MP : बेटी जन्मी तो ससुराल वालाें ने बहू को जिंदा जलाया था; पति सहित परिवार के 5 लोगों को उम्रकैद, ढाई साल के बेटे ने पुलिस की वर्दी में दी थी गवाही

 

MP : बेटी जन्मी तो ससुराल वालाें ने बहू को जिंदा जलाया था; पति सहित परिवार के 5 लोगों को उम्रकैद, ढाई साल के बेटे ने पुलिस की वर्दी में दी थी गवाही

खंडवा के बहुचर्चित सादिया बी हत्याकांड में तीन साल तीन महीने बाद शुक्रवार को कोर्ट का फैसला आ गया। कोर्ट ने मृतक के पति जेठ, सास-ससुर व ननद को उम्रकैद की सजा सुनाई। प्रकरण में ढाई साल के बेटे सहित 17 गवाह थे। हालांकि, कोर्ट ने ढाई साल के बेटे की गवाही मान्य नहीं की। ससुराल वालों का कहना था कि सादिया ने आत्महत्या की, लेकिन पुलिस जांच में उसके शरीर पर चोट के निशान मिले। कमरे में खून के छींटे मिले थे। इससे हत्या की पुष्टि हुई। सादिया ने बेटी को जन्म दिया था, जिससे परिवार नाखुश था, इसलिए उसकी हत्या कर दी।

फैसला चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश किरण सिंह ने सुनाया। बड़वानी के अंजड़ निवासी सादिया बी का निकाह खंडवा में हुआ था। हत्याकांड के बाद फैसले को लेकर बड़वानी सहित समाजजन की नजर थी। मृतका के पति मोइनुदीन(31), जेठ इरशाद(35), सास खातून बी(62), ससुर सलामुद्दीन(70), ननद शबनम को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

17 लोगों के बयान हुए, नाना ने लगाए थे हत्या के आरोप

मामले में शासन की तरफ से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक ताक खान मंसूरी ने बताया कि घटना 24-25 अप्रैल 2018 की है। कोतवाली पुलिस को सादिया का शव जली अवस्था में बाथरूम में पड़ा मिला था। घटना के बाद ससुराल वालों ने मामले को आत्महत्या जबकि मौके पर पहुंचे मृतक के नाना नजमुदीन शकिर निवासी अंजड़ ने सादिया पर मारपीट और केरोसिन डालकर हत्या का आरोप लगाया था। मामला न्यायालय में 3 साल तक चला। इस दौरान सादिया के रिश्तेदार, डॉक्टर, एक्सपर्ट पुलिस अधिकारी सहित 17 लोगों ने बयान दिए। इनमें मृतका का ढाई साल का बेटा हसान भी शामिल था। तीन साल की उम्र में वह पिता के खिलाफ बयान देने पुलिस की वर्दी पहनकर न्यायालय में पहुंचा था, लेकिन बयान मान्य नहीं हुए।

ये प्रमुख कारण जो बने सजा का आधार

जलाने से पहले सादिया के साथ मारपीट हुई थी। शरीर पर चोट के निशान आए फिर उसे बाथरूम में कैरोसिन डालकर आग लगा दी। पुलिस सूचना न देकर मोहल्ले के डॉक्टर को बुलाया गया। सादिया पर केरोसिन डालकर आग लगाना एक व्यक्ति द्वारा किया जाना संभव नहीं था। कमरे में खून के छोटे भी मिले थे।

पोस्टमार्टम और FSL रिपोर्ट के मुताबिक मृतक सादिया के सिर में दाहिनी ओर पीछे तरफ फटा हुआ तिरछा घाव मिला था और उसके दाहिने हाथ पर खरोंच के निशान पाए गए थे। ये चोटें सख्त और कठोर वस्तुओं के वार से आईं थीं। जिससे उसकी मौत हुई।

आरोपियों ने पुलिस से कहा था सादिया ने केरोसिन डालकर आग लगाई है। जबकि मौके पर केरोसिन भरी कैन नहीं मिली। सवाल उठा कि कैन बाथरूम के ऊपर जाने वाली सीढ़ी की रैंक तक कैसे पहुंची, जबकि वह बाथरूम में ही होना चाहिए था। खुद को आग लगाने के बाद सादिया उसे उक्त जगह पर रखने तो नहीं गई होगी।

ढाई साल के बच्चे को आसानी से सिखाया पढ़ाया जा सकता इसलिए बयान पर विश्वास नहीं

अतिरिक्त लोक अभियोजक मनीष बरोले ने बताया कथन के दौरान बालक से प्रश्न पूछने पर कि उसकी मम्मी का क्या नाम है तो उसने कहा कि उसकी मम्मी को मोइन ने डंडे से मारा। वह बार-बार यही कह रहा था। बेहद छोटी उम्र होने के कारण मृतका के बेटे का बयान मान्य नहीं किया गया।

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