GOOD NEWS : पटवारी बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए अब आगामी 5 साल तक हर वर्ष मिलेगा मौका, 1 हजार से पदों की संख्या बढ़ाकर 5 हजार किए जाने का प्रस्ताव

 

GOOD NEWS : पटवारी बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए अब आगामी 5 साल तक हर वर्ष मिलेगा मौका, 1 हजार से पदों की संख्या बढ़ाकर 5 हजार किए जाने का प्रस्ताव

यदि आप पटवारी बनने का सपना देख रहे हैं और 4 साल से कोई पटवारी भर्ती परीक्षा नहीं निकलने से उदास हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। वापस पूरी मेहनत और लगन से पटवारी बनने के लिए तैयारी शुरू कर दीजिए। प्रदेश में एक बार फिर बड़ी संख्या में पटवारियों की भर्ती की जा सकती है। इसके लिए लैंड रिकॉर्ड विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें रिक्त पदों की संख्या 1 हजार से बढ़ाकर 5 हजार किए जाने का प्रस्ताव है।

प्रस्ताव में यह भी उल्लेखित किया गया है कि यह 5 हजार पद एक साथ न भरकर टुकड़ों में भरे जाएं। इससे शासन के वित्त विभाग पर भी लोड नहीं बढ़ेगा। यदि प्रस्ताव पास हो जाता है तो अगले 5 साल तक लगातार हर वर्ष पटवारी भर्ती परीक्षा होगी। ऐसे युवा जो पटवारी बनने का सपना देख रहे हैं। उनके लिए आगामी 5 साल काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं।

हर साल एक हजार पदों के लिए हो सकती हैं भर्ती परीक्षा

इस बार यह भर्ती एक साथ न करते हुए अलग-अलग फेज में कराई जाएगी। इसका प्रस्ताव जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। जिसके बाद वित्त विभाग पदों की स्वीकृति के लिए बजट आवंटन करेगा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही भर्ती परीक्षा के लिए लैंड रिकॉर्ड विभाग द्वारा प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (PEB) को लिखा जाएगा। इसके पीछे मकसद पटवारियों पर बढ़ते काम के बोझ को कम करना और कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

वर्ष 2017 में 9 हजार पदों पर एक साथ हुई थी भर्ती

वर्तमान में प्रदेश के अधिकतर जिलों में एक पटवारी के जिम्मे दो से तीन पंचायतें हैं। उल्लेखनीय है कि पटवारियों की भर्ती परीक्षा आखिरी बार नवंबर 2017 में हुई थी। इस परीक्षा के जरिए लगभग 9 हजार पदों पर पटवारियों को भर्ती किया गया था। तब प्रदेश के 10 लाख परीक्षार्थियों ने इसमें भाग लिया था, लेकिन उनमें से कुछ पदों को लेकर उम्मीदवारों का लैंड रिकॉर्ड विभाग से अभी तक विवाद चल रहा है और कुछ उम्मीदवारों ने कोर्ट की शरण भी ले रखी है।

मप्र में लगभग 22 हजार पंचायतें हैं

प्रदेश में लगभग 22 हजार पंचायतें हैं इनके मुकाबले पटवारियों की संख्या सिर्फ 19 हजार है। वहीं तेजी से बढ़ते शहरीकरण की वजह से भी शहरी इलाकों में भी विभिन्न दायित्वों के लिए पटवारियों की जरूरत है। लैंड रिकॉर्ड विभाग का डाटा बताता है कि अधिकतर जिलों में दो से तीन पंचायत पर एक पटवारी है, जबकि लैंड रिकॉर्ड विभाग, राजस्व रिकाॅर्ड के अपडेशन, बंदोबस्त का आधुनिकीकरण करने पंचायत स्तर पर राजस्व के कार्यों को क्वालिटी बढ़ाने के लिए एक पंचायत एक पटवारी की अवधारणा को लाना होगा। जिसके लिए ही लैंड रिकॉर्ड विभागों ने रिक्त पदों को बढ़ाने का फैसला लिया है। पटवारियों के रिक्त पदों की संख्या 1 हजार है जिसमें 4 हजार नए पद सृजित कर कुल रिक्त पद 5 हजार करने का प्रस्ताव है।

अगले 5 साल तक हर वर्ष मिलेगी पटवारी भर्ती परीक्षा

प्रस्ताव में लैंड रिकॉर्ड विभाग ने साफ लिखा है टुकड़ों में हो भर्ती परीक्षा

5 हजार नए पद, लेकिन हर साल 1 हजार पद भरने के लिए होगी परीक्षा

अगले 5 महीने में हो सकती है पहली परीक्षा

इससे वित्त विभाग पर लोड भी नहीं पड़ेगा

इसी स्वरूप पर शासन से प्रस्ताव को मिल सकती है मंजूरी

उम्मीदवारों को अगले पांच साल तक भर्ती परीक्षा देने को भी मिलेगी

युवाओं के लिए अच्छा मौका हो सकता है

नए चार हजार पद बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार है

राजस्व के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए हमें पटवारियों के नए पद सृजित करना पड़ेंगे। वर्तमान में रिक्त पद 1 हजार हैं और उन्हें बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए तैयार कर लिया गया है। एक पंचायत पर एक पटवारी पदस्थ करने के लिए हमें चार हजार नए पद सृजित करना होंगे। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के लिए भी प्रक्रिया जारी है।

ज्ञानेश्वर बी पाटिल, कमिश्नर, लैंड रिकॉर्ड विभाग, मप्र

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