आया।

उसने अपना मोबाइल नंबर 8085837926 देकर कहा आपको इंजेक्शन चाहिए तो मैं आपको दिलवा दूंगा। इसके बाद उज्जवल ने फोन करके इंजेक्शन दिलाने की बात कही। उसने कहा कहा, 20 हजार रुपए में एक इंजेक्शन मिलेगा। बेटे की हालत देखकर गणेश राव ने मजबूरीवश उससे 40 हजार रुपए में दो इंजेक्शन खरीद लिए। जब उसे डॉक्टर ने खोल कर देखा तो उसमें सिर्फ पानी भरा हुआ था। यह देख उनके होश उड़ गए।

इंजेक्शन देने की जगह बदलता रहा

गणेश राव ने बताया कि युवक का 22 तारीख को दोपहर 2 बजे फोन आया। उसने कहा की एक इंजेक्शन आपको 20 हजार रुपए का पड़ेगा, तो मैंने कहा कि मुझे 2 इंजेक्शन चाहिए। उसने मुझे पहले C-21 माल के पीछे बुलाया। वहां गया तो फिर फोन आया कि अरबिंदो अस्पताल के गेट के सामने आ जाओ। वह 20-25 मिनट तक नहीं आया। तीसरी बार फोन आया और पूछा कि आप कितने लोग हो तो मैंने कहा कि मैं अकेला ही हूं। इसी तरह दो और जगह उसने बुलाए और अंत में आस्था हास्पिटल के सामने एक इंजेक्शन 20 हजार में दिया।

एक इंजेक्शन और देने के लिए कहा तो उसने बोला कि कल दे पाऊंगा। गणेश राव ने बताया कि जब मैंने उसका नाम पूछा तो उसने कहा की आपको इंजेक्शन से मतलब है। मेरे नाम से क्या मतलब है और वह वहां से चला गया। दूसरे दिन 23 अप्रैल को दोपहर 2 बजे फोन करके बुलाया और 20 हजार लेकर दूसरा इंजेक्शन दिया ।

डॉक्टर ने लगाने से मना किया

गणेश राव ने बताया कि जब मैंने दोनों इंजेक्शन डॉक्टर को दिए तो उन्होंने लगाने से मना कर दिया। डॉक्टर ने कहा, मुझे इन इंजेक्शनों पर शक है। उन्होंने जब इंजेक्शन की सील तोड़ी तो उस पर फेविक्विक लगा हुआ था। इंजेक्शन के ऊपर लगे रबड़ के ढक्कन पर सुई लगी होने का निशान था।

कई लोगों को बेच चुका है इस तरह का इंजेक्शन

फिर भी उन्होंने धैर्य रखा। उहोंने किसी अन्य के साथ इस प्रकार की ठगी न हो, यह सोचकर उन्होंने फिर उज्जवल को फोन लगाया और कहा- मुझे 2 इंजेक्शन की और जरूरत है। इस पर युवक ने उन्हें रुपए लेकर बुलाया। कुछ देर बाद गणेश राव वहां पहुंचे और रुपए घर भूलने का बहाना बनाया। उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर ले गए और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस युवक से पूछताछ कर रही है। पता चला है कि उसने कई लोगों के साथ इस तरह की ठगी की है। पुलिस उससे जुड़े लोगों की जानकारी जुटाकर कड़ी कार्रवाई कर रही है ।

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