सागर : FREE FIRE GAME ने बिगाड़ा युवक का मानसिक संतुलन : पूरी रात खेलता था ऑनलाइन गेम, आप कर रहा पागलों जैसी हरकतें, अस्पताल में रो-रोकर मां का बुरा हाल

 

सागर : FREE FIRE GAME ने बिगाड़ा युवक का मानसिक संतुलन : पूरी रात खेलता था ऑनलाइन गेम, आप कर रहा पागलों जैसी हरकतें, अस्पताल में रो-रोकर मां का बुरा हाल

सागर जिले में ऑनलाइन फ्री फायर गेम ने एक किशोर का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। वह रात भर जागकर गेम खेलता था। अब वह अजीब-ओ-गरीब हरकत करने लगा है। वह हर चीज में गेम खोजने लगा। कोल्ड ड्रिंक की बोतल दी गई तो कहा, इसमें गेम नहीं है। यह बेकार है। डॉक्टर के मुताबिक उसे दवाएं दी गई हैं, अगर वह ठीक नहीं हुआ तो आगे के इलाज के लिए रेफर किया जाएगा।

सागर : FREE FIRE GAME ने बिगाड़ा युवक का मानसिक संतुलन : पूरी रात खेलता था ऑनलाइन गेम, आप कर रहा पागलों जैसी हरकतें, अस्पताल में रो-रोकर मां का बुरा हाल

किशोर जिले के मालथौन क्षेत्र का रहने वाला है। परिवार वालों ने किशोर को शनिवार को मालथौन स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है। यहां डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं। परिवार वालों ने डॉक्टर को बताया कि वह मोबाइल पर लंबे समय से फ्री फायर गेम खेल रहा था। अस्पताल में रो-रोकर मां का बुरा हाल है। वह ईश्वर से बेटे की सलामती की दुआ करती रही।

ऐसी हरकतें करने लगा तो ले आए अस्पताल

परिवार वालों के मुताबिक वह बगैर सोए पूरी रात गेम खेलता था। एक महीने से वह ज्यादा ही गेम खेलने लगा था। शनिवार को पागलों जैसी हरकतें करने लगा है। उसे कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए बोतल दी गई तो उसने कहा कि इसमें गेम नहीं है। यह किसी काम का नहीं है। परिवार वालों को पहले तो लगा कि वह मजाक कर रहा है, लेकिन उसकी अजीब-ओ-गरीब हरकतें बढ़ती गईं। उसे खाना दिया गया तो वह भी नहीं खाया, कहा- इसमें गेम नहीं है। उसे कुछ भी दो तो वह कहता- इसमें गेम नहीं है। यह बेकार चीज है। खाने-पीने का होश ही नहीं रहता। बेटे की दिमागी हालत को देख परिवार वाले काफी परेशान हो गए। इसके बाद उसे अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टर भर्ती करके उसका इलाज कर रहे हैं।

नींद पूरी नहीं होने की वजह से यह हाल

अस्पताल के डॉक्टर विक्रांत गुप्ता ने बताया कि 17 साल के नाबालिग को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवार वालों ने बताया है कि वो लगातार मोबाइल में ऑनलाइन फ्री फायर गेम खेल रहा था। बगैर सोए भी गेम खेल रहा था। इस कारण उसकी नींद पूरी नहीं हो पाई है। जिस कारण उसकी दिमागी हालत पर असर पड़ा है। किशोर को नींद पूरी करने और अन्य दवाइयां दी जा रही हैं। यदि ठीक नहीं हुआ तो उचित इलाज के लिए आगे रेफर किया जाएगा।

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