MP : शिवराज बोले- किस जिले में क्‍या रियायत देनी है यह फैसला क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी करेगी, स्‍थानीय हालातों के अनुसार मिलेगी लॉकडाउन में छूट

 

MP : शिवराज बोले- किस जिले में क्‍या रियायत देनी है यह फैसला क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी करेगी, स्‍थानीय हालातों के अनुसार मिलेगी लॉकडाउन में छूट

भोपाल। मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को संबोधित किया। CM शिवराज ने कोरोना अनलाॅक के संबंध में नागरिकों से सुझाव भी मांगे हैं। सीएम ने कहा कि भले ही संक्रमण दर कम हो रही है, लेकिन इंदौर और भोपाल में अधिक सावधानी बरतने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने लोगों से कहा कि अभी वायरस समाप्‍त नहीं हुआ है और हमें अभी भी सतर्कता बरतने की जरुरत है। उन्‍होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियां एक जून से धीरे धीरे खोलेंगे, क्‍योंकि कोरोना कर्फ्यू अनंतकाल तक नहीं रह सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बुद्ध पूर्णिमा है। आज ही के दिन बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। भगवान बुद्ध ने कहा था- सर्वं दु:खं, दु:ख समुदय, दु:ख निरोध और दु:ख निरोध गामिनी प्रति पथ अर्थात दु:ख है़, दु:ख का कारण है और कारण का निवारण भी किया जा सकता है। इसके लिए गौतम बुद्ध ने अष्टांग मार्ग बताया। उन्होंने हमें मध्यम मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। गौतम बुद्ध ने हमें अनुशासित जीवन जीने का मार्ग बताया। आज कोरोना संकट ने मानवता को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है। कोरोना वायरस का दु:ख हमारे सामने है, वायरस फैलने का कारण भी है पर इस कारण का निवारण किया जा सकता है। इसके कुछ उपाय हमने किए हैं। आज मुझे यह बताते हुए संतोष है कि सबके प्रयासों से कोरोना संक्रमण अब प्रदेश में नियंत्रण की स्थिति में है।

रिकवरी रेट 93.39 प्रतिशत है पर सावधानी भी जरूरी है

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों के नाम जारी संदेश में कहा कि कल 70 हजार से अधिक टेस्ट हुए। जिनमें से पॉजिटिव केस केवल 2 हजार 189 आए और 7 हजार 846 व्यक्ति स्वस्थ हुए। पॉजिटिविटी रेट घटकर 3.1 प्रतिशत रह गया है। रिकवरी रेट बढ़कर 93.39 प्रतिशत है। यह प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है। लेकिन हमें निश्चिंत नहीं होना है। संकट अभी टला नहीं है। खतरा अभी बाकी है वायरस हमारे बीच है। यह बात सही है कि 17 जिलों में आज 10 से कम केस आए लेकिन अभी भी इन्दौर और भोपाल में बहुत सावधानी की आवश्यकता है। दोनों स्थानों पर लगातार 500 से अधिक पॉजिटिव केस आ रहे हैं। रतलाम, रीवा, अनूपपुर, सीधी आदि जिलों को भी सावधानी की जरूरत है। इन जिलों के साथ ही संपूर्ण प्रदेश में सावधानी की आवश्यकता है।

संक्रमण नियंत्रण में जनता का जनता के लिए जनता द्वारा मॉडल प्रभावी रहा

चौहान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू लागू करने के परिणामस्वरूप संक्रमण की दर में कमी आई है। संक्रमण को नियंत्रित करने में जनता का जनता के लिए जनता द्वारा मॉडल प्रदेश की अलग पहचान बना है। संक्रमण नियंत्रण अकेले सरकार ने नहीं किया। हमने संकट से निपटने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाए। ग्राम, वार्ड, ब्लाक, शहर और जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप गठित किए गए। जिला स्तर पर प्रभारी मंत्रियों के साथ -साथ सांसदगण, विधायकगण, कलेक्टर्स, एसपी सहित सभी स्तर के जन-प्रतिनिधि, सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने दायित्व संभाला। विकासखंड स्तर पर विधायक ने नेतृत्व प्रदान किया। यह हमारा अभिनव प्रयोग रहा।

