MP : कृषि खेत पाठशाला : फसलों को बचाना तो करें यह उपाय : पढ़िए। ..

 

MP : कृषि खेत पाठशाला : फसलों को बचाना तो करें यह उपाय : पढ़िए। ..

कृषि विज्ञान केंद्र सीधी के वैज्ञानिकों, कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार कृषि खेत पाठशाला एवं कृषि वैज्ञानिक भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान अधिकारी जिले के बरमबाबा, डोल कोठार, पटपरा, कठौतहा, चीलरी, शिवपुरवा, टिकट और मवई में डीएसवही भ्रमण कर जायजा लिया।

जहां बारिश हो जाने से किसान के फसल में एक तरफ सुधार देखा गया तो वहीं ऐसा भी देखने को मिला की चना की फसल में फली छेदक कीट और सरसों की फसल में माहों का प्रकोप हो रहा है।

वैज्ञानिकों ने खेत में खूटी गाड़ने की दी सलाह

कृषि विज्ञान के सदस्य वैज्ञानिक डॉ. धनंजय सिंह ने जिले के किसान भाइयों को सलाह दी कि चने कि फसल को इल्ली से बचाने के लिए बर्ड परचर, एक एकड़ के खेत में 7-8 जगह पर अंग्रेजी के टी आकार की खूटी गाड़े, खूटी के पास थोड़ा सा चावल का छिड़काव कर दें।

जिससे चिड़ियां खूटी पे बैठेंगी और खेत के कीड़ों को खाकर समाप्त कर देंगी। इस विधि में यह ध्यान देने की जरूरत है कि जैसे ही फली में दाना पड़ने लगे तो खूटी को उखाड़कर खेत से हटा दें। अन्यथा चिड़ियां चने की फली को खाना शुरू कर देंगी।

रासायनिक विधि का भी किया जा सकता है प्रयोग

रासायनिक विधि से नियंत्रण के लिए चना की फसल में प्रोपेनोफोस 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। सरसों की फसल में माहो के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोरोपीड 7 मिली प्रति टंकी (15 ली पानी) की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

एक एकड़ खेत में 10 टंकी दवा का छिड़काव करना चाहिए। समय से और उचित मात्रा में दवा का छिड़काव करने से फसलों को कीट से सुरक्षित बचाया जा सकता है।

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