REWA : बीमार चल रहे NSG ब्लैक कमांडो का उपचार के दौरान एक दिन पहले निधन : घर में मची चीख-पुकार, अंतिम विदाई देने उमड़ा जन सैलाब

 

REWA : बीमार चल रहे NSG ब्लैक कमांडो का उपचार के दौरान एक दिन पहले निधन : घर में मची चीख-पुकार, अंतिम विदाई देने उमड़ा जन सैलाब

रीवा जिले के चोरहटा थाना अंतर्गत नौबस्ता चौकी के समीपी ग्राम मदधेपुर निवासी सैनिक का निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक काफी समय से बीमार चल रहे एनएसजी ब्लैक कमांडो का उपचार के दौरान एक दिन पहले मौत हो गई थी। जैसे ही निधन की सूचना परिजनों को मिली तो घर में चीख-पुकार मच गई।

बीती रात सैनिक का पार्थिव शरीर गृह गांव पहुंचा तो माहौल गमनीय हो गया। शनिवार को सुबह अंतिम विदाई देने के लिए आसपास के सैकड़ों ग्रामीण उमड़ पड़े। एनएसजी ब्लैक कमांडो को बटालियन के आला अधिकारियों द्वारा हर्ष फायर कर सम्मान के साथ विदाई दी। जिसके बाद उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।

REWA : बीमार चल रहे NSG ब्लैक कमांडो का उपचार के दौरान एक दिन पहले निधन : घर में मची चीख-पुकार, अंतिम विदाई देने उमड़ा जन सैलाब

नौबस्त चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अंकिता मिश्रा ने बताया कि गोविंद प्रसाद कोल (32) निवासी मदधेपुर दिल्ली स्थित एनएसजी में ब्लैक कमांडो थे। वे दिवाली पर छुट्टी में गांव आए थे। तब से उनकी तबियत खराब थी। चिकित्सकों का दावा था कि उनकी किटनी या फिर लीवर में कुछ दिक्कत थी। तीन दिन पहले उनको बीमारी के हालत में रीवा शहर स्थित चिरायु अस्पताल में दाखिल कराया गया।

लेकिन जब तबियत में सुधार नहीं हुआ तो परिजन जबलपुर स्थित निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। एनएसजी ब्लैक कमांडो के बीमारी के दौरान मौत की सूचना दिल्ली स्थित मुख्यालय को दी गई। ऐसे में देर रात सेना के अधिकारी बटालियन की मदद से शव को लेकर गृह ग्राम पहुंचे थे।

अंतिम दर्शन में उमड़ा जन सैलाब

जिला प्रशासन की तरफ से अंतिम दर्शन में एडीएम शैलेन्द्र सिंह, नायब तहसीलदार रत्नराशि पाण्डेय, चोरहटा थाना प्रभारी निरीक्षक विद्यावारिध तिवारी, नौबस्त चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अंकिता मिश्रा सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। जहां भारत माता के जय कारों के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई थी। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को सैनिक सम्मान के विदाई देकर भाई ने मुखाग्नि दी।

सैनिक के दो बच्चे और एक पत्नी के गर्भ में

निधन हुए सैनिक के दो बच्चे है। बेटा 5 साल तो बेटी 4 वर्ष की है। जबकि पत्नी के गर्भ में एक बच्चा है। इतनी जल्दी बच्चों के सिर से पिता का हाथ उठने के कारण पूरा गांव में मातम पसरा हुआ है। पत्नी ने अधिका​रियों के सामने शहीद सैनिक की भांति सम्मान राशि की मांग की है। जिससे आगे का जीवन चल सके। हालांकि एनएसजी के अधिकारियों ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

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