MP : पिता के इलाज के लिए अस्पताल में भटकती रही युवती, सोशल मीडिया की पहल पर युवती के पिता को मिला इलाज

 

MP : पिता के इलाज के लिए अस्पताल में भटकती रही युवती, सोशल मीडिया की पहल पर युवती के पिता को मिला इलाज

छिंदवाड़ा में कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण की वजह से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में लोग सरकारी और निजी अस्पताल में इलाज के लिए चक्कर काट रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में कोविड मरीजों को बमुश्किल बैड, ऑक्सीजन, इंजेकशन की उपलब्धता में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जिला अस्पताल से मरीज को सही समय पर भर्ती कर सही समय पर इलाज नहीं मिलने की शिकायतें अब सामान्य सी हो गई हैं। मंगलवार को सोशल मीडिया में रात करीब 10 बजे एक युवती का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में रश्मि तिवारी नाम की युवती ने आरोप लगाया कि वह पिछले एक घंटे से पिता भुवनेश्वर प्रसाद तिवारी को जिला अस्पताल में चौथे माले पर स्थित कोरोना वार्ड में एडमिट करवाने भटक रही है, लेकिन कोई डॉक्टर या नर्सिंग स्टॉफ उसके पिता को एडमिट नहीं कर रहा है।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद मीडिया ने जिला अस्पताल की सिविल सर्जन पी गोगिया से बात की। साथ ही युवती को अस्पताल प्रबंधन से सपोर्ट नहीं मिलने की बात बताई। इस विषय को सिविल सर्जन ने गंभीरता से लेते हुए परेशान युवती से फोन कॉन्फ्रेंसिंग पर बात कर पूरा घटनाक्रम समझ कर नर्सिंग स्टाफ को समझाइश देते हुए भर्ती करने को कहा। साथ ही महिला चिकित्सक पाठक को भर्ती मरीज के लिए इलाज के निर्देश दिए।

मरीज का ऑक्सीजन लेवल 76, फिर भी नहीं लिया गंभीरता से

रश्मि तिवारी ने बताया कि पिता की बिगड़ती हालत के चलते रात 10 बजे जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड के चौथे माले पर भर्ती करवाने पहुंची। पिता का ऑक्सीजन लेवल 76 होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता से लेने के बजाय लापरवाही की। बाद में मीडिया की पहल पर सिविल सर्जन ने चिकित्सक और नर्सिंग स्टॉफ को इलाज के लिए बोला, तब जाकर रात साढ़े 12 बजे युवती के पिता को इलाज मिला।

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