MP : सरकारी आदेश पर बवाल : पहले सेक्स वर्कर को हाई रिस्क ग्रुप में रखा; दूसरे आदेश की कॉपी में सेक्स वर्कर की जगह सैलून वर्कर लिखा, विभाग ने कहा-टाइपिंग में हुई गलती

 

MP : सरकारी आदेश पर बवाल : पहले सेक्स वर्कर को हाई रिस्क ग्रुप में रखा; दूसरे आदेश की कॉपी में सेक्स वर्कर की जगह सैलून वर्कर लिखा, विभाग ने कहा-टाइपिंग में हुई गलती

मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय ने हाई रिस्क ग्रुप्स के लिए ऑन साइट रजिस्ट्रेशन आधारित सत्र आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि इसमें सेक्स वर्कर को भी उच्च जोखिम समूह में रखे जाने के आदेश जारी होना बताया गया। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टाइपिंग में गलती हुई है। इसे सुधार कर सही आदेश जारी किया गया है।

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सोशल मीडिया पर वायरल आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए संभावित हाई रिस्क ग्रुप का कोविड-19 टीकाकरण के संबंध में मंत्री समूह की प्रथम बैठक में निर्णय लिया गया है। प्रदेश में कोरोना महामारी पर प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए नई कार्य योजना के तहत हाई रिस्क ग्रुप को सूचीबद्ध कर प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 टीकाकरण किया जाना आवश्यक है।

MP : सरकारी आदेश पर बवाल : पहले सेक्स वर्कर को हाई रिस्क ग्रुप में रखा; दूसरे आदेश की कॉपी में सेक्स वर्कर की जगह सैलून वर्कर लिखा, विभाग ने कहा-टाइपिंग में हुई गलती

इसलिए 100ऽ ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन आधारित सत्र आयोजित कर उच्च जोखिम समूह जैसे - उचित मूल्य दुकानों के विक्रेता, सिलेंडर सप्लाई करने वाले, पेट्रोल पंप स्टाफ, घर में काम करने वाली महिलाएं, किराना दुकान व्यापारी, सब्जी/गल्ला मंडी के विक्रेता, हाथ ठेला वाले, दूध वाले, वाहन चालक, साइट मजदूर, मॉल/होटल/रेस्टोरेंट में कार्यरत स्टाफ, शिक्षक और सेक्स वर्कर इत्यादि का टीकाकरण किया जाए। हालांकि बाद में एक और आदेश सोशल मीडिया पर सामने आया। इस बार सेक्स वर्कर की जगह उसे सैलून वर्कर कर दिया गया।

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