Corona Vaccine सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर हाईकोर्ट ने पूछा सवाल, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

 

Corona Vaccine सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर हाईकोर्ट ने पूछा सवाल, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली। देश कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की दूसरी लहर करीब-करीब उबर चुका है। इसककी सबसे बड़ी वजह तेजी से हो रहे कोरोना वैक्सीनेशन ( Corona Vaccination )को बताया जा रहा है। सरकार लगातार वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने में जुटी है। इस बीच कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) की तस्वीर को लेकर केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है।

इस नोटिस के जरिए उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने उस याचिका पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा है, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर के बिना कोरोना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र की मांग की गई थी।

कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल कोट्टायम निवासी याचिकाकर्ता एम पीटर ने हाईकोर्ट में इसको लेकर एक याचिका दायर की है।

इस याचिका में पीटर ने तर्क दिया कि वर्तमान टीका प्रमाण पत्र एक नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और प्रधानमंत्री की तस्वीर के बिना प्रमाण पत्र की मांग की।

याचिका दायर करने के बाद न्यायमूर्ति पीबी सुरेश कुमार ने केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को दो सप्ताह में अपने विचार दर्ज करने का निर्देश दिया।

पीटर ने कई देशों का दिया उदाहरण

अपनी याचिका में पीटर ने संयुक्त राज्य अमरीका, इंडोनेशिया, इजराइल, जर्मनी सहित कई देशों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत किए, जिसमें कहा गया है कि सर्टिफिकेट पर वे सभी जरूरी जानकारी रखते हैं, न कि सरकार के प्रमुखों की तस्वीरें।

पीटर ने यह भी कहा कि उसे ये प्रमाण-पत्र अपने साथ कई जगहों पर ले कर जाना है और सर्टिफिकेट में पीएम की तस्वीर की कोई प्रासंगिकता नहीं है।

ऐसे में अगर सरकार चाहे तो लोगों को बिना किसी फोटो के प्रमाण पत्र लेने का विकल्प दिया जा सकता है।

पीएम की फोटो के बिना वैक्सीन सर्टिफिकेट लेने का अधिकार

याचिकाकर्ता पीटर अधिवक्ता अजीत जॉय ने दायर याचिका में आरोप लगाया कि महामारी के खिलाफ लड़ाई को जनसंपर्क और मीडिया अभियान में बदल दिया गया है।

इससे ऐसा लगता है कि यह वन मैन शो है और पूरा अभियान एक व्यक्ति को प्रोजेक्ट करना है। वह भी सरकारी खजाने की कीमत पर हो रहा है।

रॉय ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी की फोटो के बिना वैक्सीन सर्टिफिकेट लेने का पूरा अधिकार है।

ये है केंद्र सरकार का तर्क

केंद्र सरकार पहले ही वैक्सीन सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री की तस्वीर को शामिल किए जाने पर अपना तर्क दे चुकी है। सरकार के मुताबिक पीएम मोदी की फोटो कोविड के खिलाफ जागरूकता पैदा करने में मदद करती है।

जब दो महीने पहले उच्च सदन में ये सवाल आया था तो स्वास्थ्य राज्य मंत्री बी पी पवार ने कहा कि जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए यह आदर्श तरीका है।

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