MP के टॉपरों की कहानी : UPSC में ओवरऑल सेकंड रैंक... अनएक्स्पेक्टेड : जानिए सफलता की कहानी जागृति की जुबानी : पढ़िए टॉपर बनने के 5 टिप्स

 

MP के टॉपरों की कहानी : UPSC में ओवरऑल सेकंड रैंक... अनएक्स्पेक्टेड : जानिए सफलता की कहानी जागृति की जुबानी : पढ़िए टॉपर बनने के 5 टिप्स

भोपाल के गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर डॉ. एससी अवस्थी की बेटी जागृति ने उनसे कहा कि 'पापा मुझे UPSC क्लियर करना है'। यह सुन पिता डॉ. अवस्थी एक पल के लिए गहरी सोच में पड़ गए, क्योंकि तब बेटी BHEL (भेल) में इंजीनियर थी। सैलरी भी अच्छी थी। ओहदा भी बड़ा था। डॉ. अवस्थी ने सैलरी और ओहदे की बात कहते हुए सहमति दे दी। बेटी ने भी सुबह होते ही नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद UPSC में बैठकर IAS बनने की तैयारी शुरू कर दी। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिल सकी। इसके बावजूद हार नहीं मानी। जागृति ने इससे सीख ली कि इसमें कहीं ज्यादा मेहनत लगेगी। हौसले के साथ फिर से जुट गई।

जागृति पढ़ाई में ऐसे जुटीं कि UPSC के अलावा उन्हें कुछ नहीं दिखाई दिया। पहले यूपीएससी की स्टैंडर्ड बुक्स तलाशी और फिर पढ़ाई शुरू की। रोज 8 से 9 घंटे पढ़ाई की। जब एग्जाम करीब आए तो 12 से 14 तक पढ़ाई करने लगीं। आखिरकार आसमां छू लिया।

सफलता की कहानी जागृति की जुबानी

'UPSC में ओवरऑल सेकंड रैंक... अनएक्स्पेक्टेड है। हार्ड वर्क और पेरेंट्स की बदौलत ये संभव हो पाया है। मैंने 2017 से 2019 तक भेल में जॉब की। एग्जाम क्लियर करने की शुरुआत वहीं से कर दी थी। साल 2019 में पहला अटैम्प किया, लेकिन प्रीलिम्स भी नहीं निकाल पाई। इसके बाद जुलाई 2019 से फिर पढ़ाई शुरू की। कोरोना ने कई चुनौतियां थीं, लेकिन पढ़ाई जारी रखी। शुरुआती कोचिंग की मदद ली, लेकिन कोरोना की वजह से घर ही पढ़ी'।

गांव के विकास और बच्चों की शिक्षा में काम करना चाहती हैं

जागृति ने कहा कि रूरल डेवलपमेंट, चिल्ड्रेन एजुकेशन और वूमेन राइट्स में काम करना चाहती हूं। वह देहाती जीवन को बेहतर बनाने के साथ बच्चों की शिक्षा और महिलाओं के अधिकार पर ज्यादा फोकस करेंगी।

मोबाइल से दूर रहीं, घर के बरामदे में घूमती थी तो हाथ में किताब होती थी

UPSC पर फोकस कर रही जागृति ने मोबाइल से दूरी बना ली थी। यहां तक कि टीवी भी नहीं देखती। घर के बरामदे में भी घूमती थी तो हाथ में किताब ही होती थी। टॉपर बनने का कभी नहीं सोचा था, लेकिन हर हाल में UPSC एग्जाम क्लियर करना थी, ताकि IAS बनकर सेवा कर सकें।

भाई ने दिया हौसला

प्रोफेसर डॉ. अवस्थी भोपाल के 5 नंबर मार्केट इलाके में पत्नी मधुलता, बेटी जागृति व बेटे श्रेयस के साथ रहते हैं। श्रेयस MBBS की पढ़ाई कर रहा है। जागृति बताती हैं कि भाई श्रेयस ने UPSC की एग्जाम देने के लिए हौसला दिया।

टॉपर बनने के 5 टिप्स

1. क्लियरिटी ऑफ गोल

- आप क्या कर रहे हो। एग्जाम की डिमांड क्या है। क्या सिलेबस होना चाहिए। यह आपको क्लियर होना चाहिए।

2. कंसिस्टेंसी

- डेली पढ़िए। जरूरी नहीं कि एक दिन में 16-16 घंटे पढ़े। जरूरत है रोजाना पढ़ने की। बस पढ़ते रहें। इससे एग्जाम में सफलता जरूर मिलेगी।

3. प्रैक्टिस

- खूब प्रैक्टिस करें। टेस्ट सीरिज लगाएं। सिलेबस के मुताबिक पढ़ें।

4. एक्शन लें

- कोई भी एक्शन लेने में कतई पीछे नहीं हटे। यदि आपमें निर्णय लेने की क्षमता है, तो आगे बढ़ेंगे। मैंने भेल में फर्स्ट क्लास नौकरी छोड़ी और UPSC की तैयारी की।

5. नेवर गिवअप

- कभी पीछे नहीं हटें। यदि किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं, तो उसमें पूरी तरह से जुट जाएं।

बेसिक ऐसे बनाएं मजबूत

अच्छी किताबें पढ़ें। स्टैंडर्ड बुक्स को पढ़ने में थोड़ा वक्त लगता है, लेकिन रिजल्ट अच्छा आता है।

ऐसे की पढ़ाई

जुलाई-2019 में UPSC की पढ़ाई शुरू की। शुरुआती 8-9 महीने तक रोज 8 से 10 घंटे पढ़ाई की। इसके बाद पढ़ाई तेज कर दी। रोज 12 से 14 घंटे तक पढ़ाई करती रही। बीच में कोरोना आया तो स्ट्रेटजी चेंज की। करंट अफेयर्स की ओर ज्यादा फोकस किया।

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