e verification app के जरिए किराएदारों की जानकारी नहीं दी तो मकान मालिकों पर होगी FIR

 

e verification app के जरिए किराएदारों की जानकारी नहीं दी तो मकान मालिकों पर होगी FIR

धार। आधुनिकता की तरफ से तेजी से बढ़ रही दुनिया के साथ कदमताल कर लोगों को सरकारी व्यवस्था से जोडऩे के लिए कई नवाचार किए जा रहे है। इसके तहत धार जिला पुलिस ने किराएदारों, कर्मचारी-नौकरी व ड्राइवर के रूप में काम कर बाहरी प्रदेश व अन्य जिले के लोगों की जानकारी पुलिस तक आसानी से पहुंचाने के लिए माय स्मार्ट ई-वेरिफिकेशन ऐप मंगलवार को लांच किया। इस ऐप से मकान मालिकों को अपने यहां किराएदार की जानकारी देने में आसानी होगी। मकान मालिक ऐप डाउनलोड करके संबंधित थाना क्षेत्र सिलेक्ट कर किराएदारों व कामकाज के सिलसिले में बाहर से आने वाले लोगों के दस्तावेज ऐप पर सीधे अपलोड कर सकते हैे। फोटो, परिचय पत्र सहित अन्य जानकारी ऐप पर भरकर पुलिस को जानकारी दे सकेंगे।

एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने मंगलवार को एसपी ऑफिस सभाकक्ष में इस ऐप को लांच किया। इस दौरान एएसपी देवेंद्र पाटीदार, उप पुलिस अधीक्षक मोनिका सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। एसपी सिंह ने बताया कि धार जिले से जुड़े एशिया के सबसे बड़े इंडस्ट्रिल एरिया पीथमपुर में सबसे ज्यादा बाहरी श्रमिक रहते हैं, जिनकी जानकारी जुटाना पुलिस के लिए आसान नहीं रहता। धार जिले के अन्य थाना क्षेत्रों का जुड़ाव गुजरात व निमाड़ के जिलों से है। बाहर आपराधिक गतिविधि से जुड़े लोग आकर फरारी किराएदार के रूप में काटते हैं। श्रमिक बनकर भी यहां छिपते है। इस तरह के लोगों की पहचान करने के लिए इस एप को लोगों की सुविधा के अनुसार तैयार किया गया है। ताकि क्राइम की घटनाओं को रोकने में मदद मिल सके।

पीथमपुर में सबसे ज्यादा चुनौती

इंडस्ट्रियल एरिया पीथमपुर में हर व्यक्ति की जानकारी जुटाना पुलिस के लिए आसानी नहीं है। पीथमपुर की औद्योगिक इकाइयों में पूरे देश के लोग काम करते हैं। इस कारण उनकी जानकारी रखने में काफी परेशानी आती है। इस ऐप के लांच के बाद एक कंट्रोल रूम सिर्फ पीथमपुर के लिए बनाया जा रहा है, जिसमें सिर्फ पीथमपुर का ही डेटा कलेक्ट होगा।

जिले के लिए धार में बनेगा कंट्रोल रूम

पूरे जिले में दो कंट्रोल रूम बनाए जाना है। यह कंट्रोल रूम ऐप में प्राप्त होने वाले दस्तावेज का वेरिफिकेशन कर इसे रिकार्ड के रूप में संबंधित थानों को स्टोर करने के लिए भेजेंगे। यदि दस्तावेज की क्वालिटी ठीक नहीं आती है तो कंट्रोल रूम से लोगों को दोबारा दस्तावेज बेहतर क्वालिटी में उपलब्ध करवाने के लिए नोटिफिकेशन दिया जाएगा। यह ऐप सैफ्टी फस्र्ट एजेंसी ने पुलिस के लिए नि:शुल्क तैयार करके दिया है। प्रदेश में किराएदारों का डेटा ऐप के जरिये कलेक्ट करने का नवाचार सिर्फ धार में हुआ है। इसलिए धार इस नवाचार के साथ प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां ऑनलाइन ऐप से जानकारी मिलने लगेगी। इसके लिए सभी टीआइ को मंगलवार को ट्रेनिंग भी दी गई है।

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