MP : अब मरीजों को एंबुलेंस के लिए नहीं करना होगा घंटों इंतजार जल्द मोबाइल से कैब की तरह मिलेगी सुविधा : कितना होगा किराया जानिए सबकुछ

 

MP : अब मरीजों को एंबुलेंस के लिए नहीं करना होगा घंटों इंतजार जल्द मोबाइल से कैब की तरह मिलेगी सुविधा : कितना होगा किराया जानिए सबकुछ

मध्यप्रदेश में अब मरीजों को एम्बुलेंस के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही समय पर इलाज ना मिलने के अभाव में मरीज की जान भी नहीं जाएगी। क्योंकि जल्द ही आप कैब की तरह एम्बुलेंस भी मोबाइल की मदद से बुक कर सकेंगे। इससे कुछ ही देर में वाहन आपके दरवाजे पर होगा। इसके लिए जल्द ही ऐप लॉन्च किया जाएगा। मरीज इस पर सरकारी एम्बुलेंस भी बुक कर सकेंगे। इसके लिए तय राशि चुकानी होगी।

ऑनलाइन बुक होने वाली एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर भी होगा। सुविधा के लिए प्रदेश में करीब 500 एम्बुलेंस भी बढ़ाई जा रही हैं। अब तक 108 एम्बुलेंस और जननी एक्सप्रेस वाहनों से मरीजों को सिर्फ सरकारी अस्पताल जाने का नियम था। हालांकि सीमित संख्या होने की वजह से कई बार वो नहीं भी आ पाती थीं। 

अब तक क्या था

अब तक सरकारी एम्बुलेंस और जननी एक्सप्रेस ही उपलब्ध होती है। यह सुविधा सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को ही मिलती है। कई बार घंटों इंतजार भी करना पड़ता है। कई बार एम्बुलेंस नहीं होने से समय पर मरीज को इलाज नहीं मिल पाता और इलाज के अभाव में वह दम तोड़ देता है।

आगे क्या होगा

अगले महीने यानी 1 मार्च से प्रदेश में एम्बुलेंस वाहनों का संचालन जय अंबे इमरजेंसी मेडिकल सर्विस करेगी। वर्तमान में सर्विस दे रही जिगित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड काे दिए गए एक्सटेंशन की टाइम लाइन 28 फरवरी को खत्म हो रही है। प्रदेश में एम्बुलेंस वाहनों की संख्या 1446 से बढ़ाकर 2052 की जाएगी।

कैसे बुक करेंगे

कंपनी मोबाइल ऐप लॉन्च करेगी। इसमें निजी कैब की तरह एम्बुलेंस (ALS,BLS, जननी एक्सप्रेस) बुक कर सकेंगे। इसमें कैब की तरह सुविधा होगी। इसके अलावा 108 के कॉल सेंटर पर कॉल की भी सुविधा है।

कितना होगा किराया

वेंटिलेटर सुविधा युक्त एडवांस लाइफ सपोर्ट (ALS): 21.60 रुपए प्रति किमी अधिकतम किराया होगा।

बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS): 20.60 रुपए प्रति किमी किराया होगा।

जननी एक्सप्रेस: 16.50 रुपए प्रति किमी किराया होगा।

किस एम्बुलेंस में क्या सुविधा

BLS: इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (EMT), ऑक्सीजन, बीपी इंस्ट्रूमेंट, पल्स ऑक्सीमीटर समेत फर्स्ट एड किट सहित जरूरी उपकरण।

ALS: वेंटिलेटर के साथ मल्टी पैरा मॉनिटर, बीपी, पल्स ऑक्सीमीटर जैसे उपकरण और एक टेक्नीशियन मौजूद रहेगा।

इसका फायदा क्या होगा

एम्बुलेंस के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

प्राइवेट एम्बुलेंस वाले मनमाना किराया नहीं ले सकेंगे।

मरीज समय पर अस्पताल पहुंच सकेगा।

चार तरह के मरीजों को मुफ्त सुविधा

सरकारी अस्पताल जाने वाले मरीजों को एम्बुलेंस निःशुल्क मिलेगी।

आयुष्मान कार्ड धारियों, गर्भवती महिलाओं, घायलों, कुपोषित बच्चों को निःशुल्क सुविधा।

कैब की तरह लोकेशन भी देख सकेंगे

अब तक एम्बुलेंस बुलाने के लिए सिर्फ 108 नंबर पर कॉल करना होता है। इसमें एम्बुलेंस कितनी देर में आएगी, यह पता नहीं चल पाता है। कैब की तरह नई सुविधा में एम्बुलेंस की लोकेशन और मूवमेंट को ऐप पर देख सकेंगे। GPS के माध्यम से ड्राइवर को भी आसानी होगी। ड्राइवर को कॉल कर आसानी से लोकेशन बता सकते हैं।

बड़े शहरों में मिलेगी राहत

NHM के अफसरों की मानें तो टेंडर में दिए गए रेट्स के मुताबिक कंपनी 21.60 रुपए प्रति किमी से ज्यादा नहीं ले सकेगी। गर्भवती महिलाओं, घायलों, आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों जैसी चार कैटेगरी के मरीजों के लिए एम्बुलेंस निःशुल्क रहेगी। अब 21.60 रूपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से वेंटिलेटर सुविधा युक्त 108 एम्बुलेंस मिल सकेगी। इससे इंदौर, भोपाल, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में मरीजों को आने-जाने में राहत मिलेगी।

वेंटिलेटर युक्त ALS एम्बुलेंस 167 होंगी

मौजूदा व्यवस्था के अनुसार प्रदेश में अभी 108 एम्बुलेंस सेवा के1446 वाहन हैं। इनमें 840 जननी एक्सप्रेस का संचालन वेंडर्स के जरिए हो रहा है। 556 बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एम्बुलेंस और 50 एडवांस लाइफ (ALS) एम्बुलेंस चल रही हैं। नई व्यवस्था में अब प्रदेश भर में 2052 एम्बुलेंस की तैनाती की जाएगी। अब वेंटिलेटर सुविधा युक्त ALS एम्बुलेंस की संख्या 50 से बढ़ाकर 167 की जाएगी।

एक्सपर्ट्स ने देखे वाहन

मंगलवार को NHM के डायरेक्टर डॉ. पंकज शुक्ला की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय एक्सपर्ट्स कमेटी ने निरीक्षण किया। टेंडर के प्रपोजल में दी गई शर्तों के मुताबिक स्पेसिफिकेशन के अनुसार प्रदेश में 1002 संजीवनी, 108 एम्बुलेंस वाहन और 1050 जननी एक्सप्रेस वाहनों का संचालन तीन चरणों में किया जाना है।

इस टीम ने जय अंबे कंपनी के वाहनों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने D-Type (Advance Life Support), C-Type (Basic Life Support), B-Type (Patient Transport Vehicle) एम्बुलेंस के प्रोटोटाइप वाहनों और एंबुलेंस में मौजूद आईटी उपकरणों जैसे MDT Device, GPS Etc., मेडिकल उपकरणों जैसे Multiparamonitor, Defibrillator, Ventilator Etc. काे देखा।

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