ALERT : भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहा Omicron variant : इतने दिन में लक्षण दिखना हो जाते है शुरू

 

ALERT : भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहा Omicron variant : इतने दिन में लक्षण दिखना हो जाते है शुरू

डेल्टा वैरिएंट के बाद भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) का प्रसार सबसे तेजी से हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बुधवार को देश में 58,097 मामले सामने आए और वहीं ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) के भी लगभग 2135 मामले सामने आए. ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण की रफ्तार बहुत ज्यादा है इसलिए इससे निपटने के लिए तमाम राज्यों में पाबंदियां लगाई जा रही हैं और लोगों से भी अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है.

कोरोना के जितने भी वैरिएंट अभी तक आए हैं, उनका व्यवहार अलग-अलग रहा है, यहां तक कि हर वैरिएंट में लक्षण और उनके दिखने का समय भी अलग है. उदाहरण के तौर पर, ओमिक्रॉन के संक्रमण में हल्के लक्षण ही दिखाई दे रहे हैं. ओमिक्रॉन से संक्रमित ज्यादातर मरीजों में सांस से जुड़ी दिक्कतें नहीं देखने को मिल रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं ओमिक्रॉन के लक्षण पहली बार कब नजर आते हैं ?

कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले में संक्रमण होने से लेकर लक्षण दिखने तक के समय में बदलाव हुआ है. शिकागो डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ कमिश्नर डॉ. एलिसन अरवाडी (Dr. Allison Arwady) ने कहा, "अब किसी व्यक्ति के COVID के संपर्क में आने और उसमें संक्रमण फैलने में लगने वाला वक्त कम हो गया है, लक्षणों के दिखने और संक्रमण फैलने में भी पहले की तुलना में कम समय लग रहा है. वहीं, कई लोगों को रिकवर होने में भी कम समय लग रहा है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कई लोगों को वैक्सीन भी लगाई गई है."

कितनी जल्दी दिखते हैं कोविड के लक्षण

अमेरिका के सीडीसी (सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन) की नई गाइडलाइन के मुताबिक, किसी नॉर्मल व्यक्ति को वायरस के संपर्क में आने के 2 से 14 दिनों के अंदर COVID के लक्षण दिख सकते हैं.

अगर किसी में भी लक्षण नजर आते हैं, तो उसकी तुरंत जांच करानी चाहिए. वहीं कुछ लोगों में हो सकता है, लक्षण न भी दिखें, लेकिन वे वायरस फैला रहे हों. एक्सपर्ट के मुताबिक, कई बार लक्षण दिखने से पहले ही व्यक्ति से दूसरों में संक्रमण फैलना शुरू हो जाता है.

COVID के संपर्क में आए लोग सबसे अधिक संक्रामक कब होते हैं 

सीडीसी के मुताबिक, गाइडलाइन को अपडेट किया गया था, जो बताता है कि व्यक्ति में लक्षणों की शुरुआत से 1 से 2 दिन पहले और लक्षण दिखने के 2 से 3 दिन के बाद तक दूसरों में संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.

डॉ. अरवाडी के मुताबिक, "सीडीसी के डेटा से पता चलता है कि 7 दिनों के बाद इस वायरस के फैलने का कोई खतरा नहीं है." वे 5 से 7 दिन इस पर भी निर्भर करते है कि वे लोग वैक्सीनेट हैं या उनकी स्थिति कैसी है, लेकिन वायरस फैलने का खतरा बहुत कम हो जाता है. बिना लक्षणों वाले लोगों के लिए, सीडीसी गाइडलाइन में कहा गया है कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कम से कम 2 दिन पहले उन्हें अधिक संक्रामक माना जाता है.

वायरस के संपर्क में आने के बाद टेस्ट कब कराएं

सीडीसी के मुताबिक, अगर कोई भी वायरस के संपर्क में आता है, तो उसे संपर्क में आने के 5 दिन बाद या जैसे ही कोई लक्षण दिखाई दे, तुरंत टेस्ट कराना चाहिए. यदि किसी को लक्षण दिखते हैं, तो उसको तुरंत क्वारंटाइन हो जाना चाहिए, जब तक कि नेगेटिव रिपोर्ट न आ जाए. 

इलिनॉइस डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ के निदेशक डॉ. नगोजी इजीके (Dr. Ngozi Ezik) के अनुसार, संक्रमित होने और उसके लक्षण दिखने के बीच का समय बदल सकता है, लेकिन जो लोग जल्दी टेस्ट करा लेते हैं, उन्हें नेगेटिव रिपोर्ट आने के कुछ दिन बाद भी टेस्ट कराना चाहिए. 

अगर लक्षण दिख रहे हैं और फिर आपने तुरंत टेस्ट कराया है और वो टेस्ट नेगेटिव आया है तो यह नहीं सोच लेना है, कि आप नेगेटिव हैं. कोविड के कुछ ऐसे लक्षण जैसे गले में खराश, सिरदर्द, हल्का बुखार, बदन दर्द भी हैं. अगर रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद आपको इनमें से कुछ लक्षण दिखें तो कुछ दिन बाद फिर से कोविड टेस्ट कराएं.

क्वारंटाइन और आइसोलेट कब होना चाहिए

जिन्हें लगता है कि वे किसी ऐसे शख्स के संपर्क में आए हैं जो कि कोविड पॉजिटिव है और उन्हें वैक्सीन नहीं लगी हुई है, तो उन्हें खुद को तुरंत क्वारंटाइन कर लेना चाहिए. इसके बाद देखना चाहिए कि लक्षण दिख रहे हैं या नहीं. अगर लक्षण नहीं दिखते हैं तो एक्सपर्ट की सलाह पर क्वारंटाइन से बाहर आ सकते हैं. वहीं सीडीसी के मुताबिक, जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, भले ही उनका वैक्सीनेशन हुआ हो, उन्हें तुरंत आइसोलेट हो जाना चाहिए. 

डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए?

जिन लोगों में कोविड के गंभीर लक्षण हैं या फिर जिन्हें नीचे बताई हुई परेशानियां हो रही हैं, उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 

सांस लेने में तकलीफ

सीने में लगातार दर्द या दबाव

जागने या जागते रहने में परेशानी

त्वचा का रंग बदलना 

होंठ या नाखून का रंग बदलना, आदि.

होम टेस्ट में पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर क्या करें ? 

जो लोग कोविड किट से होम टेस्ट करते हैं और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उन्हें नई गाइड लाइन फॉलो करते हुए डॉक्टर्स को सारी जानकारी देनी चाहिए. होम टेस्ट वाले लोगों को भी यह मान लेना चाहिए कि कोविड टेस्ट में उनका रिजल्ट सही आया है और वायरस फैलने के जोखिम को कम करने के लिए उन्हें दूसरों से अलग रहना होगा. 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और कोविड-19 हेल्प सेंटर पर कॉल करके भी आप मदद ले सकते हैं.

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