MP LIVE : नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर एक बार फिर बढ़ी मास्क की बिक्री : 25 नवंबर से 2 दिसंबर तक 2.5 लाख थ्री लेयर और करीब 3500 एन-95 मास्क बिके

 

MP LIVE : नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर एक बार फिर बढ़ी मास्क की बिक्री : 25 नवंबर से 2 दिसंबर तक 2.5 लाख थ्री लेयर और करीब 3500 एन-95 मास्क बिके

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन और तीसरी लहर की आहट और मास्क पर चालान की घोषणा के बाद अब शहर मास्क की बिक्री एक बार फिर बढ़ गई है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजधानी में पिछले 7 दिन में 2.5 लाख लोगों ने मास्क खरीदे, जबकि इसके पहले दूसरी लहर के दौरान 3 महीने में 27 लाख मास्क खरीदे गए थे, लेकिन जुलाई से नवंबर के बीच इनकी बिक्री गिरकर 6 लाख पर आ गई थी।

शहर में बीते 7 दिन में यानी 25 नवंबर से 2 दिसंबर तक 10 बड़े और 3 हजार छोटे मेडिकल स्टोर से 2.5 लाख थ्री लेयर और करीब 3500 एन-95 मास्क बिके हैं। इसके पहले दूसरी लहर कम होने के बाद 25 जून से 24 नवंबर तक हर महीने इन दुकानों से बमुश्किल 1.20 लाख थ्री लेयर मास्क ही बिके, जबकि एन-95 तो 5 माह में मुश्किल से 3000 ही बिके।

गौरतलब है कि दूसरी लहर में 25 मार्च से 24 जून के बीच शहर की इन्हीं मेडिकल स्टोर से 3 महीने में 27 लाख थ्री लेयर मास्क और करीब 15 हजार हैंड सैनिटाइजर लोगों ने खरीद लिए थे। स्वास्थ्य विभाग ने दूसरी लहर में पल्ला झाड़ा: कोरोना की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने 8.66 लाख मास्क व 22 हजार सैनिटाइजर की छोटी बॉटल बांटी थी। दूसरी लहर में सिर्फ 86 हैंड सैनिटाइजर ही बांटे।

मास्क का इस्तेमाल कम हुआ तो बढ़े मरीज

कोविड की दूसरी लहर जून में खत्म हुई थी। इस दौरान शहर में 3010 मेडिकल स्टोर्स से करीब 38 लाख मास्क बेचे गए, लेकिन जुलाई से नवंबर के तीसरे सप्ताह तक सिर्फ 6.10 लाख मास्क ही बिके। मास्क का इस्तेमाल कम होने के कारण सितंबर से नवंबर के बीच हमीदिया, जेपी हॉस्पिटल और एम्स में प्रतिदिन औसतन 1400 मरीज पहुंचने लगे, जबकि अगस्त तक औसतन 350 मरीज ही आ रहे थे।

25 मार्च से 24 जून तक- हर महीने 9 लाख मास्क बिके, औसतन 30 हजार रोजाना

25 जून से 24 नवंबर तक- हर महीने 96 हजार मास्क बिके, औसतन 3200 हर रोज

25 नवंबर से 2 दिसंबर तक- कुल 2.5 लाख मास्क बिक चुके हैं यानी 35714 रोज

बिक्री ट्रेंड को ऐसे समझें

25 मार्च से 24 जून के दौरान दूसरी लहर में एक बड़े मेडिकल से एक महीने में 15 हजार और छोटे स्टोर से 250 थ्री लेयर मास्क बेचे जाते थे। यानी पूरे 3 माह में 27 लाख मास्क बेचे गए। वहीं एन-95 मास्क एक बड़े स्टोर से पूरे माह में औसतन 350 और छोटे स्टोर से औसतन 125 ही बेचे जाते थे। यानी 11.35 लाख मास्क बेचे गए।

तो 82% तक घटी थी ब्रिकी

एक माह में एक बड़े स्टोर से एक हजार थ्री लेयर मास्क और 50 एन-95 मास्क खरीदे गए। वहीं 3000 छोटे स्टोर से औसतन 85 हजार मास्क हर माह बिके। 5 माह में करीब 4.80 लाख थ्री लेयर मास्क ही बेचे गए। यानी करीब 82 फीसदी इस्तेमाल कम हुआ। हैंड सेनेटाइजर 10 बड़े स्टोर से औसतन हर महीने 1500 और छोटे स्टोर से औसतन 35 ही बिके हैं।

तीसरी लहर की आहट से बिक्री एकदम 10 गुना बढ़ गई

दूसरी लहर के दौरान रोज 30 से 32 हजार मास्क शहर के लोग खरीदते थे, लेकिन जब लहर कम हुई तो रोज 3-4 हजार मास्क की सेल रह गई। लोग थोड़े बेफिक्र हो गए, लेकिन अभी जब तीसरी लहर की आहट हुई तो 7 दिन में सेल 10 गुना बढ़ गई। यह अच्छी बात है, लेकिन इसे लोगों को आदत बनाना होगा। -ललित जैन, अध्यक्ष, भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन

RKMP स्टेशन का मामला- रजिस्टर में जानकारी दर्ज कराई, फिर बिना सैंपल दिए भागी युवती

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को ध्यान में रखते हुए शासन और प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। रेलवे स्टेशन पर दूसरे शहर से आने वाले हर यात्री की कोरोना जांच कराई जा रही है। इसी बीच कई यात्री जांच नहीं कराने की जिद पर अड़ जाते हैं। ऐसा ही वाक्या शुक्रवार को रानी कमलापति स्टेशन पर देखने को मिला। दरअसल, सुबह करीब 10 बजे एक युवती पंजाब मेल ट्रेन से स्टेशन पर उतरी।


वह प्लेटफॉर्म-1 से बाहर निकल रही थी, तभी यहां तैनात सैंपलिंग टीम ने उसे रोककर सैंपल देने को कहा। ऐसे में युवती ने अपनी जानकारी तो रजिस्टर में दर्ज कराई, लेकिन सैंपल देने को तैयार नहीं हुई। तमाम समझाइश के बाद भी जब युवती नहीं मानीं तो पुलिस को बुलाना पड़ा।


हालांकि, पुलिस के दखल के बाद भी वह सैंपल देने के लिए तैयार नहीं हुई। सैंपलिंग टीम के अधिकारियों की मानें तो युवती बिना सैंपल दिए ही भाग निकली। हालांकि, दैनिक भास्कर ने जब उक्त युवती से संपर्क किया तो उसने बताया कि वह स्टेशन से भागकर नहीं बल्कि, सैंपल देकर आई है।


सैंपल से इनकार नहीं कर सकते


एसडीएम मनोज वर्मा की मानें तो वर्तमान परिस्थिति में जब कोरोना का खतरा बढ़ गया है। डब्ल्यूएचओ के अलावा केंद्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर सैंपलिंग की जा रही है। ऐसे हालात में कोई यात्री सैंपल देने से इनकार नहीं कर सकता है। हम ना सिर्फ सैंपल लेने के लिए, बल्कि जरूरी होने पर संस्थागत क्वारेंटाइन भी कर सकते हैं।


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