REWA : संजय गांधी अस्पताल से 40 गंभीर रोगी स्वस्थ होकर गए अपने अपने घर तो कलेक्टर ने पुष्प-गुच्छ देकर योद्धाओं का किया सम्मान

 

REWA : संजय गांधी अस्पताल से 40 गंभीर रोगी स्वस्थ होकर गए अपने अपने घर तो कलेक्टर ने पुष्प-गुच्छ देकर योद्धाओं का किया सम्मान

रीवा। कोरोना महामारी से जंग जीतकर घर जाने वाले रोगियों को रीवा कलेक्टर इलैया राजा टी ने पुष्प-गुच्छ देकर सम्मान किया है। साथ ही संक्रमित मरीजों से अस्पताल के अंदर के अनुभव पूछे। कलेक्टर ने बताया कि कोरोना रोगियों के उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल में पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं। यहां वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई बेड, एचडीयू बेड पर संक्रमित रोगियों का उपचार किया जा रहा है।

वहीं संजय गांधी अस्पताल में कोविड रोगियों के लिए 1033 बेड और 72 वेंटिलेटर हैं। इनसे प्रतिदिन बड़ी संख्या में गंभीर रोगी स्वस्थ होकर अपने घर जा रहे हैं। डॉक्टरों के सतत प्रयासों, नर्सों व वार्ड ब्वॉय की सेवाओं एवं बेहतर उपचार व्यवस्थाओं से गंभीर रोगियों के स्वस्थ होने की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।

गौरतलब है कि संजय गांधी अस्पताल से बुधवार को 40 गंभीर रोगी स्वस्थ होकर अपने घर गए। जहां कोरोना से मुक्त हुए सभी व्यक्तियों का पुष्प गुच्छ देकर सम्मान किया। इन रोगियों को दवाओं का किट स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदान किया गया। साथ ही विन्ध्य व्यापार महासंघ की ओर से नि:शुल्क अनाज का पैकेट प्रदान किया गया। इसमें चावल, दाल, आटा, नमक, खाने का तेल शामिल है। इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि संजय गांधी हास्पिटल में डॉक्टर एवं अन्य मेडिकल स्टाफ सेवाभाव तथा समर्पण के साथ उपचार कर रहे हैं। प्रत्येक वार्ड और प्रत्येक बेड में कोविड रोगियों की सघन निगरानी की जा रही है।

निरंतर हो रही ऑक्सीजन की आपूर्ति

हास्पिटल में पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर तथा निरंतर ऑक्सीजन की आपूर्ति वाले बेड उपलब्ध हैं। मेडिकल ऑक्सीजन भी हमारे पास पर्याप्त मात्रा में भंडारित है। रोगियों को उपचार, भोजन तथा अन्य सुविधाओं के साथ-साथ मनोचिकित्सकों एवं मनोवैज्ञानिकों द्वारा काउंसलिंग भी की जाती है। इससे कई गंभीर रोगी बहुत जल्दी रिकवर हो रहे हैं। सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल में भी शीघ्र ही 40 वेंटिलेटर की सुविधा हो जायेगी। इसके अलावा जिला अस्पताल एवं कोविड सेंटरों में भी उपचार की बेहतर व्यवस्थायें की गई हैं। हर कोरोना पीड़ित को हर हाल में नि:शुल्क बेहतर उपचार सुविधा दी जा रही है। इस अवसर पर मेडिकल कालेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर, अधीक्षक डॉ. एसडी गर्ग, वरिष्ठ चिकित्सक एवं कोरोना वार्ड के प्रभारी डॉ. नरेश बजाज, डॉ. यत्नेश त्रिपाठी तथा अन्य चिकित्सक एवं स्वस्थ रोगियों के परिजन उपस्थित रहे।

उम्मीद नहीं रही पै डॉक्टर बचाय लिहिन

संजय गांधी स्मृति हास्पिटल विन्ध्य क्षेत्र में कोरोना के उपचार के बड़े केन्द्र के रूप में उभरकर आया है। इससे प्रतिदिन 40 से 50 गंभीर कोरोना संक्रमित व्यक्ति उपचार के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर जा रहे हैं। हास्पिटल से 12 मई को रीवा शहर के पड़रा मोहल्ले के निवासी 72 वर्षीय कोरोना पीड़ित स्वस्थ होकर अपने घर गए। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने पुष्प गुच्छ देकर उनका हौसला बढ़ाया। अपना अनुभव बताता हुए कोरोना पीड़ित ने कहा कि हम पांच मई का संजय गांधी अस्पताल मा भर्ती भैन तै। हमही प्राण बचै के कौउनौ उम्मीद नहीं रही। लेकिन भर्ती होतय डॉक्टर जउं दवाई दिहिन ओसे धीरे-धीरे आराम मिलै लाग। ऑक्सीजन के तुरतै व्यवस्था होइ गय। इहां हमही बहुत निकही सुविधा मिली। इहां के डॉक्टर अउर नर्स बहुत बढि़या सेवा किहिन। जेके कारण अब हम बेलकुल ठीक होइ गैन हय। स्वस्थ रोगी के पुत्रों ने बताया कि अब पिता का ऑक्सीजन सेचुरेशन का स्तर सामान्य है। हास्पिटल में समय पर दवाओं, भोजन तथा चाय आदि की सुविधा मिलती रही। बड़े डॉक्टरों ने भी वार्डों में आकर रोगियों का उपचार किया।

घर जैसे माहौल में मिली उपचार सुविधा से गदगद हैं जयप्रकाश

प्रयागराज के निवासी जेपी शुक्ला रीवा में फार्मा कंपनी में कार्यरत हैं। उन्हें शुरू में सर्दी, खांसी तथा हल्के बुखार की शिकायत थी। इसके बाद जांच कराने पर कोरोना पॉजिटिव पाये गये। शरीर में ऑक्सीजन सेचुरेशन का स्तर लगातार घटने के कारण 6 मई को संजय गांधी हास्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के लगातार प्रयासों से स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ। ऐसे में 12 मई को पूरी तरह से स्वस्थ हो गये हैं। उपचार के अपने अनुभव बताते हुए जेपी शुक्ला ने बताया कि संजय गांधी हास्पिटल में 6 मई को भर्ती हुआ था। मुझे तत्काल इमर्जेंसी मेडिकल उपचार दिया गया। इसके बाद डॉक्टरों और नर्सों ने सेवाभाव से लगातार मेरा उपचार किया। मुझे ऐसा लगा ही नहीं कि मैं हास्पिटल में भर्ती हूं। मुझे यहां अपने घर के जैसा आत्मीय माहौल मिला। यहां के डॉक्टरों तथा अन्य मेडिकल स्टाफ की जितनी प्रशंसा की जाय वह कम है। उन्होंने संकट में जो हम सबकी सेवा की है उसे भुला पाना संभव नहीं है।

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