100 फीसदी शुद्ध सोना खरीदने का सुनहरा मौका : 25 से 29 अक्टूबर तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में करें निवेश, डिजिटल पेमेंट करने पर 50 रुपये का डिस्काउंट

 

 100 फीसदी शुद्ध सोना खरीदने का सुनहरा मौका : 25 से 29 अक्टूबर तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में करें निवेश, डिजिटल पेमेंट करने पर 50 रुपये का डिस्काउंट

फेस्टिव सीजन है और इस दौरान सोना खरीदना शुभ माना जाता है. अगर आप भी सोने में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो आपके पास 100 फीसदी शुद्ध सोना खरीदने का सुनहरा मौका है. आप 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश कर सकते हैं. 

RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए 4,765 रुपये प्रति ग्राम का भाव तय किया है. ऑनलाइन अप्लाई करने और डिजिटल पेमेंट करने पर प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. यानी डिजिटल पेमेंट करने पर एक ग्राम सोने के लिए 4,715 रुपये चुकाने होंगे. वहीं 24 अक्टूबर को 24 कैरेट 1 ग्राम गोल्ड का बाजार मेंम भाव 4780 रुपये है. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 2021-22 सीरीज के तहत अक्टूबर 2021 से मार्च 2022 के बीच 4 चरणों में बॉन्ड जारी किए जाएंगे. वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 10 चरणों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लॉन्च किए जाएंगे. इसमें से मई 2021 से लेकर सितंबर 2021 तक 6 चरणों में गोल्ड बॉन्ड लॉन्च हो चुके हैं. ये सांतवीं सीरीज है. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरुआत

साल 2015 से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का विकल्प आया है. यह आरबीआई जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोने की खरीदारी की जा सकती है. यानी आप कम से कम 4,715 रुपये का सोना खरीद सकते हैं. निवेशकों को ऑनलाइन या कैश से इसे खरीदना होता है और उसके बराबर मूल्य का सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड उन्हें जारी कर दिया जाता है. इसकी मैच्योरिटी पीरियड आठ साल की होती है. लेकिन पांच साल के बाद इसमें बाहर निकलने का विकल्प भी है. फिजिकली सोने की खरीदारी कम करने के लिए यह स्कीम लॉन्च की गई है. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे

अगर फायदे की बात करें तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है. गोल्ड बॉन्ड में न्यूनतम एक ग्राम सोना का निवेश किया जा सकता है और आम आदमी के लिए अधिकतम निवेश की सीमा चार किलोग्राम है, जबकि हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए चार किलोग्राम और ट्रस्ट के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम है. पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में तेजी से बढ़ा है. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मकसद भौतिक रूप से सोने की मांगों में कमी लाना है, यानी लोग ज्वेलरी के बदल गोल्ड बॉन्ड खरीदें. फिजिकल गोल्ड की बजाए गोल्ड बांड को मैनेज करना आसान और सेफ होता है. सरकारी गोल्‍ड बॉन्ड की कीमत बाजार में चल रहे सोने की रेट से कम होती है.

कहां से खरीदें गोल्ड बॉन्ड

जैसे ही सोने की कीमतों में इजाफा होता है, वैसे ही गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को भी इसका फायदा मिलता है. ये बॉन्‍ड पेपर और इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में होते हैं. जिससे आपको फिजिकल गोल्‍ड की तरह लॉकर में रखने का खर्च भी नहीं उठाना पड़ता. इस गोल्‍ड की बिक्री बैंकों, डाकघरों, एनएसई और बीएसई के अलावा स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए होती है. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के निवेशक की मौत की स्थिति में 

अगर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वाली की मृत्यु हो जाती है तो भी आरबीआई ने नियम एकदम साफ बनाए हुए हैं. ऐसी स्थिति में बॉन्ड के लिए नामित व्यक्ति अपने दावे के साथ संबंधित प्राप्ति कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.

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