गांव से लेकर जिले तक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने संभाली जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप में सरपंच-पंच, सामाजिक -राजनैतिक कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, आंंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, पटेल, मुकद्दम, ए.एन.एम. और चौकीदार अर्थात ग्राम स्तर का अमला जुटा। जो भी निर्णय हमने लिए वे विक्रेन्द्रित तरीके से लिए। ग्राम स्तर पर कोरोना कर्फ्यू कैसे लगेगा, इसका निर्णय ग्राम स्तर पर लिया गया। गांव में आना-जाना ग्रामीणों ने बंद किया, गांव में कौनसी गतिविधि चलेगी, काम कैसे चलेगा इसका तरीका गाँव वालों ने तय किया। क्राइसिस मैनेजमेंट की टीम सर्वे दलों के साथ घर-घर पहुँची। ये टीमें अगर घर-घर नहीं जाती तो कई लोगों के सर्दी, खांसी, जुकाम का पता ही नहीं चलता। ग्रामस्तर पर यह योगदान अमूल्य है। इसी प्रकार शहरों में वार्ड के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने वार्ड स्तर की व्यवस्थाएं संभाली है। जनपद स्तर पर वहाँ के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने व्यवस्थाएं संभाली। माइक्रो कन्टेनमेन्ट एरिया बनाना हो या कोविड केयर सेंटर का संचालन सभी दायित्व क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने संभाला। संपूर्ण जिलों में कोरोना कर्फ्यू कैसे लागू होगा। जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल, इलाज की बाकी व्यवस्थाएँ सभी का नियंत्रण और प्रबंधन जिले के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा किया गया।

भीड़, मेले, ठेलों और आयोजनों से अभी बचना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का मॉडल जन-भागीदारी का मॉडल है और इसी मॉडल के कारण संक्रमण की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली। लेकिन अभी लम्बा रास्ता तय करना है। कोरोना कर्फ्यू अभी लागू है, पर यह अनंत काल तक लागू नहीं रह सकता। हमने तय किया है कि एक जून से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियाँ खोलेंगे। कोरोना का वायरस रहेगा अत: अभी पूरी सावधानी से गतिविधियों का संचालन आवश्यक है। भीड़, मेले, ठेलों आयोजनों से अभी बचना होगा। यदि हमने यह नहीं किया तो संक्रमण को बढ़ने में देर नहीं लगेगी और हम पुन: संकट में फंस जाएंगे।

कोरोना के कष्ट को हम फिर से नहीं देखना चाहते

चौहान ने कहा कि प्रदेश उस स्थिति से भी गुजरा है जब अस्पतालों के सभी बिस्तर भरे थे। ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए दिन-रात एक करने पड़ रहे थे। कितने ही लोगों को ऑक्सीजन लगी, कुछ लोग वेन्टीलेटर पर चले गए और कुछ लोग तो इस दुनिया से ही चले गए। प्रश्न यह है कि क्या हम उस कष्ट को फिर से देखना चाहते हैं? निश्चित ही हम ऐसी परिस्थितियाँ नहीं बनने देंगे। इसके लिए सावधानी की आवश्यकता है।

कोरोना कर्फ्यू धीरे-धीरे खोला जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू धीरे-धीरे खोला जाएगा। कौनसी गतिविधि कब आरंभ होगी, क्या खुला रहेगा, क्या बन्द रहेगा, यह ग्राम, वार्ड, ब्लाक, नगर और जिला स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियां तय करेगी। अलग-अलग जिलों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग व्यवस्थाएं होंगी। यह भी स्थानीय स्तर पर ही तय होगा। जो जिले पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गए हैं, वहां की गतिविधियां अलग होंगी। जहां संक्रमण फैला है वहां क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी अलग से विचार करेगी।

स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप समितियां निर्णय लेंगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी रणनीति के बारे में एक जून से पहले निर्णय लेना आवश्यक है। उसके लिए एक-दो दिन में ही चर्चा कर पूरी सावधानी बरतते हुए निर्णय लिया जाए। अनलॉक का जो वैज्ञानिक तरीका है उससे समितियों को अवगत कराया जाएगा और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप समितियाँ निर्णय लेंगी।

