MP : 71 करोड़ के एमडी ड्रग्स रैकेट में गिरफ्तार : महिला समेत तीन साथियों का अफगानिस्तान के नार्को टेररिज्म से कनेक्शन

 

MP : 71 करोड़ के एमडी ड्रग्स रैकेट में गिरफ्तार : महिला समेत तीन साथियों का अफगानिस्तान के नार्को टेररिज्म से कनेक्शन

71 करोड़ रुपए के एमडी ड्रग्स रैकेट में गिरफ्तार मुंबई की ड्रग्स पेडलर महजबीं शेख और उसके तीन साथियों का अफगानिस्तान के नार्को टेररिज्म से कनेक्शन पुलिस को पता चला है। महिला डार्क नेट और डार्क वेब के जरिए बड़े पैमाने पर अन्य देशों में भी एमडी ड्रग्स की सप्लाई करती थी। चारों आरोपियों का क्राइम ब्रांच को 12 जुलाई तक रिमांड मिला है। पुलिस इनके बैंक खाते, सिम व संपत्ति का ब्योरा खंगाल रही है। एएसपी गुरु प्रसाद पाराशर के मुताबिक, आरोपी महजबीं के इंटरनेशनल कनेक्शन सामने आए हैंं।

मुंबई-दिल्ली के जिस नेटवर्क में ये एमडी ड्रग्स की तस्करी कर रही थी, उससे इसका नेटवर्क अन्य देशों से जुड़ा होने की जानकारी मिली है। इसके पासपोर्ट को भी टीम ने जब्त किया है। इसने दुबई सहित कई देशों की यात्रा की है। साथी सलीम के पकड़े जाने पर यह समुद्री रास्ते से दुबई भागने की कोशिश में थी, पर पकड़ ली गई।

40 करोड़ की एमडी ड्रग्स खरीदकर मुंबई-दिल्ली में की सप्लाई

आरोपी महजबीं, सलीम चौधरी, जुबेर हलाई और अनवर लाला ने लॉकडाउन के दौरान इंदौर से करीब 40 करोड़ की 40 किलो एमडी ड्रग्स खरीदकर मुंबई-दिल्ली में खपाई। काफी माल इन्होंने दवाओं के पैकेट में ट्रांसपोर्ट किया। कई बार प्रेस लिखी और इसेंशियल सर्विस पास पर कार से आकर भी ले गए।

इंदौर में इनका सीधा कनेक्शन रईसुद्दीन से था। इसी के जरिए ये टेंट कारोबारी दिनेश अग्रवाल के रैकेट से जुड़े। टेंट कारोबारी दिनेश अग्रवाल का ड्राइवर अशफाक था, जिसे उसके एमडी ड्रग्स कारोबार की जानकारी थी। बाद में अशफाक के जरिए रईस सीधे अग्रवाल पिता-पुत्र से जुड़ा और ड्रग्स मुंबई में बेचने लगा।

जरी गोटे का काम करने वाली ऐसे बनी ड्रग्स पेडलर, महंगी गाड़ियों का भी शौक

महजबीं मूल रूप से वड़ोदरा की है। गुजरात दंगों के बाद वह नानी के पास मुंबई चली गई। पहला निकाह गुजरात में हुआ। 2003 में तलाक हो गया। इसके बाद मुंबई में कपड़ों पर जरी-गोटे का काम करने लगी। मुंबई में दूसरा निकाह किया, लेकिन उससे भी नहीं बनी। फिर सिलाई का काम छोड़कर पब में काम करने लगी।

यहां एमडी ड्रग्स की सप्लाई शुरू की। दिल्ली में हाईप्रोफाइल किन्नर से दोस्ती हुई। फिर ये पूरी तरह से ड्रग्स पेडलर्स के रूप में काम करने लगी। महजबीं ने कबूला है कि उसे महंगी गाड़ियों का शौक रहा है। वह ड्रग्स पेडलर्स बनने के बाद इस शौक को पूरा कर रही थी। उसे हर तरह की ड्रग्स लेने की भी आदत है और जानकारी भी।

6 माह में बनाया नेटवर्क, हैदराबाद से मंगाकर मुंबई में 4 गुना दाम में बेचते थे

मुंबई के पेडलर्स ने इंदौर से ली गई एमडी को जब पबों में बेचा तो उन्हें काफी डिमांड आने लगी। इस पर मुंबई के पेडलरों ने इंदौर को एमडी ड्रग्स का हब बना दिया और दिनेश अग्रवाल अपने परिचित वेद प्रकाश से उसकी फार्मा कंपनी में बड़े पैमाने पर ड्रग्स तैयार कराने लगा। वेद प्रकाश उसे 25 हजार प्रति किलो में देता।

दिनेश उसे 30 से 40 हजार में रईस को और रईस इसे लाखों में मुंबई के पेडलर्स को देने लगा। 6 माह में इनका नेटवर्क खड़ा हो गया।अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत और ड्रग्स केस में जांच कर रही मुंबई एनसीबी को भी इंदौर के गिरोह का सुराग मिला था, लेकिन उसके पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने रैकेट को पकड़ लिया।

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