MP : शटर गिराकर लालच की ग्राहकी ; कोरोना संक्रमण को लगातार बढ़ते देख कर भी दुकान के अंदर आठ से दस लोगों को घुसाकर कर रहे कारोबार

 


MP : शटर गिराकर लालच की ग्राहकी ; कोरोना संक्रमण को लगातार बढ़ते देख कर भी दुकान के अंदर आठ से दस लोगों को घुसाकर कर रहे कारोबार

ग्वालियर। महाराज बाड़ा सहित शहर के प्रमुख मार्गों में आवाजाही रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रास्ते बंद कर दिए हैं। वहीं चेकिंग प्वाइंट लगाकर तफरी करने निकलने वाले लोगों के चालान कर पुलिस जुर्माना भी वसूल रही है, लेकिन प्रशासन व पुलिस की यह सख्ती मुख्य बाजारों में नजर नहीं आ रही। इसका फायदा कुछ कारोबारी जमकर उठा रहे हैं। बाजार खुलने और बंद होने के तय समय के बाद भी व्यापारी दिखावे के लिए दुकान का शटर गिराकर उस पर ताला भी लटका रहे हैैं, लेकिन दुकान के अंदर आठ से दस लोगों को घुसाकर कारोबार कर रहे हैं। यह लालच कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों को पलीता लगा रहा है। व्यापारी बेफिक्र होकर संक्रमण को न्योता दे रहे हैं। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है। संकट के समय व्यापारी संगठनों को भी अपने-अपने बाजारों की निगरानी के लिए आगे आना चाहिए, ताकि व्यापारी व उनके परिवार के लोगों भी संक्रमण से बचे रहें।

ग्वालियर में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ने से शहर की स्वास्थ्य सेवाएं चरमारने की स्थिति में पहुंच गई है। आक्सीजन की कमी, जीवनरक्षक दवाओं का टोटा व मुक्तिधामों में शवों की कतार स्थिति के भयावह होने की साफ तस्वीर है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पिछले एक पखवाड़े से कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। शुरुआत के दिनों में बाजारों से लेकर मार्केट में सख्ती नजर आई थी। इसी का नतीजा है कि दो दिन कुछ राहत मिली है। अगर कर्फ्यू का पालन नहीं किया तो हालात और भी अधिक खराब हो सकते हैं।

घरों से निकलकर दुकान पर आए व्यापारीः सहालग का सीजन शुरू होते ही व्यापारी दो पैसे कमाने की लालच में अब सुबह घर से निकलकर अपनी मार्केट में आ जाते हैं। दुकान पर काम करने वाले लोगों को भी बुला रहे हैं। इसके बाद दुकान मालिक बाहर खड़ा हो जाता है। दुकान काम करने वाले लोगों को दुकान के अंदर बैठा देता है। ग्राहक नजर आते ही शटर उठाकर दुकान के अंदर घुसा देता है। दही मंडी, होलसेल की जूता मार्केट, कपड़ा मार्केट, दाना ओली यहां तक की प्लास्टिक का आइटम व रस्सी बेचने वाले तक इसी तरीके से ग्राहकी कर रहे हैं।

जिम्मेदार आक्सीजन व दवाओं में उलझेः जिला प्रशासन व पुलिस पर इस समय दोहरी जवाबदारी है। एक तरफ संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कर्फ्यू का पालन कराना और दूसरी तरफ मरीजों की जान बचाने आक्सीजन व जीवनरक्षक दवाओं की व्यवस्था करना। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पिछले शुक्रवार से इन्हीं व्यवस्थाओं में उलझे हुए हैं।

हम भी समझें अपनी जिम्मेदारीः जानलेवा कोरोना काल में हमें भी अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा। समाज व शहर के लिए इस समय दुकानदारी जरूरी है या फिर संक्रमण को घर ले जाने से बचने के लिए कोविड गाइडलाइन का पालन करना है। स्वयं की इमानदारी और समझदारी से शहर इस संकट से उबर सकता है।

नेता व अफसरों के दबाव में देना पड़ रहा सामानः इधर व्यापारियों ने नाम न छपाने का निवेदन करते हुए बताया कि कोरना के संक्रमण का डर हमें भी है। परिवार की चिंता हम लोगों की भी है। अगर जीवन रहा तो दो पैसे फिर भी कमा लेंगें। सहालग के समय अधिकारियों व नेताओं के दबाव में जरूरतमंदों को दुकान का शटर उठाकर सामान देने के लिए मजबूर हैं।

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