तीसरी लहर को रोकना है

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तीसरी लहर की संभावना है। यदि हम असावधान रहे तो संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता रहेगा। यदि इस संक्रमण का विस्फोट हुआ तो वही तीसरी लहर हो जाएगी। अत: हमें दिन-प्रतिदिन की जरूरी गतिविधियां चलाते हुए तीसरी लहर को रोकने की कोशिश करना है। इसके लिए रोडमैप तैयार किया गया है। गतिविधियाँ आरंभ होंगी लेकिन पूरी तरह से नहीं। राजनैतिक रैलियां, सभाएं, धार्मिक आयोजन पूरी तरह से बन्द रहेंगे। शादी-विवाह में न्यूनतम संख्या का बंधन होगा। जो लोग सम्मिलित हों वह टेस्ट कराकर आएँ, आयोजन स्थल पर टेस्ट की व्यवस्था की जाएगी।

प्रतिदिन होंगे 75 हजार टेस्ट

चौहान ने कहा कि यदि बाजार खुलेंगे तो दुकानदार और ग्राहक के व्यवहार को तय करना होगा। संक्रमण एक से दूसरे में न फैले इसके लिए मास्क का उपयोग, दुकान के सामने गोले बनाने और उसके अनुशासन का अनुसरण आवश्यक होगा। भीड़ इकट्ठी नहीं हो पाए इसलिए धारा 144 लगी रहेगी। इसके साथ-साथ टेस्ट भी जारी रहेंगे। लगभग 75 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएंगे। फीवर क्लीनिक चलते रहेंगे, मोबाइल टेस्टिंग टीम भी कार्य करेगी। टेस्टिंग का यह लाभ होगा कि यदि कोई संक्रमित है तो उसका तत्काल पता चल जाएगा। संक्रमित को होम आइसोलेशन में, मेडिकल किट देकर अथवा कोविड केयर सेंटर में उसके रहने की व्यवस्था की जाएगी। इससे संक्रमण नहीं फैलेगा। कोविड केयर सेंटर अभी बन्द नहीं होंगे।

कान्टेक्ट ट्रेंसिंग और माइक्रो कन्टेनमेन्ट एरिया की प्रक्रिया जारी रहेगी

कान्टेक्ट ट्रेसिंग जारी रहेगी। संक्रमितों की संख्या कम होने से ट्रेसिंग प्रभावी तरीके से हो सकेगी। परिवार का यदि एक व्यक्ति संक्रमित पाया गया तो परिवार के सभी सदस्यों का टेस्ट कराया जाएगा और संक्रमित से मिलने वाले सभी व्यक्तियों की टेस्टिंग होगी। इससे यदि संपर्क में आया कोई व्यक्ति संक्रमित हुआ है तो उसका भी इलाज होगा और संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। जिन स्थानों पर अधिक संख्या में संक्रमित व्यक्ति मिलेंगे उन क्षेत्रों को माइक्रो कन्टेनमेन्ट एरिया बनाया जाएगा। इन क्षेत्रों में आना-जाना बन्द कर संक्रमण को फैलने से रोका जाएगा।

आरंभ होगा चौथा किल-कोरोना अभियान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किल-कोरोना अभियान जारी रहेगा। आज से किल-कोरोना अभियान-चार आरंभ किया जा रहा है। गाँव-गाँव में टीमें जाकर सर्दी, जुकाम, खाँसी वालों को चिन्हित करेंगी। ऐसे व्यक्तियों का तत्काल इलाज आरंभ किया जाएगा। इससे जहाँ भी संक्रमण की थोड़ी सी भी संभावना होगी उसे वहीं नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इन उपायों से हम संक्रमण को बड़ी लहर नहीं बनने देंगे। यह सब करना आवश्यक है। यदि इसमें लापरवाही हुई तो तीसरी लहर का विस्फोट हो जाएगा।

