REWA : कलेक्टर इलैया राजा टी ने की नेक पहल; संजय गांधी के डॉक्टरों को घरों में निजी प्रैक्टिस करते पकड़ा : डॉक्टरों में मचा हड़कंप

 

REWA : कलेक्टर इलैया राजा टी ने की नेक पहल; संजय गांधी के डॉक्टरों को घरों में निजी प्रैक्टिस करते पकड़ा : डॉक्टरों में मचा हड़कंप

रीवा संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टरो ने अंधेर मचा दिया है, जिस वक्त उनको सरकारी अस्पताल के OPD में होना चाहिए, वो अपने बंगले में मरीज देखते हुए नजर आते है. 

इसी मामलें कि शिकायत रीवा कलेक्टर के पास पहुंची

वही लगातार शिकायत मिलने के मामलें पर आज खुद कलेक्टर सुबह डॉक्टर कॉलोनी परिसर पहुंच गए, सबसे पहले वह हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.डी. सिंह के बंगले में पहुंचे, वहां ओपीडी के समय में वह मरीज देख रहे थे, कलेक्टर ने डा. केडी सिंह को खरी-खोटी सुनाई, इसके बाद डॉ. हरिओम गुप्ता के बंगले पहुंचे, हरिओम गुप्ता को भी खरी-खोटी सुनाई, वही डॉक्टर कॉलोनी में ही डॉ. मंजर उस्मानी भी निजी प्रैक्टिस के दौरान पकड़े गए. 

कलेक्टर डॉक्टर इलैया राजा टी रीवा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर काफी संजीदा दिखे, यही वजह है कि शिकायत मिलने पर वह तुरंत आज मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित डॉक्टर कॉलोनी पहुंच गए, और कई डॉक्टरों को लापरवाही पूर्ण कार्य करते रंगे हाथ पकड़ा जिससे डॉक्टरों के बीच हड़कंप की स्थिति बनी रही, अब देखना यह है कि रीवा कलेक्टर लापरवाह डॉक्टरों पर क्या कार्यवाही करते है, क्या संजय गांधी कि स्थिती बदल पाएंगे रीवा कलेक्टर.. ?

वही दूसरी ओर संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टरों कि अंधेर गर्दी किसी छिपी नहीं है, अस्पताल कि ऊँची बिल्डिंग देखकर सबको यही लगता है कि मरीज को बेहतर इलाज मिलता होगा, लेकिन सच यह है कि मरीज उपचार के आभाव में उसकी चीख निकल जाती है, और आवाज चार दीवारी में दफन हो जाती है। 

अगर आपको स्थिति देखना हो तो GMH के लेबर रूम में चले जाइए, माना कि अस्पताल सरकारी है, मरीज ज्यादा आते है, लेकिन यदि आप व्यवस्था ना सम्हाल पाए तो मरीज को रखने का क्या मतलब.. ? ग्यानी कि विभागाध्यक्ष जिनका अस्पताल में ध्यान कम है क्लिनिक में ज्यादा रहता है, PG डॉक्टर जो मरीज के साथ इतना गन्दा व्यवहार करते है कि कुछ कहा नहीं जा सकता, और बहुत गंदे तरीके से ट्रीटमेंट करते है, एक बेड सीट में दो मरीज अटैच रहते है, उपचार को बोलो तो ये महिला डॉक्टर बस फ़ोन चलाते हुए बैठी रहती है, 

GMH अस्पताल कि ग्यायनी विभागाध्यक्ष जो अपने क्लिनिक में सिर्फ ध्यान देती है, 

अस्पताल में मरीज सही उपचार के अभाव में दम तोड़ दें, कोई परवाह नहीं, 

विगत दिनों सीधी कि एक महिला जो इस बास्ते GMH डिलेवरी के लिए आई, कि उसे सही उपचार मिलेगा, डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन कर दिया, बच्चा तो स्वस्थ्य निकला, लेकिन महिला को सही उपचार नहीं मिला और दो दिन बाद उसकी मौत हो गई, आखिर ये लापरवाही नहीं तो और क्या है, रीवा GMH जो भगवान भरोसे था, है और आगे भी रहेगा, जब तक डॉक्टर अपना सही काम नहीं करते अस्पताल नर्क जैसा दिखेगा। 

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