युवाओं को फिर मिलेगा रोजगार का मौका : MSME विकास नीति 2021 का ऐलान, बंद इकाइयों को शुरू करने के लिए मिलेगी रियायत, पावरफुल सेक्टर पर रहेगा सरकार का फोकस

 

युवाओं को फिर मिलेगा रोजगार का मौका : MSME विकास नीति 2021 का ऐलान, बंद इकाइयों को शुरू करने के लिए मिलेगी रियायत, पावरफुल सेक्टर पर रहेगा सरकार का फोकस

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग ने उद्योगों के विकास के लिए MSME विकास नीति 2021 का ऐलान किया है। नीति में बंद और बीमार इकाइयों को पुनर्जीवित करने के लिए रियायत और सहूलियत दी जाएंगी। इससे स्थानीय युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मुहैया हो सकेगा। मध्यप्रदेश में फैले पावरलूम सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं।

नीति के मुताबिक मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बीमार इकाइयों का पुनर्जीवन दिया जाएगा। बीमार और बंद इकाई इस नीति की प्रभावशील अवधि में पुनर्जीवित होती है, तो उन्हें संयंत्र एवं मशीनरी में अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक की निवेश सहायता सुविधा प्रदान की जाएगी।

बंद इकाई के पुनर्जीवन के लिए बैंकर्स, वित्तीय संस्थानों की सहायता से पैकेज बनाया जाएगा। पुनर्जीवन पैकेज तैयार करने की प्रमुख जिम्मेदारी बैंकरों और वित्तीय संस्थानों की होगी। इसके बाद बीमार इकाई द्वारा रियायतों का पैकेज प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव बनाया जाकर साधिकार समिति को प्रस्तुत किया जाएगा।

साधिकार समिति लेगी रियायत व छूट का निर्णय

MSME विभाग के प्रमुख सचिव अथवा सचिव की अध्यक्षता में बीमार औद्योगिक इकाइयों के पक्ष में पुनर्जीवन पैकेज पर निर्णय लेने के लिए साधिकार समिति का गठन किया जाएगा। समिति में प्रमुख सचिव या सचिव, MSME विभाग अध्यक्ष, जिस विभाग से बीमार इकाई के लिए रियायत, राहत चाही गई है, उस विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव सदस्य,उद्योग आयुक्त, संबंधित बैंक शाखा के क्षेत्रीय प्रबंधक सदस्य, वित्तीय संस्था के शाखा प्रबंधक, प्रभारी अधिकारी, जिसके माध्यम से पुनर्जीवन पैकेज प्रस्तावित होगा सदस्य तथा संयुक्त या उप संचालक, MSME विभाग सदस्य सचिव होंगे।

ऑटोमेटिक शटल पॉवरलूम को मिलेगी सहायता

नई नीति के तहत प्रदेश के प्लेन-सेमी ऑटोमेटिक शटल पावरलूम को आधुनिक शटललेस लूम में उन्नयन करने के लिए किए गए व्यय में से, केंद्र सरकार से प्राप्त वित्तीय सहायता यदि कोई हो, तो उसके समायोजन के पश्चात शेष राशि का शत-प्रतिशत या उन्नयन लागत की 25% राशि जो भी कम हो, अधिकतम 10 पावरलूम प्रति इकाई पर राज्य शासन की तरफ से प्रदान की जाएगी।

बिजली बिल में यह रियायत

पॉवरलूम में विद्युत प्रदाय में 20 हॉर्स पावर तक की क्षमता के पावरलूम को एक रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से और 20 हॉर्स पावर से अधिक परंतु 150 हॉर्स पावर तक की क्षमता के पावरलूम को एक रुपये 25 रुपए पैसे प्रति यूनिट की दर से रियायत दी जाएगी। साथ ही, विद्युत प्रदाय में 150 हॉर्स पावर तक की क्षमता के पावरलूम को फिक्स चार्जेस और न्यूनतम प्रभार एवं वास्तविक खपत के अंतर की राशि शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति किए जाने का नीति में प्रावधान किया गया है।

क्लस्टर विकसित करने पर 5 करोड़ तक की प्रतिपूर्ति

पावरलूम के लिए औद्योगिक क्षेत्र, बहुमंजिला औद्योगिक परिसर, क्लस्टर डवलपर को विकास में किए गए व्यय का 60% और अधिकतम 5 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति की जाएगी। पावरलूम को उल्लेखित सहायता संयंत्र एवं मशीनरी में अधिकतम 10 करोड़ रुपए तक का निवेश करने वाली इकाइयों को ही प्राप्त होगी। नीति में कहा गया है कि इस विशेष पैकेज का लाभ प्राप्त करने वाली इकाई नीति में अंतर्गत घोषित अन्य शेष सुविधाएं जो समान प्रकार की न हो को भी पात्रतानुसार प्राप्त कर सकेगी।

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