कोरोना संक्रमण से लड़ाई को सामाजिक आंदोलन बनाना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोरोना के साथ ही जीना है अत: यह सब सावधानियांं हमें अपनानी होगीं। इसमें आप सबका सहयोग आवश्यक है। अनुशासित और संयत व्यवहार आवश्यक है। हमें यह प्रण करना होगा कि हम मास्क लगाकर ही बाहर निकलेंगे और जो बिना मास्क के दिखेगा उसे हम टोकेंगे भी। क्योंकि बिना मास्क का व्यक्ति स्वयं अपने लिए ही खतरा नहीं अपितु बाकी सबके लिए भी खतरनाक है। मास्क लगाने और लगवाने, दूरी बनाए रखने, सेनेटाइजर से हाथ साफ करने, बार-बार हाथ धोने जैसे नियमों का पालन करने का दायित्व जन-जन को निभाना होगा और इसका अपने आसपास के लोगों से पालन भी करवाना होगा। यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्त्तव्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कार्यरत एक लाख 17 हजार कोरोना वालेंटियर्स से यह दायित्व निभाने की अपील की। स्वयं को कोरोना वालेंटियर्स के रूप में रजिस्टर कराने के लिए भी प्रदेशवासियों का आव्हान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ-साथ स्व-सहायता समूह, जन-अभियान परिषद की टीम, सामाजिक, राजनैतिक संगठन सक्रिय हों और कोरोना संक्रमण से लड़ाई को सामाजिक आंदोलन बना दिया जाए। राज्य सरकार अपना दायित्व निभा रही है। शासन स्तर पर कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

धर्मगुरू , राजनैतिक, सामाजिक संगठन और स्वंयसेवी दल भी सक्रिय हों

चौहान ने कहा कि सरकार ने जनता को राहत देने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई हैं वह जारी रहेंगी। इस समय सबसे बड़ा कार्य है कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण। मुख्यमंत्री ने सभी धर्म गुरुओं से अपील की कि वे अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए अपने अनुयायियों को अनुशासित रहने के लिए प्रेरित करें। राजनैतिक दल, सामाजिक संगठन, स्वयं सेवी दल भी इस दिशा में सक्रिय हों। मध्यप्रदेश को कोरोना नियंत्रण के मॉडल के रूप में स्थापित करें। दुनिया चलाते हुए कोरोना पर नियंत्रण की हम एक अलग राह बना देंगे।

सब साथ मिलकर चलें और कोरोना पर नियंत्रण करके दिखाएं

मुख्यमंत्री ने कोरोना नियंत्रण के लिए प्रदेशवासियों का आव्हान करते हुए कहा कि आइये हम संकल्प करें कि मैं अपने ड्यूटी निभाऊँगा, मैं अनुशासन का पालन करूंगा और नियमों को मानूंगा। यदि हमने यह कर लिया तो हमारा प्रदेश कोरोना से मुक्त ही रहेगा। कोई लहर हम नहीं आने देंगे। हम इलाज की और बाकी सभी व्यवस्थाएं जारी रखेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेंगे। डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, ऑक्सीजन प्लांट जैसे कार्य जारी रखेंगे। स्थिति को बिगड़ने नहीं देंगे। यह संकल्प सबसे बढ़ा है आईये हम सब मिलकर साथ चलें, कोरोना पर नियंत्रण करके दिखाएं।

मुख्यमंत्री ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए दिनकर की कविता की पंक्तियों से प्रदेशवासियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि 'खम ठोक ठेलता है जब नर,पर्वत के जाते पांंव उखड़, मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है'।

प्रदेश में जनता कर्फ्यू को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने एवं अनलॉक किए जाने के संबंध में 31 मई तक सभी नागरिक अपने सुझाव दे सकते हैं।

लोग निम्न माध्यमों से अपने सुझाव दे सकते हैं

•Visit: http://mp.mygov.in

•WhatsApp: 9098151870

•email:covid19.homemp@gmail.com

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि "अनलॉक" प्रक्रिया में 5 बातों का पूरा ध्यान रखें।

