MP : बीजेपी को अपने ही विधायक ने घेरा : कन्यादान में 32 करोड़ का हेरफेर, विस अध्यक्ष ने दिए जांच के निर्देश

 

MP : बीजेपी को अपने ही विधायक ने घेरा : कन्यादान में 32 करोड़ का हेरफेर, विस अध्यक्ष ने दिए जांच के निर्देश

सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने शिवराज सरकार की विवाह सहायता योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। शर्मा ने विधानसभा में इसको लेकर बुधवार को सवाल लगाया था। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सब-कुछ बंद था, तब सिरोंज जनपद में सरकारी योजना के तहत 6 हजार कन्यादान के लिए 51-51 हजार रुपए स्वीकृत किए गए। यह राशि भवन व अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों को विवाह सहायता के नाम से निकाली गई।

इसे लेकर विधायक ने प्रश्नकाल में शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरुद्ध एक साल से कार्रवाई नहीं की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने निर्देश दिए कि राज्य स्तर से जांच कराएं।

जवाब में श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि सिरोंज जनपद पंचायतों में विवाह सहायता योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है। विदिशा जिला पंचायत के सीईओ ने जवाहर सिंह और गोविंद सिंह की शिकायत पर जांच कराकर रिपोर्ट दे दी है। इसमें पता चला कि विवाह पहले हो गया। पंजीयन बाद में कराया गया, जो नियमानुसार गलत है। कार्रवाई की जा रही है।

विस अध्यक्ष ने दिए जांच के निर्देश

इस पर विधायक ने कहा कि जब कोरोना काल में 6 हजार विवाह हो गए। 30 करोड़ रुपए का भुगतान भी हो गया? इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। 20-20 हजार रुपए की रिश्वत ली गई है। विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. गिरीश गौतम ने भी कहा कि एक ही जनपद में इतने विवाह, वो भी कोरोना काल में होना संदेह का कारण हैै। राज्य स्तर से जांच कराई जाए। इस पर शर्मा ने कहा कि सीईओ को वहां से हटाकर और निलंबित करके जांच होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है, तो भ्रष्टाचार यूं ही चलता रहेगा।

डाॅ. साधो व मंत्री गोविंद सिंह के बीच बहस

पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक डाॅ. विजयलक्ष्मी साधौ ने अतिवृष्टि से हुई क्षति का मुआवजा किसानों को नहीं दिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों को सिर्फ 25% राशि दी गई है। यह भी कमलनाथ सरकार के समय वितरित की गई थी। शेष 75% राशि के बारे में कहा जा रहा है कि समय-सीमा नहीं बताई जा रही है। इस पर उनकी राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत से बहस हो गई।

इससे पहले, राजपूत ने कह दिया कि जैसे प्रश्न पूछेंगे, वैसा उत्तर देने के लिए तैयार हैं। बात बढ़ती देख संसदीय कार्यमंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा ने हस्तक्षेप किया। कहा कि अतिशीघ्र राशि बांटेंगे, पर समय-सीमा बताना संभव नहीं है। इस पर साधौ ने कहा कि किसान दो साल से परेशान हो रहे हैं, तो डाॅ. मिश्रा ने कहा कि किसान कर्जमाफी का मामला उठा दिया। कहा कि आपके अध्यक्ष (राहुल गांधी का नाम लिए बिना) ने 10 दिन में कर्ज माफी नहीं हुई, तो मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा, कहा था। ऐसे एक माह में तीन और डेढ़ साल में 45 मुख्यमंत्री बदल जाते।

खाद और बिजली बिल के मुद्दे पर विपक्ष का वॉकआउट

विधानसभा में खाद और बिजली बिल में गड़बड़ी के मुद्दे पर सदन में हंगामा हुआ। कांग्रेस के विधायकों ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में खाद की कमी को लेकर हाहाकार मचा है। किसानों को खाद की जगह पुलिस की लाठियां मिल रही हैं। वहीं, कोरोना काल के लाखों रुपए के बिजली बिल थमाए जा रहे हैं। बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन काटे जा रहे हैं।

सत्ता पक्ष ने आरोपों को असत्य करार देते हुए कहा कि किसानों को तो खाद मिल रही है, पर व्यापारियों के गोदाम भरना बंद हो गए हैं। सरकार ने कोरोना काल में बिल वसूली स्थगित की थी। अब समाधान योजना में उपभोक्ताओं को बिल जमा करने की सुविधा दी जा रही है। सरकार के उत्तर से असंतुष्ट होकर कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए दो बार वॉकआउट किया।

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