REWA : संदिग्ध मौत पर तीन दिन चला बवाल : 302 हत्या का प्रकरण दर्ज करने के बाद परिजन मानें, पुलिस प्रशासन ने ली राहत की सांस

 

REWA : संदिग्ध मौत पर तीन दिन चला बवाल : 302 हत्या का प्रकरण दर्ज करने के बाद परिजन मानें, पुलिस प्रशासन ने ली राहत की सांस

रीवा जिले के गुढ़ थाना अंतर्गत अमहा गांव में गुरुवार को हुई संदिग्ध मौत का बवाल आखिरकार शांत हो गया है। पुलिस के मुताबिक युवक की मौत पर तीन दिन तक बवाल चला है। अंतत: 302 हत्या का प्रकरण दर्ज करने के बाद परिजन मानें। तब पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस की। हालांकि इस दौरान तीन दिन में दो बार पीएम कराया गया है। लेकिन अंतिम संस्कार अब रविवार की सुबह कराया जाएगा।

एएसपी शिवकुमार वर्मा ने बताया कि गढ़ थाना अंतर्गत अमहा निवासी राधे साकेत (45) की मौत गुरुवार को हो गई थी। मौत की जानकारी मिलने पर परिजन बवाल मचाना शुरू कर ​दिए। शुक्रवार को काफी समझाइश के बाद गंगेव अस्पताल में पीएम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया था।

शनिवार को अंतिम संस्कार करने की बजाय परिजन रीवा डेड बॉडी ला रहे थे। जहां वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वासन के बाद दोबारा संजय गांधी अस्पताल में विशेष चिकित्सकों की टीम ने पीएम किया। साथ ही हत्या का प्रकरण दर्ज किए जाने के आश्वासन पर परिजन मानें तो शव गृह ग्राम भेजवाया गया।

आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े

ग्रामीण युवक की मौत को हत्या बताते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इधर संजय गांधी अस्पताल में किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। एएसपी ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक शीला त्यागी, अमित कर्नल, मनोज सिद्धार्थ सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

लालगांव और गंगेव में रोका

शनिवार को ग्रामीण ट्रैक्टर में शव को रख कर संजय गांधी अस्पताल रीवा ला रहे थे। इसके पहले की ग्रामीण अस्पताल पहुंच पाते पुलिस ने उन्हें लालगांव में रोक दिया। इसके बाद ग्रामीण गंगेव क्षेत्र से शव को रीवा लाने का प्रयास करते किए। लेकिन यहां भी पुलिस ने ग्रामीणों को रोक दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने हंगामा-प्रदर्शन भी किया।

ट्रैक्टर से शव लेकर पहुंचे अस्पताल

पुलिस ने बताया कि ग्रामीण शव का दोबारा पीएम संजय गांधी अस्पताल में चिकित्सकों की टीम से कराना चाह रहे थे। पुलिस ने ट्रैक्टर की बजाय एंबुलेंस से शव को रीवा ले जाने की बात कही। लेकिन ग्रामीण ट्रैक्टर से ही शव को रीवा ले जाने की बात पर अड़े रहे। अंत में काफी प्रयास के बाद जब नहीं मानें तो ट्रैक्टर में ही शव को रीवा लाने दिया गया।

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