1-शत प्रतिशत व्यक्ति मास्क लगाएं।

2-अधिक से अधिक टैस्ट करायें।

3- किल कोरोना अभियान जारी रहे तथा सर्दी,खांसी, बुखार आदि के हर मरीज की पहचान कर तुरंत उपचार कराया जाये।

4- कोरोना की लड़ाई जनभागीदारी से लड़ी जाए एवं स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह अपने ग्राम, कस्बे, शहर के संबंध में निर्णय लें।

5- हर व्यक्ति अनिवार्य रूप से कोरोना अनुरूप व्यवहार करे।

अनलॉक की शर्तें तय करने और अन्य व्यवस्थाओं के लिए बनाए मंत्रियों के छह समूह

प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू से एक जून से मिलने वाली राहत का स्वरूप तय करने के लिए सरकार ने मंत्रियों का समूह बनाया है। यह समूह अनलॉक को लेकर देश और दुनिया के विशेषज्ञों से चर्चा करके प्रक्रिया तय करेगा। इसमें यह ध्यान रखा जाएगा कि कोरोना संक्रमण फिर से न बढ़ने पाए। कितनी और कैसे छूट दी जाए, इसको पूरा रोडमैप इस समूह की देखरेख में तैयार होगा। इसी तरह पांच अन्य समूह भी बनाए गए हैं। इस निर्णय की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों को दी। देर रात इन समूहों में शामिल मंत्रियों के नामों की घोषणा कर दी गई। साथ ही निर्देश दिए कि वे प्रभार के जिले में आपदा प्रबंधन समितियों से अनलॉक पर बात करके सुझाव लें ताकि जब प्रविधान लागू हों तो वे उनका पालन करने में प्रभावी भूमिका निभाएं।

गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक से पहले कोरोना की स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने की स्थिति में आता जा रहा है। मंगलवार को पॉजिटिव प्रकरण 2422 आए हैं। 7373 स्वस्थ होकर घर गए हैं। स्वस्थ होने की दर 92.68 प्रतिशत हो गई है।

कई जिलों में संक्रमण की दर पांच फीसद से नीचे आ गई है। 31 मई तक संक्रमण की दर को शून्य पर लाना है। वहीं, सामान्य गतिविधियां प्रारंभ करनी हैं। इसके लिए अनलॉक की प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे और जांच की प्रक्रिया साथ-साथ चलती रहेगी। कोविड केयर सेंटर भी चलते रहेंगे। इलाज की व्यवस्था जारी रहेगी ताकि संक्रमित व्यक्ति को इलाज मिल जाए और संक्रमण भी न फैल पाए। इसके लिए आपदा प्रबंधन समितियों को सक्रिय रखना होगा। अनलॉक की प्रक्रिया में इनकी भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में दौरा करें और ग्राम स्तर तक की समितियों से संवाद करें। इस काम में विधायकों को भी लगाया जाए। ग्रामीणों की राय को अनलॉक की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।

लापरवाह हुए तो बढ़ा संकट

मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना की पहली लहर नियंत्रित होने के बाद सब निश्चिंत हो गए। हमारे राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक आयोजन प्रारंभ हो गए। सभी स्तर पर लापरवाही हुई तो कोरोना संकट बढ़ गया। तीसरी लहर को रोकना है तो उसके लिए अनलॉक एकदम से नहीं करेंगे। आयोजन, मेल, शादी-विवाह से लेकर सभी तरह के कार्यक्रम फिर प्रारंभ हो गए तो संकमण फिर बढ़ जाएगा। मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य रहेगा। इसका उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। बाजार कैसे खोला जाएगा, दुकानदार किस तरह से व्यवहार करेंगे, कर्मचारियों के लिए क्या प्रोटोकॉल होगा, यह सब तय किया जाएगा। अनलॉक के लिए गठित समूह यह सब देखेगा।

