REWA : कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कमजोरी के साथ ही दिल की धड़कन से जुड़ी समस्याएं आ रही सामने

 

REWA : कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कमजोरी के साथ ही दिल की धड़कन से जुड़ी समस्याएं आ रही सामने

रीवा. कोरोना संक्रमण की जंग जितने के बाद मरीजों में कार्डियक दिक्कत बनी हुई है। संक्रमण से ठीक होने के बाद कमजोरी के साथ ही दिल की धड़कन कम नहीं हो रही है। सुपर स्पेशलिटी में ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं कि जिनको कोरोना संक्रमण ठीक होने के बाद दिल से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं। । सुपर स्पेशलिटी के कॉर्डियोलॉजी विभाग में एक जून से अब तक आए मरीजों में औसत 30 मरीजों में 10 से अधिकम मरीज कोरोना से ठीक हुए शामिल हैं।

घबराहट, दिल की धड़कन बरकार

डॉक्टरों के मुताबिक, अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। जो संक्रमण से ठीक होने के बाद कार्डियक से जुड़ी दिक्कतों की वजह से आ रहे हैं। जिसमें घबराहट, या दिल की धड़क की गति का बढऩा है। कुछ ऐसे भी मामलों में कार्डियक अरेस्ट या दिल का दौरा के भी मरीज देखे गए हैं। उदाहरण मैहर से 55 वर्षीया महिला इलाज के लिए सुपर स्पेशलिटी में कॉर्डियालॉजी विभाग में पहुंची थीं। चिकित्सकों ने इलाज कर बचा लिया। इससे पहले व कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो गई हैं। ठीक होने के बाद घर पर कई दिन तक रहीं। पोस्टकोविड से पीडि़त रहीं।

कोरोना वायरस का ह्दय पर गहरा असर

चिकित्सकों के मुताबिक कोविड-19 की सबसे खतरनाक समस्याएं फेफड़ों पर असर और सांस लेने में समस्या जैसे लक्षण हैं। लेकिन अब ऐसा समझा जा रहा है कि वायरस से हृदय पर भी गहरा असर पड़ रहा है। यह मौजूदा हृदय रोगों से ग्रसित रोगियों के लिए एक गंभीर खतरा है। संक्रमण के कारण हृदय में रक्त के थक्का बन सकते हैं। और कई मामलों में यह हृदय में सूजन भी पैदा कर सकता है। सुपर स्पेशलिटी में एक जून से लेकर अब तक 30 से ज्यादा ह्दयरोगी भर्ती हुए। जिसमें औसत 12 से 13 मरीज कोरोना से जंग लडऩे वाले शामिल हैं।

एक जून से अब तक चालीस से अधिक मरीज

बताया गया कि सुपर स्पेशलिटी में ह्दयरोगियों के दस बेड का आइसीयो फुल है। इसके अलावा सामान्य वार्ड में भी जगह नहीं है। शनिवार को ओपीडी में 40 से अधिक लोग ह्दय से जुड़ी बीमारी को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे। जबकि एक दिन पहले ओपीडी में 100 से अधिक मरीज पहुंचे थे। ज्यादातर का इको किया गया। जिसमें पता चला कि दिल की धड़कन बढ़ी हुई है।

सीने में दर्द, थकान में दिल धड़के तो इको कराएं

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे ह्दय रोगियों को डॉक्टरों का सुझाव है कि जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं। ह्दयरोग विशेषज्ञ डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं कि यदि कोविड से ठीक होने वाले लोगों में अभी भी यदि सीने में दर्द, थकान के दौरान दिल की धड़कन तेज हो, घबराहट तो उन्हें अपनी इकोकार्डियोग्राफी जरूर करवानी चाहिए। कोविड-19 संक्रमण के दौरान, ध्यान सिर्फ फेफड़ों पर रहता है। बाद में लोगों को पता चलता है कि उन्हें हृदय की समस्याएं भी थीं। जिसे पहले पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाता है।

वर्जन

ओपीडी में आने वाले मरीजों में दिल के धड़कन की गति बढऩा, सीने में दर्द के साथ सूजन आदि के मरीज आ रहे हैं। कुछ मरीजों की हिस्ट्री से पता चलता है कि वह कोरोना से ठीक हो चुके हैं। कमजोरी के साथ ही सांसों में दिक्कत बनी हुई है। ऐसे मरीजों को इको करने के बाद इलाज से ठीक किया जा रहा है।

डॉ वीडी त्रिपाठी, ह्दयरोग विशेषज्ञ

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