पीएम किसान सम्मान निधि के लिए एक बार फिर आवेदन शुरू : पूर्व में हुए फर्जीबाड़े को देखते नियम में बड़ा बदलाव : ये दस्तावेज होंगे जरूरी

 

पीएम किसान सम्मान निधि के लिए एक बार फिर आवेदन शुरू : पूर्व में हुए फर्जीबाड़े को देखते नियम में बड़ा बदलाव : ये दस्तावेज होंगे जरूरी

आजमगढ़. करीब आठ महीने के ब्रेक के बाद पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किसानों का पंजीकरण होने लगा है। वैसे पूर्व में हुए फर्जीबाड़ों को देखते हुए इस बार पंजीकरण के नियम में थोड़ी बदलाव किया गया है। अब पंजीकरण में राशन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इससे अपात्र योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे। पात्र किसान जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिल रहा है वे जनसेवा केंद्र पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार ने किसानों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चालू की थी। इसके तहत किसानों के खाते में तीन किश्तों में प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये भेजा जाता है। इसकी गिनती प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में होती है।

पिछले आठ महीने से पोर्टल बंद होने से नए पंजीकरण नहीं हो रहे थे लेकिन फिर अब पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया है। अबकी बार राशन कर्ड अनिवार्य कर दिया गया है। शेष प्रपत्र पहले की तरह हैं। विभाग का कहना है कि राशन कार्ड की अनिवार्यता के साथ रजिस्ट्रेशन के समय मोबाइल फोन पर ओटीपी आएगी। इसके बाद ही पंजीकरण होगा।

पंजीकरण में किसानों को खतौनी की नकल, बैंक पासबुक व आधार कार्ड की छाया प्रति के साथ लेखपाल से सत्यापन फार्म देना होगा। पंजीकृत किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना में पात्र पाए जाने पर उन्हें प्रति माह पांच सौ रूपए के हिसाब से सम्मान के रूप में धनराशि दी जा रही है। उप कृषि निदेशक संगम सिंह ने बताया कि किसानों के आवेदन लिए जा रहें है। जिससे किसानों को परेशानी नहीं हो। वहीं जिन किसानों की ओर से पंजीकरण नहीं कराया गया है। वे किसान तत्काल करा सकते हैं।

आजमगढ़ में 2113 अपात्र किए गए हैं चिन्हित

योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में जिले में 2113 अपात्र किसानों द्वारा योजना का लाभ लेने का मामला प्रकाश में आया है। इनसे धन की वसूली की कार्रवाई में विभाग जुटा हुआ है। वहीं अब तक इस योजना के तहत 791922 किसानों के खातों में अब तक 11 अरब दस करोड़ 18 लाख की धनराशि भेजी जा चुकी है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 2020-21 में डाटा के सापेक्ष पांच प्रतिशत किसानों की जांच हुई तो उसके 31432 किसान इसके जद में आए जिसमें 30580 किसान ही पात्र पाए गए 852 किसानों को अपात्र मिले। वहीं 2021-22 में सरकार ने डाटा के सापेक्ष दस प्रतिशत जांच कराया तो 59117 किसानों का डाटा खंगाला गया। जिसमे 57856 पात्र मिले तो 1261 किन्हीं कारणों से अपात्र मिले हैं। इस प्रकार दो वर्षों में 90549 किसानों की जांच में 2113 किसान अपात्र मिले। शेष पात्रों के खातों में सम्मान निधि जा रही है।

Related Topics

Latest News