अस्पतालों के प्रबंधन और सुविधाओं के लिए समूह

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समूह कोविड अनुकूल व्यवहार कैसे हो, यह तय करेगा। समूह यह सुझाव देगा कि बाजार में व्यापारी और ग्राहक के बीच व्यवहार कैसा होना चाहिए। किस तरह संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रबंध किए जाएंगे क्योंकि आर्थिक गतिविधियों को फिर प्रारंभ करने के लिए अब बाजारों को खोलना होगा। लोगों के मन से टीकाकरण को लेकर भ्रांतियां दूर करके उन्हें जागरूक करने संबंधी कदम उठाने के लिए सलाह देने के लिए भी समूह बनाया गया है। इसी तरह अस्पतालों के प्रबंधन और सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ ऑक्सीजन सहित अत्यावश्यक चीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने वाली समूह बनाया गया है। दरअसल, दूसरी लहर में इंजेक्शन से लेकर कई चीजें की कमी का सामना सरकार को करना पड़ा था। ऐसे हालात फिर न बनें, इसके लिए पहले से इंतजाम किए जाएंगे।

देर रात मंत्री समूहों का किया गठन

1. कोरोना कर्फ्यू को सुनियोजित तरीके से समाप्त करने संबंधी सुझाव देने के लिए -

डॉ. नरोत्तम मिश्रा गृह, मीना सिंह मांडवे जनजातीय कार्य, कमल पटेल कृषि, बृजेंद्र प्रताप सिंह खनिज साधन, डॉ. महेंद्र सिंह सिसोेदिया पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अरविंद सिंह भदौरिया सहकारिता, हरदीप सिंह डंग नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा और सुरेश धाकड़ लोक निर्माण राज्यमंत्री। समन्वयक - अपर मुख्य सचिव गृह डॉ.राजेश राजौरा।

2. अस्पतालों के सुनियोजित प्रबंधन के लिए सुझाव देने के लिए -

विश्वास सारंग चिकित्सा शिक्षा, डॉ.प्रभुराम चौधरी स्वास्थ्य, भारत सिंह कुशवाह उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण, इंदर सिंह परमार स्कूल शिक्षा, रामकिशोर कांवरे आयुष, बृजेंद्र सिंह यादव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ओपीएस भदौरिया नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री। समन्वयक - अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान।

3. टीकाकरण का काम समयसीमा में कराने संबंधी सुझाव देने के लिए -

विश्वास सारंग चिकित्सा शिक्षा, डॉ.प्रभुराम चौधरी स्वास्थ्य, प्रद्युम्न सिंह तोमर ऊर्जा, प्रेम सिंह पटेल पशुपालन एवं डेयरी, ऊषा ठाकुर पर्यटन, संस्कृति और रामखेलावन पटेल पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री। समन्वयक - अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान।

4. मेडिकल ऑक्सीजन उत्पाद में आत्मनिर्भर बनाने की रणनीति तैयार करने के लिए -

गोपाल भार्गव लोक निर्माण, बिसाहूलाल सिंह खाद्य नागरिक आपूर्ति, गोविंद सिंह राजपूत राजस्व एवं परिवहन, ओमप्रकाश सकलेचा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, अरविंद सिंह भदौरिया सहकारिता, डॉ.मोहन यादव उधा शिक्षा और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव उद्योग मंत्री। समन्वयक - प्रमुख सचिव उद्योग संजय शुक्ला।

5. जन जागरुकता एवं आवश्यक प्रचार-प्रसार के लिए -

डॉ.नरोत्तम मिश्रा गृह एवं जेल, विश्वास सारंग चिकित्सा शिक्षा, प्रद्युम्न सिंह तोमर ऊर्जा, ऊषा ठाकुर पर्यटन एवं संस्कृति और इंदर सिंह परमार स्कूल शिक्षा मंत्री। समन्वयक - प्रमुख सचिव जनसंपर्क शिवशेखर शुक्ला।

6. कोविड अनुकूल व्यवहार के लिए -

तुलसीराम सिलावट जल संसाधन, विजय शाह वन, जगदीश देवड़ा वाणिज्यिक कर, यशोधरा राजे सिंधिया खेल एवं युवा कल्याण, भूपेंद्र सिंह नगरीय विकास एवं आवास, ऊषा ठाकुर पर्यटन एवं संस्कृति, अरविंद सिंह भदौरिया सहकारिता मंत्री। समन्वयक - अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान।

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