REWA : फ्री फायर गेम की ऐसी लत की पिता के खाते से उड़ा डालें 19 दिन में 90 हजार : फिर कोचिंग जाने के बहाने 20 हजार रुपए लेकर घर से भागा

 

REWA : फ्री फायर गेम की ऐसी लत की पिता के खाते से उड़ा डालें 19 दिन में 90 हजार : फिर कोचिंग जाने के बहाने 20 हजार रुपए लेकर घर से भागा

रीवा जिले में 10वीं के एक स्टूडेंट को फ्री फायर गेम की ऐसी लत लगी कि उसने 19 दिनों में पिता के ATM कार्ड से 90 हजार रुपए खर्च कर दिए। इसमें से 40 हजार रुपए का मोबाइल फोन खरीदा। 30 हजार रुपए गेम में लगा दिए। इसके बाद कोचिंग जाने के 20 हजार रुपए निकालकर घर से भाग गया। पुलिस ने 4 दिन बाद उसे इंदौर से बरामद कर लिया। घटना जिले के जवा थाना की है।

स्कूल के प्राचार्य विनीत मिश्रा ने बताया कि छात्र को दो महीने पहले फ्री फायर गेम की लत लगी। साथी छात्र ने बताया कि वह रोजाना रात 10:30 रात से सुबह 3 बजे तक पिता का मोबाइल लेकर गेम खेलता था। बीच में कभी-कभी उसके पिता मोबाइल ले लेते थे, इसलिए उसने ऑनलाइन 40 हजार रुपए का मोबाइल मंगवाया और पिता के ATM से पैसे दिए। साथ ही फ्री फायर गेम खेलने के लिए 100 रुपए से लेकर 20 हजार तक का रिचार्ज करता था। इसी बीच पिता के ATM से धीरे-धीरे पैसे भी खत्म होते गए। आने वाले दिनों में पिता से कहीं डांट न पड़े, इसलिए उसने घर से भागने का प्लान बना लिया।

जवा से देवास जाने का बनाया प्लान

परिजनों ने बताया कि किशोर के पिता पहले देवास में रहते थे। साथ ही उसकी मौसी अभी भी देवास में रहती हैं। ऐसे में किशोर 15 सितंबर की सुबह 8 बजे घर से जायसवाल कोचिंग सेंटर जवा के लिए निकला। 10 बजे सुबह 10-10 हजार कर 20 हजार रुपए कैश निकाले। फिर पिकअप में सवार होकर रीवा निकल गया। वह 15 सितंबर को पूरा दिन और रात और 16 सितंबर को पूरा दिन रीवा में रहा। फिर शाम को इंदौर स्पेशल ट्रेन के पार्सल बोगी में सवार होकर देवास जा रहा था, लेकिन उसकी नींद 17 सितंबर की सुबह करीब 11 बजे इंदौर में खुली। यहां वह शाम तक स्टेशन के आसपास ही मौजूद रहा।

15 सितंबर की शाम FIR दर्ज

जवा थाना प्रभारी कन्हैया सिंह ने बताया कि छात्र के लापता होने पर परिजन 15 सितंबर की शाम थाने पहुंचे। उन्होंने बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। 16 सितंबर को साइबर सेल से उसकी लोकेशन रीवा रेलवे स्टेशन मिली, लेकिन इसके बाद वह मोबाइल को स्विच ऑफ कर सो गया। उसे देवास जाना था, लेकिन इंदौर पहुंच गया। फिर जब इंदौर में मोबाइल ऑन हुआ तो इंदौर GRP, RPF और लोकल पुलिस की मदद से उसे बरामद कर लिया गया।

हर स्टेशन में हुई चेकिंग पर कहीं नहीं मिला

पुलिस ने दावा किया कि किशोर इतना तेज था कि वह पैसेंजर डिब्बा की जगह पार्सल डिब्बा में बैठा था। ऐसे में उसे रीवा से इंदौर के बीच कहीं भी बरामद नहीं किया जा सका, क्यों​कि रीवा, सतना और कटनी स्टेशन में पूरी ट्रेन की सर्चिंग हुई पर उसका कहीं पता नहीं चला था।

लास्ट मैसेज से खुली पोल

बरामद हुए बच्चे के पिता ने बताया कि वह रात में ही ATM लेकर पैसे ट्रांसफर कर लेता था। साथ ही इसके बाद मोबाइल में आने वाला SMS भी डिलीट कर देता था। लापता वाले दिन जब ATM से 20 हजार रुपए निकाले तो पिता के पास मैसेज पहुंच गया। इसको देखने के बाद पिता के होश उड़ गए।

खाते में मिले सिर्फ 6 हजार

किशोर ने 13 सितंबर को 40 हजार का मोबाइल खरीदा। इसके बाद 15 सितंबर को 20 हजार कैश निकाले। पिता ने जब बैंक जाकर स्टेटमेंट निकलवाया तो 16 सितंबर को​ सिर्फ 6 हजार रुपए खाते में बचे मिले, जबकि उनके एकाउंट में करीब 96 हजार रुपए थे।

ऐसे पहुंचा इंदौर

- 15 सितंबर को पिकअप से रीवा पहुंचा।

- 16 सितंबर की शाम रीवा-इंदौर स्पेशल ट्रेन से देवास रवाना।

- 17 सितंबर की सुबह 11 बजे इंदौर पहुंचा

- फिर 17 की शाम 4 बजे इंदौर स्टेशन से बरामद कर लिया गया।

- 19 सितंबर की शाम रीवा पहुंचा।

- 20 सितंबर को न्यायालय में बयान होंगे

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